अब ड्राइविंग स्कूल से ट्रेनिंग पाने वाले ही बना सकेंगे लाइसेंस: डीटीओ
अब ड्राइविंग स्कूल से ट्रेनिंग पाने वाले ही बना सकेंगे लाइसेंस: डीटीओ अब ड्राइविंग स्कूल से ट्रेनिंग पाने वाले ही बना सकेंगे लाइसेंस: डीटीओ

जमुई। कार्यालय संवाददाता जमुई जिले में दो ड्राइविंग स्कूल को स्वीकृति मिली है। जिसमें दोनों बन कर तैयार है। जमुई में बने ड्राइविंग स्कूल का आईडी निर्गत किया जा चुका है। जबकि सोनो का आई विभाग से आने वाला है। जिले में इन दोनों ड्राइविंग स्कूल से ट्रेनिंग लेने वाले लोगों को लाइसेंस निर्गत किया जाएगा। उक्त बातें डीटीओ मो. इरफान आलम ने बताई। ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के नियमों में बदलाव की तैयारी की जा रही है। अब किसी मान्यता प्राप्त ड्राइविंग स्कूल से प्राप्त ट्रेनिंग सर्टिफिकेट के आधार पर भी आप ड्राइविंग लाइसेंस बना सकेंगे। ड्राइविंग लाइसेंस के संशोधित नियम के अनुसार अब डीएल के लिए किसी भी मान्यता प्राप्त ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल में रजिस्ट्रेशन करवा ट्रेनिंग लेने के बाद वहीं से टेस्ट पास करना होगा, जो लोग ये टेस्ट पास करेंगे उनको स्कूल की तरफ से एक सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा, इस सर्टिफिकेट के आधार पर आपका डीएल बनाया जाएगा। शहर में जमुई मोटर ड्राइविंग स्कूल खैरा रोड में चल रहा है।
थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों पास करना होगा जरूरी ड्राइविंग लाइसेंस के लिए शिक्षण पाठ्यक्रम भी तैयार किया गया है, इसे थ्योरी और प्रैक्टिकल दो भागों में बांटा गया है। जैसे लाइट मोटर व्हीकल यानि (एलएमवी) के लिए कोर्स की अवधि 4 हफ्ते की होगी, जो 29 घंटे चलेगी। जबकि प्रैक्टिकल के लिए आपको सड़कों, हाइवे, शहर की सड़क, गांव के रास्ते, रिवर्सिंग और पार्किंग आदि के लिए 21 घंटे का समय देना होगा। बाकी के 8 घंटे आपको थ्योरी पढ़ाई जाएगी।
अवैध रूप से चल रहे ड्राइविंग स्कूल होगा बंद: जिले में दो को बिहार सरकार द्वारा जारी मानक के अनुसार निर्माण कराया गया है। इसके अलावा जो अवैध रूप से ड्राइविंग स्कूल का संचालन कर रहे हैं। उन्हें बंद किया जाएगा।
ट्रेनिंग सेंटरों के लिए भी गाइडलाइंस जारी
• ट्रेनिंग सेंटर्स के पास दोपहिया, तिपहिया और हल्के वाहनों के लिए कम से कम 1 एकड़ जमीन, भारी यात्री/ माल वाहन या ट्रेलरों के लिए 2 एकड़ जमीन होना जरूरी है।
• ट्रेनर का कम से कम 12वीं कक्षा पास होना जरूरी, साथ ही कम से कम 5 साल ड्राइविंग का अनुभव होना चाहिए, यातायात नियमों की जानकारी होनी चाहिए।
• एक शिक्षण पाठ्यक्रम भी निर्धारित किया है जिसके अनुसार हल्के मोटर वाहन चलाने के लिए पाठ्यक्रम की अवधि 4 हफ्ते होगी जो 29 घंटों तक चलेगी, इसमें थ्योरी और प्रैक्टिकल शामिल होंगे।
• रिवर्सिंग और पार्किंग, चढ़ाई और डाउनहिल गाड़ी चलाना के लिए सीखने में 21 घंटे खर्च करने होंगे। थ्योरी में रोड शिष्टाचार, रोड रेज, ट्रैफिक शिक्षा, प्राथमिक चिकित्सा आदि शामिल होंगे।
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