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सदर में लगे ब्लड सेपरेटर मशीन व रक्तदाताओं को मिले सरकारी मदद

मधुबनी जिले में कई संगठन रक्तदान के प्रति सजग हैं। महिलाएं भी रक्तदान में सक्रिय हो गई हैं। रक्तदाता समूहों के प्रयास से शिविरों का आयोजन होता है, लेकिन ब्लड बैंकों में खून और संसाधनों की कमी बनी हुई...

Newswrap हिन्दुस्तान, मधुबनीThu, 10 April 2025 06:43 PM
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सदर में लगे ब्लड सेपरेटर मशीन व रक्तदाताओं को मिले सरकारी मदद

 

मधुबनी। जिले में कई संगठन रक्तदान के प्रति काफी सजग हैं। आकस्मिक स्थिति में दिन हो या रात, सर्दी हो या बरसात, इन संगठनों से जुड़े रक्तवीर लोगों की जिंदगी बचाने को तत्पर रहते हैं। खास बात यह है कि अब महिलाएं भी रक्तदान के प्रति सजग हुई हैं। वे भी समय-समय पर बढ़-चढ़कर रक्तदान में हिस्सा लेती हैं। जिले के तमाम अनुमंडलों और प्रखंडों में विभिन्न रक्तदाता समूहों से जुड़कर लोग इस महादान में अपनी हिस्सदारी निभाते हैं। रक्तदान को लेकर लोगों में जागरूकता की कमी की वजह से शहर में कई संस्थाएं जागरूक करने के साथ- साथ रक्तदान शिविर में हुए रक्तदान को अस्पतालों तक पहुंचाकर जरूरतमंदों की मदद करते हैं। रक्तदाता विक्की मंडल, धीरज कुमार, प्रवीण कुमार झा, हर्षनाथ झा, पिंकी देवी, चांदनी देवी का कहना है कि ब्लड बैंकों में खून की कमी न हो, इसके लिए लगातार प्रयास करते हैं। इनकी पीड़ा है कि प्रशासन की ओर से पहल नहीं होता है। सरकार ज्यादा से ज्यादा जागरूकता कार्यक्रम चलाए तो रक्तदाताओं की संख्या बढ़ेगी।

अधिकतर सरकारी ब्लड बैंक रक्त व संसाधानों की कमी से जूझ रहे हैं। मरीजों को समय पर खून उपलब्ध करा पाना चुनौतीपूर्ण हो जाता है। पंकज झा ने कहा कि अस्पतालों में 24 घंटे ब्लड उपलब्ध कराने की व्यवस्था को लेकर संस्थाएं क्षेत्र में हमेशा काम करते आ रहे हैं। सदर अस्पताल के ब्लड बैंक में सेपरेटर मशीन की व्यवस्था नहीं है। इस वजह से ब्लड बैंक में अधिक दिनों तक रक्त नहीं रखा जा सकता है। यह मशीन सिर्फ डीएमसीएच में है। सदर अस्पताल में सेपरेटर मशीन की सुविधा उपलब्ध हो जाए तो जरूरतमंदों को काफी सहूलियत होगी। इस मशीन के उपयोग से बल्ड के सभी कंपोनेंट्स काम में आ जाते हैं। अभी ऐसा नहीं हो पा रहा है और ब्लड का हिस्सा बेकार हो जाता है।

रक्तदान को लेकर जागरूकता की कमी: हीरा देवी, चांदनी देवी आदि का कहना है कि रक्तदान महत्वपूर्ण योगदान है । इसके प्रति जागरूकता की कमी अभी भी है। विभाग की ओर से रक्तदान के प्रति कोई प्रयास नहीं किया जाता है। रक्तदान से जुड़ी संस्थाएं खुद ही इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा रही हैं। रक्तदाता समय-समय पर शिविरों का आयोजन कर रक्त एकत्र कर अस्पतालों को देते हैं। सखी बहिनपा मैथिलानी समूह की छाया मिश्रा ने बताया कि अब वे लोग भी अपनी टीम के साथ समय-समय पर रक्तदान करती हैं। संगठन से जुड़ी महिलाओं द्वारा रक्तदान के प्रति जागरूकता फैलाई जा रही है। शिविरों के आयोजन से लोग आसानी से रक्तदान कर सकते हैं और यह सुनश्चिति किया जाता है कि अस्पतालों में रक्त की कमी न हो। इन शिविरों में रक्तदान करने वालों को यह अहसास होता है कि उनका एक छोटा सा योगदान किसी की जिंदगी को बचा सकता है और यही कारण है कि इन शिविरों में लोगों की भागीदारी बढ़ रही है। इन सबसे अलग जिले में अवैध तरीके से ब्लड का धंधा भी चल रहा है। इस धंधे से जुड़े लोग अस्पतालों की मिलीभगत से पैसे लेकर रक्त पहुंचाते है। इससे जरूरतमंदों तक रक्त नहीं पहुंच पाता है। ब्लड डोनरों की मांग है कि एक ऐसी व्यवस्था बनायी जाए जिसमें जरूरतमंद लोगों को आसानी से ब्लड मिल सके।

बोले जिम्मेदार

सदर अस्पताल में 24 घंटे ब्लड उपलब्ध रहता है। अस्पताल से जुड़ी कई संस्थाएं समय-समय पर शिविर लगाकर रक्तदान करते हैं। ब्लड बैंक में सेपरेटर मशीन है और मशीन अभी आ रही है। अभी सेपरेटर मशीन चालू नहीं हुई है। इस वर्ष चालू हो जाएगी। इसके बाद यहां के लोगों को सहूलियत होगी।

-कुणाल कौशल , नोडल अधिकारी,सदर अस्पताल ब्लड बैंक

 

 

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