नई फसल का पर्व विसुआ मनाया गया
मखदुमपुर, निज संवाददाता। भारतीय संस्कृति में अधिकांश पर त्यौहार फसल चक्र से जुड़ा हुआ है।भारतीय संस्कृति में अधिकांश पर त्यौहार फसल चक्र से जुड़ा हुआ है। विसुआ के प्रति अवधारणा है कि इस मौसम में रबी के...

मखदुमपुर, निज संवाददाता। प्रखंड मे विसुआ पर्व परंपरागत तरीके से मनाया गया। इस अवसर पर सत्तू, गुड और खट्टे आम खाने का प्रचलन है। पर्व के अवसर पर बहुत से घरों में पूर्वजों की याद में तर्पण भी दिया जाता है। पितरों को तर्पण के बाद सत्तू और गुड़ गरीबों और ब्राह्मणों को दान दिया जाता है। भारतीय संस्कृति में अधिकांश पर त्यौहार फसल चक्र से जुड़ा हुआ है। विसुआ के प्रति अवधारणा है कि इस मौसम में रबी के फसल घर आ जाते हैं। नई फसल के चना या इसके साथ जौ, गेहूं आदि का मिला हुआ सत्तू घरों में बनाया जाता है। इस सीजन में नए गुड भी आ जाते हैं। साथ ही आम के टीकोर बड़े हो जाते हैं। इसलिए इस त्यौहार के अवसर पर सत्तू, गुड और खट्टे आम खाया जाता है। हालांकि ग्रामीण क्षेत्र में भी घर में सत्तू बनाने का प्रचलन समाप्त होते जा रहा है। बहुत कम घरों में सत्तू तैयार किया जाता है। फिर भी त्यौहार के रूप में यह प्रथा प्रचलन में बना हुआ है। लोग बाजार से खरीद कर सत्तू लाते हैं। बाजार में किराना दुकानों एवं सत्तू के दुकानों में सतु, गुड की बिक्री भी अधिक देखी गई।
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