वार्ड नंबर 21 गोसाई टोला में जलजमाव से आम लोग नाराज
वार्ड नंबर 21 गोसाई टोला में जलजमाव से आम लोग नाराज
अजय कुमार, लखीसराय। नगर परिषद क्षेत्र अंतर्गत वार्ड नंबर 21 गोसाई टोला इन दिनों जलजमाव की गंभीर समस्या से जूझ रहा है। लगभग तीन हजार की आबादी वाला टोला इन दिनों नरकीय जिदंगी जीने को मजबूर है। बारिश से पहले ही नालियों का पानी सड़कों पर फैल गया है जिस कारण गली-गली में गंदगी फैली हुई है। इससे न सिर्फ लोगों की आवाजाही में बाधा आ रही है, बल्कि कई घरों में गंदा पानी घुस जाने से स्वास्थ्य संबंधी खतरे भी उत्पन्न हो गए हैं। गोसाई टोला के सभी गलियों के नाले में गंदगी पसरा हुआ है। नाले में प्लास्टिक व बोरा के साथ मिट्टी का गंदगी भर जाने के कारण पानी गली के सड़क पर बह रहा है।
हाल यह है कि नाले के गंदे पानी से ही गुजरकर कई घरों के लोग आवागमन करते है। स्थानीय निवासियों में इस अव्यवस्था को लेकर भारी आक्रोश है और अब उन्होंने नगर परिषद के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी दे दी है। गोसाई टोला के चंद्रदेव पंडित गोदाम से लेकर आगे कई घर तक की पूरी गली जलजमाव की चपेट में है। उनके द्वारा अपने घर के आगे नाला ऊंचा कर स्वयं बनाया गया जिसके रास्ते लोग उस पर से गुजरते है। वही उनके गोदाम सह घर के आंगन में भी जल जमाव है। जिस कारण वे लोग परेशान हो उठे है। हर घर नल का जल से नाले के गंदे पानी भी अंदर आ जा रहा है। नालियों की समुचित सफाई नहीं होने के कारण पानी सड़कों पर बह रहा है। इस गली में रह रहे लोगों का कहना है कि पिछले कई महीनों से नालियों की कोई नियमित सफाई नहीं की गई है, जिससे नालियां जाम हो गई हैं। आसपास के घरों के बह रहे पानी वह हर घर नल जल योजना के तहत नल से बह रहे पानी ने हालात को और बदतर बना दिया है। लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। सबसे ज्यादा डर उन लोगों को बरसात का सता रहा है जब बारिश होगी तो मनसिंघा पइन के पानी भी घर में घूस जायेंगे। पहले कई जगह गड्डे होने के कारण पानी निकल जाता था अब हर जगह मकान बन जाने से पानी की समस्या सबसे भयावह हो गई है। गोसाई टोला ही नहीं, बल्कि वार्ड नंबर 21 के नगर इलाके की भी स्थिति कमोबेश वैसी ही है। वहां भी नालियां भरी हुई हैं और गंदगी से बदबू फैल रही है। स्थानीय लोगों ने बताया कि बरसात शुरू होने से पहले ही नालियों की सफाई की जानी चाहिए थी, लेकिन नगर परिषद ने कोई तैयारी नहीं की। जिससे बरसात से पहले ही कई सड़कों पर पानी बह रहा है और लोग बीमार पड़ रहे हैं। मोहल्ले के लोगों का कहना है कि यहां के वार्ड पार्षद के द्वारा अभी तक सही तरीके से नाली की सफाई नहीं की जाती है सभी जगह नाली में प्लास्टिक और बोर जमे हुए हैं जिसका पानी भी नहीं बताता है किसी के घर से नलिका पानी बहने के बाद वह सड़क पर आ जाता है और जिससे लोगों को गुजरना मुश्किल हो रहा है। पिछले साल भी ऐसी ही स्थिति थी, आवेदन दिया था, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अबकी बार अगर जल्द समाधान नहीं हुआ, तो सड़कों पर उतरना ही होगा। इस गंभीर समस्या के बावजूद नगर परिषद द्वारा अब तक कोई त्वरित कदम नहीं उठाया गया है। स्थानीय पार्षद से लेकर सफाई कर्मियों तक की जिम्मेदारी तय नहीं हो पा रही है। लोगों का आरोप है कि नगर परिषद केवल कागजों पर सफाई कर रही है, जबकि जमीनी हकीकत इससे उलट है। नगर परिषद के द्वारा प्रत्येक दिन सफाई के नाम पर लगभग 2 लाख रुपए खर्च किए जाते हैं। लेकिन सफाई के नाम पर यहां एक भी मजदूरी इस बार में कभी भी नहीं आता है दो महीने में एक बार कुछ मजदूर आते हैं और एक दिन सफाई करके निकल जाते हैं। वार्ड में शहर में गंदगी फैली रहती है। जबकि नगर परिषद के द्वारा प्रत्येक दिन 300 से अधिक मजदूरों को शहर में सफाई के लिए भेजा जाता है। वह मजदूर किधर जाते हैं कहां जाते हैं। जब शहर की सफाई ही नहीं हो पा रही है तो वह लोग क्या करते हैं। स्थानीय लोगो का कहना है, हर साल यही होता है। नगर परिषद बरसात के बाद नालियों की सफाई की खानापूर्ति करती है, जिससे समस्याएं कम नहीं होतीं बल्कि बढ़ जाती हैं। गंदगी और जलजमाव से डेंगू, मलेरिया, त्वचा रोग और पेट की बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ गया है। बच्चों और बुजुर्गों की सेहत पर सीधा असर दिख रहा है। नाले में गंदगी और कीड़ा के कारण स्कूली बच्चे उसमें हेल कर का जब स्कूल जाते हैं तो वह बीमार पड़ जा रहे हैं इसके लिए भी कोई जागरूकता या कीटनाशक के छिड़काव नहीं होता है। नाली के गंदे पानी के कारण लोगों का जीना दुर्भर हो गया है। बाबजूद इसके सफाई नही किया जाना दुर्भाग्य है। जिससे स्थानीय लोगों और महिलाओं में आक्रोश पनप रहा है। लोगों ने वार्ड पार्षद और स्थानीय जन प्रतिनिधियों से भी सवाल किया है कि आखिर वो जनता की इस समस्या पर चुप क्यों हैं। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि चुनाव के समय नेताओं द्वारा बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं, लेकिन संकट के समय वे नदारद रहते हैं। भारतीय जनता पार्टी के जिला महामंत्री सह 20 सूत्री सदस्य अमरजीत कुमार प्रजापति ने नगर परिषद को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि अगर पांच दिनों के अंदर नालियों की सफाई कर आवागमन सुचारु नहीं कराया गया, तो स्थानीय जनता धरना प्रदर्शन करने को बाध्य हो जाएगी। आवेदन में उन्होंने लिखा है कि नगर परिषद क्षेत्र अंतर्गत वार्ड नंबर 21 की सफाई व्यवस्था चरमरा चुकी है। नालियाँ जाम हैं, गली में पानी भरा है, और लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। अगर अविलंब कार्रवाई नहीं की गई, तो स्थानीय लोगों के साथ मिलकर आंदोलन करने को बाध्य होंगे। वही इस मामले को लेकर मोहल्ले के महिलाओं ने भी अपना आक्रोश दर्ज कराते हुए नगर परिषद के खिलाफ जमकर भड़ास निकाल सभी महिलाएं एक स्वर में सफाई की मांग करते हुए विरोध जताया और जल्द से जल्द सफाई नहीं होने के बाद उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दे डाली। उन्होंने कहा कि नाली का पानी कई घरों के आंगन तक आ गया है। बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे, बुजुर्गों का निकलना दूभर हो गया है। गंदा पानी घर में घुसने से बीमारियाँ फैल रही हैं। बच्चों को सर्दी-खांसी हो रही है, लेकिन नगर परिषद ध्यान नहीं दे रही है। स्थानीय लोगों ने एक स्वर में आवाज बुलंद करते हुए मांग किया कि तत्काल नालियों की सफाई कर जलजमाव हटाया जाए। पूरे वार्ड में नियमित सफाई सुनिश्चित की जाए। स्वास्थ्य विभाग द्वारा मेडिकल कैम्प लगाया जाए। दोषी सफाई कर्मियों और अधिकारियों पर कार्रवाई हो। वार्ड नंबर 21 गोसाई टोला की यह स्थिति लखीसराय नगर परिषद क्षेत्र की गंभीर प्रशासनिक विफलता को उजागर करती है। यदि समय रहते प्रशासन चेता नहीं, तो न सिर्फ जन आक्रोश सड़कों पर दिखाई देगा, बल्कि गंभीर स्वास्थ्य संकट भी पैदा हो सकता है। जनता अब कार्रवाई चाहती है, आश्वासन नहीं। इसके साथ ही सफाई के साथ ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा मेडिकल कैंम्प लगाकर बच्चे व महिलाओं की जांच कराई जाए। पुरे मुहल्ले में गलियों में डीडीटी कार छिड़काव कराने का कार्य किया जाए। टैक्स देने के बाद भी शहर में गांव जैसी हालत बनी हुइ है। नगर परिषद के ईओ अमित कुमार ने कहा कि बोर्ड की बैठक में जल निकासी की समस्या पर विचार हुआ है। नाले का गंदा पानी सडक पर है उसकी जांच कर उसे सफज्ञई किया जाऐगा साथ ही स्थाई निदान पर चर्चा विचार किया जायेगा।
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