सास को भीड़ रौंद रही थी, दामाद बचा न सका, देर से पहुंचा एंबुलेंस; NDLS भगदड़ पीड़ित की आंखों देखी
- पूनम देवी के दामाद पप्पू गुप्ता घटना को याद कर फफक पड़ते हैं। उन्होंने बताया कि भगदड़ के दौरान लोगों के पैरों से रौंद दिए जाने के कारण सासू मां का दम घुट गया। जब तक मैं उनके पास पहुंचता, वह अधमरा हो चुकी थीं।

नई दिल्ली स्टेशन पर शनिवार की रात मची भगदड़ में सोनपुर के मिर्जापुर गांव की रहने वाली पूनम देवी की भी मौत हुई। पूनम देवी के दामाद पप्पू गुप्ता घटना को याद कर फफक पड़ते हैं। उन्होंने बताया कि भगदड़ के दौरान लोगों के पैरों से रौंद दिए जाने के कारण सासू मां का दम घुट गया। जब तक मैं उनके पास पहुंचता, वह अधमरा हो चुकी थीं। काश 10 मिनट पहले यात्रा स्थगित करने की बात मन में आ गई होती तो सासू मां की जान बच जाती। कुछ देर पहले ही पूनम देवी हंसते हुए गले लगाकर अपनी बेटी से विदा ली थी। महज दो घंटे में ही उन्होंने दुनिया छोड़ दी।
सोनपुर के सिताबगंज के रहने वाले पप्पू अपनी पत्नी के साथ दिल्ली में ही रह कर नौकरी करते हैं। उनकी सास अपनी बेटी पम्मी के यहां आयी थी और शनिवार को छपरा आने के लिए मगध एक्सप्रेस ट्रेन पकड़ कर उन्हें पटना आना था। रेलवे के फुटओवर ब्रिज से प्रयागराज जाने वाले यात्री दौड़तेसीढ़ियों से प्लेटफार्म नंबर 15 के लिए जा रहे थे । सासू मां को लेकर घर के लिए सीढ़ियों से लौट रहा था। भाग रहे लोगों से धक्का खाकर वह गिर पड़ी और दूर जा गिरा। जब तक मैं सासू मां के पास पहुंचा तब तक पैरों से रौंदेने से शरीर अधमरा हो चुका था।
पुलिस और एंबुलेंस के लिए लाख प्रयास करने के बावजूद समय पर व्यवस्था नहीं हो सकी और उनकी स्थिति काफी बिगड़ गई । विलंब से एंबुलेंस की सुविधा जब बहाल हुई तो उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया।
बेलछी मुंडन संस्कार से लौट रही थी ललिता
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार की रात मची भगदड़ में बाढ़ के बेलछी के फतेहपुर निवासी ललिता देवी (34) की भी मौत हो गई। वह संतोष राउत की पत्नी थी। ललिता देवी अपने पति के साथ फतेहपुर में मुंडन संस्कार में शामिल होने के बाद दिल्ली लौटी थी। संतोष का परिवार कई वर्षों हरियाणा के पानीपत में रोजगार की तलाश में गया था।ललिता परिजनों के साथ रहकर काम करती थी।
वह परिवार में ही एक बच्चे के मुंडन संस्कार में शामिल होने फतेहपुर आई थी। मुंडन संस्कार समाप्त होने के बाद पुन वह शनिवार को दिल्ली लौट रही थी। ट्रेन से वह उतरकर दूसरे प्लेटफार्म पर जा रही थी। उसे पानीपत जाना था। इसी दौरान प्लेटफार्म पर मची भगदड़ की शिकार हो गई।
होश आने पर पता चला पत्नी व बेटी नहीं रही
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ में नवादा सदर प्रखंड के पटवासराय निवासी राजकुमार मांझी की पत्नी शांति देवी (45 वर्ष) और पुत्री पूजा कुमारी (06 वर्ष) की मौत हो गयी। हरियाणा के झज्जर में ईंट भट्ठा पर काम करने वाला राजकुमार मांझी के अपने साथ रहे बेटे अविनाश उर्फ गोलू (03 वर्ष) को बचाने के क्रम में कहीं गुम हो गया और होश खो बैठा। होश आने पर जानकारी मिली कि उसकी पत्नी और बेटी की मौत हो चुकी है जबकि बेटा सुरक्षित है।
पूरा परिवार चार माह पूर्व ही झज्जर स्थित ईंट भट्ठे पर गया था। अंतिम सूचना मिलने तक यह जानकारी मिली है कि नई दिल्ली से शव ले कर राजकुमार मांझी पटवासराय के लिए चल पड़ा है। गांव में उसके आने की प्रतीक्षा की जा रही है। वह अपने घर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनने वाले मकान को लेकर किसी काम से यहां परिवार के साथ आ रहा था। रविवार की सुबह घटना की सूचना मिलते ही पटवासराय गांव में मातमी सन्नाटा पसर गया। घटना सुनते ही लोग स्तब्ध रह गए। जिसने भी खबर को सुना, सभी सन्न पड़ गए। परिवार के सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल था।
उनके विलाप से गांव का माहौल गमगीन बना था। इधर, सोशल मीडिया पर भी यह खबर तेजी से फैलने लगा। लोग घटना से काफी मर्माहत दिखे।
मासूम की मौत से घर में मचा कोहराम
वैशाली पातेपुर प्रखंड क्षेत्र के तिसऔता थाना क्षेत्र के डभैच्छ गांव के मासूम नीरज के मौत की खबर मिलते ही गांव में कोहराम मच गया। मृतक दो भाई दो बहन में छोटा लड़का था। अपने चाचा इंद्रजीत पासवान रेखा देवी के साथ दिल्ली से आ रहा था। तीन माह पूर्व अपने चाचा के साथ दिल्ली गया था। अपने चाचा के साथ दिल्ली के टीकड़ी बॉर्डर पर छोटू राम कॉलोनी में रहकर नीरज छठी वर्ग में पढ़ता था। घटना के बाद चाचा इंद्रजीत पासवान, चाची रेखा देवी सहित गांव के तीन लोग और घायल हैं।
बक्सर बेटे का हाथ छूटा मां की चली गई जान
डुमरांव(बक्सर)। भगिना की शादी में शामिल होने आ रही महिला को क्या पता था कि यह सफर उसके जीवन के आखिरी बन जाएगा। दिल्ली स्टेशन पर हुई भगदड़ में डुमरांव के नया भोजपुर की रहने वाली महिला की मौत हो गई। मौत की खबर ने अचानक सभी को चौंका दिया। गांव के घर पर कोहराम मच गया। वहीं भगिना के शादी वाला उत्सव थोड़ा फीका पड़ गया। जब भगदड़ खत्म हुई तो तब महिला का शव बरामद हुआ। डुमरांव के नया भोजपुर गांव निवासी स्व. रवीन्द्र सहाय की पत्नी आशा देवी को दो बेटे है। फिलहाल वह अपने छोटे पुत्र अनुभव सहाय के साथ नोएडा के एक्सटेंशन इलाके में रहती है। बड़ा पुत्र अनुप सहाय वाराणसी में रहता है।
गांव के लोग बताते है कि आशा देवी का गांव से काफी लगाव था। शादी व अन्य उत्सवों में शामिल होने के लिए यहां जरूर पहुंचती थी। इसबार भी भगिना की शादी थी। महिला को शादी में शामिल होने के लिए सिमरी प्रखंड के राजपुर गांव जाना था। परिजनों ने बताया कि सिमरी निवासी ओमप्रकाश श्रीवास्तव के पुत्र दीपेश श्रीवास्तव की 17 फरवरी को शादी होने वाली थी। दीपेश महिला का भगिना था। भगिना की शादी में शामिल होने के पूरे उत्साह के साथ घर से रवाना हुई थी। परिजन के अनुसार नोएडा घर से जब महिला चली थी, तो उसे क्या पता था कि दिल्ली स्टेशन पर काल उसका इंतजार कर रहा है। परिजनों ने बताया कि नई दिल्ली से मगध एक्सप्रेस में रिजर्वेशन था। छोटे बेटे के साथ स्टेशन पहुंच कर ट्रेन में सवार होने के लिए प्लेटफार्म पर जा रही थी। तभी अचानक भगदड़ मच गई। जब तक वृद्ध आशा देवी समझ पाती, तब तक भगदड़ की चपेट में आ गई। भगदड़ शांत होने पर बेटे को मां के रुप में उसका शव मिला। मां से बिछड़ने का यह क्षण हर किसी को भावुक कर रहा था। इधर मौत से नया भोजपुर गांव में कोहराम मचा है। वहीं शादी वाले घर में भी उत्सव पर उदासी की परत चढ़ गई है।