Central Vidyalaya in Motihari Struggles for Permanent Building Amid Limited Resources केंद्रीय वद्यिालय का हो अपना भवन कैंटीन-कॉमन रूम की मिले सुविधा, Motihari Hindi News - Hindustan
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केंद्रीय वद्यिालय का हो अपना भवन कैंटीन-कॉमन रूम की मिले सुविधा

मोतिहारी के केंद्रीय वद्यिालय के छात्रों को अस्थाई भवन और सीमित संसाधनों के कारण समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। वर्ष 2003 से संचालित इस स्कूल को अब तक स्थाई भवन नहीं मिला है। स्कूल के प्राचार्य और...

Newswrap हिन्दुस्तान, मोतिहारीTue, 27 May 2025 07:24 PM
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केंद्रीय वद्यिालय का हो अपना भवन कैंटीन-कॉमन रूम की मिले सुविधा

शहर के भवानीपुर जिरात मोहल्ले में मोतिहारी प्रखंड कार्यालय के समीप अवस्थित नेहरू स्टेडियम में संचालित केंद्रीय वद्यिालय के प्रतिभाशाली छात्र-छात्राएं अस्थाई भवन व सीमित संसाधन के कारण ऊंची उड़ान नहीं भर पा रहे हैं। साल 2003 से संचालित जिले के इस केंद्रीय वद्यिालय को अबतक अपना स्थाई भवन नहीं मिल सका है। स्थापना के तकरीबन 22 साल बाद भी जिला प्रशासन, स्थानीय जनप्रतिनिधि व जम्मिेदार अधिकारी इस वद्यिालय की भूमि तलाश के लिए कागजी घोड़ा दौड़ा रहे हैं। स्कूल के प्राचार्य बी. राम, शक्षिक रत्नेश कुमार, स्वीटी कुमारी, अजय कुमार यादव ने बताया कि स्टेडियम में केंद्रीय वद्यिालय के संचालन से यहां नामांकित बच्चों की पढ़ाई और प्रतिभा प्रभावित हो रही है।

स्कूल प्रशासन चाहकर भी बच्चों व उनकी शक्षिा की बेहतरी के लिए स्थाई नर्मिाण नहीं करा पा रहे है। यहां के बच्चे देश स्तर पर कई खेल व क्विज प्रतस्पिर्द्धाओं में अपनी भागीदारी सुनश्चिति करा चुके हैं। बावजूद इसके स्टेडियम के बंद व तंग कमरों से वह बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। साथ ही उनकी कामयाबी को बेहतर मंच नहीं मिल पा रहा है। स्टेडियम में स्कूल से पढ़ाई में बाधा उत्पन्न होती है। कक्षाओं का सेक्शन नहीं बढ़ पा रहा है। साथ ही वद्यिालय में 12वीं की पढ़ाई शुरू नहीं हो पा रही है। हालांकि हम सीमित संसाधन में बेहतर करने का प्रयास कर रहे हैं। सेक्शन बढ़े तो, वद्यिालय का बढ़े दायरा : अर्चना कुमारी, विशांत खुबियान आदि ने बताया कि वद्यिालय का स्थाई भवन नहीं होने की वजह से विभन्नि कक्षाओं का सेक्शन नहीं बढ़ पा रहा है। एक ही सेक्शन में बच्चों को पढ़ाया जाता है। इस कारण कई कक्षाओं में संख्या मानक से अधिक हो चुकी है। स्टेडियम से बाहर वद्यिालय का अपना भवन हो तो सेक्शन बढ़ेंगे। इसका फायदा स्थानीय बच्चों को होगा।अभी जहां वद्यिालय में 451 वद्यिार्थी पढ़ाई कर रहे हैं, सेक्शन बढ़ने के साथ इनकी संख्या दो हजार से अधिक हो जाएगी। साथ ही और नए-नए शक्षिक भी वद्यिालय को मिल सकेंगे। नहीं हो पा रहा बाल वाटिका व 11वीं में नामांकन : सीमित संसाधन व स्थाई भवन के अभाव में पूर्वी चंपारण के केंद्रीय वद्यिालय में बाल वाटिका व 11वीं कक्षा में बच्चों का नामांकन नहीं हो पा रहा है। इससे वद्यिालय के बच्चों को 10वीं पास करने के पश्चात 11वीं में नामांकन के लिए बाहर भेजना पड़ता है। साइंस संकाय के वद्यिार्थियों से केंद्रीय वद्यिालय, बेतिया तथा मानवीकी व वाणज्यि के वद्यिार्थियों से केंद्रीय वद्यिालय, मुजफ्फरपुर आवेदन कराया जाता है। इसी तरह बाल वाटिका- एक, दो व तीन में नामांकन बाधित है। स्थाई भवन मिलते ही प्ले ग्रुप की इन कक्षाओं में नामांकन शुरू होगा। स्कूल में पार्क व कैंटीन की सुविधा मिले : वद्यिालय की कुमारी मिताली सिंह, कोनिका कुमारी, विदिशा प्रिया, उर्तिका कुमारी, यादव वर्णिका रतन, मिलिंद वैभव, आयु राज आदिने बताया कि स्कूल का अपना भवन नहीं होने से कई तरह की परेशानी होती है। जगह के अभाव में शैक्षणिक गतिविधि के अलावा कुछ नया नहीं कर पाते हैं। स्कूल में कैंटीन, कॉमन रूम व पार्क का नर्मिाण जरूरी है। नेहरू स्टेडियम में खेल के आयोजन से पढ़ाई भी प्रभावित होती है। सुबह में स्कूल आने के समय तक बाहरी बच्चे कैंपस में मौजूद रहते हैं। शिकायतें: 1. नेहरू स्टेडियम में केंद्रीय वद्यिालय के संचालन से बच्चों की प्रतिभा में निखार नहीं आ पा रही है। 2. पूर्वी चंपारण में वर्ष 2003 में केंद्रीय वद्यिालय की स्थापना की गई की थी। अबतक प्रशासन जमीन नहीं तलाश सकी है। 3. नेहरू स्टेडियम में वद्यिालय के संचालन से यहां खेलने आनेवाले खिलाड़ियों व स्कूली बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। 4. केंद्रीय वद्यिालय में अन्य जिलों के शक्षिक भी पढ़ाते हैं। उनके आवास का उचित प्रबंध नहीं है। 5. केंद्रीय वद्यिालय का स्थाई भवन नहीं होने से यहां बाल वाटिका व 11वीं की कक्षाओं में नामांकन नहीं हो रहा है। सुझाव: 1. नेहरू स्टेडियम में केंद्रीय वद्यिालय के संचालन से बच्चों की प्रतिभा व पढ़ाई प्रभावित हो रही है। स्थाई भवन को स्थाई भवन जरूरी है। 2. पूर्वी चंपारण में वर्ष 2003 में केंद्रीय वद्यिालय की स्थापना की गई की थी। प्रशासन को जमीन चह्निति करना चाहिए। 3. नेहरू स्टेडियम से वद्यिालय को हटाकर अन्यत्र स्थापित करने की जरूरत है। इससे खिलाड़ियों को अभ्यास करने में सुविधा होगी। 4. केंद्रीय वद्यिालय में शक्षिक व कर्मचारियों के आवास का उचित प्रबंध हो। कैंपस में पार्क, कॉमन रूम व कैंटीन खुले। 5. केंद्रीय वद्यिालय को स्थाई भवन मिले। इससे यहां बाल वाटिका व 11वीं की कक्षाओं में नामांकन शुरू हो सकेगा। बोले जम्मिेदार: केंद्रीय वद्यिालय के लिए जमीन का प्रस्ताव जिला प्रशासन के माध्यम से मुख्य सचिव को भेजा जा चुका है। वहां से स्वीकृति मिलने के बाद केंद्रीय वद्यिालय के रिजनल ऑफिस को भेजा जाएगा। वद्यिालय के लिए छतौनी पकड़ीदयाल रोड में आयुर्वेद कॉलेज के पास 5.8 एकड़ भूखंड को देखा गया है। डीएम खुद इसको लेकर गंभीर है। उम्मीद है कि जल्द ही वद्यिालय का अपना कैंपस होगा। बी. राम, प्राचार्य, केंद्रीय वद्यिालय मोतिहारी। बोले जम्मिेदार: नेहरू स्टेडियम में संचालित केंद्रीय वद्यिालय के लिए जमीन चह्निति कर ली गई है। बेतिया राज की जमीन होने के कारण जरूरी कागजी प्रक्रिया पूरी की जा रही है। इसका प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया है। स्वीकृति मिलते ही जमीन वद्यिालय को हैंडओवर कर दी जाएगी। जल्द ही वद्यिालय को स्थाई जमीन मिल जाएगी। स्थाई भवन होने से स्थानीय बच्चों व अभिभावकों को इसका समुचित लाभ मिल सकेगा। सौरभ जोरवाल, डीएम, पूर्वी चंपारण।

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