बिहार चुनाव से पहले मोदी सरकार का जाति जनगणना का फैसला, जानिए किसने क्या कहा?
मोदी सरकार के जाति जनगणना के फैसले का मु्ख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वागत किया है। और प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया है। वहीं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इसे समाजवादियों और लालू यादव की जीत करार दिया है। वहीं बिहार भाजपा के अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने भी प्रतिक्रिया दी।

बिहार चुनाव से कुछ महीने पहले जनगणना के साथ जातीय गणना कराने के मोदी सरकार के फैसले को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऐतिहासिक और स्वागत योग्य बताया है। उन्होने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी धन्यवाद भी दिया है। वहीं महागठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी आरजेडी ने इसे अपनी जीत करार दिया है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि ये हमारी , समाजवादियों और लालू यादव की विजय है। 30 सालों से हम लोग जातीय जनगणना की मांग कर रहे थे। हालांकि तेजस्वी ये भी कहने से नहीं चूके कि बीजेपी अब इसका क्रेडिट लेगी, लेकिन लड़ाई लालू यादव ने लड़ी है।
वहीं राजद चीफ लालू यादव ने कहा कि जिसे हम समाजवादी जैसे लोग आरक्षण, जातिगणना, समानता, बंधुत्व, धर्मनिरपेक्षता इत्यादि 30 साल पहले सोचते है उसे दूसरे लोग दशकों बाद फॉलो करते है। जातिगत जनगणना की मांग करने पर हमें जातिवादी कहने वालों को करारा जवाब मिला। अभी बहुत कुछ बाकी है। हम इन संघियों को हमारे एजेंडा पर नचाते रहेंगे।
क्या बोले दिलीप जायसवाल
बिहार भाजपा अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल ने देशभर में आगामी जनगणना के साथ जातीय गणना कराने के ऐतिहासिक फैसले के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताते हुए अभिनंदन किया है। उन्होंने कहा कि अब देश सटीक आंकड़ों के जरिए वंचित, शोषित, पीड़ित तबकों की संख्या के अनुसार विकास के लिए योजनाएं बना सकेगा और उन्हें धरातल तक उतार सकेगा।
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी का बयान
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने देश में जातीय जनगणना कराने के केंद्र सरकार के ऐतिहासिक निर्णय के लिए बिहार की जनता की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया है। उन्होंने कहा कि यह कदम सभी जातियों के विकास के सपने को उनकी अस्मिता की रक्षा करते हुए पूरा करने वाली नीतियां बनाने और उन्हें लागू करने में मील का पत्थर साबित होगा।
नित्यानंद राय ने बताया ऐतिहासिक फैसला
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने मोदी सरकार के द्वारा जातीय जनगणना को कैबिनेट कमेटी ऑफ राजनीतिक अफेयर्स की मंजूरी दिए जाने को ऐतिहासिक बताया है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि विपक्ष सिर्फ जातीय जनगणना को लेकर अब तक राजनीति करता रहा है। लेकिन मोदी सरकार हर फैसला लोगों की बेहतरी को ध्यान में रखकर करती है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकारों ने आज तक जाति जनगणना का विरोध किया है। आजादी के बाद की सभी जनगणनाओं में जातियों की गणना नहीं की गयी। पिछली सरकारों ने अपने निजी स्वार्थ और अपनी सत्ता को बचाने के लिए जाति से जुड़ी संवेदनाओं का गलत उपयोग किया। कितने ही वर्षों तक ध्रुवीकरण और तुष्टीकरण से समाज में अलगाव का जहर मिलाया। प्रधानमंत्री मोदी ने सामाजिक गणना का निर्णय लिया है उससे ध्रुवीकरण नहीं, बल्कि नीति परिवर्तन सुनिश्चित होगा। यह जवाबदेही और निष्पक्षता पर आधारित निर्णय है।
प्रशांत किशोर का तंज
जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने जातीय गणना को जनगणना में शामिल किए जाने के केंद्र सरकार के फैसले पर कहा कि किसी प्रकार की गणना जिससे समाज के बारे में बेहतर जानकारी हो, इससे कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन सिर्फ गणना हो जाने मात्र से देश में सुधार नहीं होगा। गणना के नतीजों पर सरकार काम करेगी तब सुधार होगा। बिहार में जातीय जनगणना रिपोर्ट में गरीब परिवारों को 2 लाख रुपए रोजगार के लिए देने की बात कही गई थी, लेकिन आज तक नहीं मिला। सिर्फ किताब खरीद लेने से आप विद्वान नहीं बन जाएंगे, किताब को पढ़कर समझना भी पड़ेगा।