Neglected NREGA Park Faces Issues Lack of Maintenance Security and Facilities बाल उद्यान में बच्चों के लिए कुछ नहीं ट्रैक धंसने से चोटिल हो रहे शहरवासी, Motihari Hindi News - Hindustan
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बाल उद्यान में बच्चों के लिए कुछ नहीं ट्रैक धंसने से चोटिल हो रहे शहरवासी

शहर के नरेगा बाल उद्यान की स्थिति खराब हो गई है। इस उद्यान की देखभाल नहीं की जा रही है, जिसके कारण टहलने आए लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ट्रैक टूट गया है, बैठने की व्यवस्था नहीं है...

Newswrap हिन्दुस्तान, मोतिहारीThu, 10 April 2025 05:27 PM
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बाल उद्यान में बच्चों के लिए कुछ नहीं ट्रैक धंसने से चोटिल हो रहे शहरवासी

शहर का दायरा तेजी से बढ़ रहा है। मगर, लोगों को उस अनुरूप सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। शहर के छतौनी चौक से पकड़ीदयाल जाने के रास्ते में मिशन चौक के पास नरेगा बाल उद्यान का नर्मिाण किया गया है। जिला परिषद की ओर से इस उद्यान को 2009 में विकसित किया गया था। इससे आसपास के लोगों को काफी उम्मीदें थीं। मगर, वर्तमान में इस उद्यान की देखभाल करनेवाला कोई नहीं है। सुबह टहलने पहुंचे डॉ आशनारायण, सुबोध पुरी, निकू सिंह, मनोज कुमार बैठा, डॉ दीना कुमार राही, सुरेंद्र यादव, प्रियरंजन तिवारी, मुकेश सिंह, डॉ मोतिलाल, नविन कुमार व नंद किशोर सिंह ने कहा कि इस पार्क को देखनेवाला कोई नहीं है। सुरक्षा गार्ड नहीं होने से दिनभर लोग आते-जाते रहते हैं। शाम होते ही यहां असामाजिक तत्व का जमावड़ा लग जाता है।

जगह-जगह ट्रैक टूटा, बैठने का इंतजाम नहीं : नरेगा बाल उद्यान में सुबह आसपास व शहर के विभन्नि हस्सिों से लोग टहलने पहुंचते हैं। मगर, यहां उन्हें निराशा ही हाथ लगती है। इस उद्यान में टहलने का ट्रैक कई जगह धंस गया है। इस कारण ठेस लगने की वजह से लोग ट्रैक पर गिरकर घायल हो जाते हैं। इसके अलावा यदि आप थक गए तो बैठने का यहां कोई इंतजाम तक नहीं है। उद्यान में लगा दो बेंच टूट गया है।

शौचालय व पेयजल का इंतजाम नहीं : हरप्रित कुमार, डॉ हरेंद्र प्रसाद सिंह, राजकुमार पंडित, प्रमोद कुमार गुप्ता, नंद किशोर सिंह, मुकेश सिंह ने कहा कि इस उद्यान में शौचालय, यूरिनल व पेयजल का इंतजाम नहीं है। इससे टहलने आए लोगों को बहुत परेशानी होती है। गर्मी का मौसम शुरू होने के बावजूद यहां एक चापाकल तक नहीं लगाया गया है। इससे लोगों को पीने का पानी घर से लाना पड़ता है।

गांधी मैदान की तरह ओपन जिम का हो प्रबंध : टहलने आए लोगों ने बताया कि हमलोग यहां टहलने व व्यायाम के लिए आते हैं। मगर, यहां की कुव्यवस्था देखकर सबका मन निराश हो जाता है। टहलने का ट्रैक टूटा हुआ है। लोग गिरकर घायल होते रहते हैं। शहर के गांधी मैदान की तरह यहां ओपेन जिम लगाने की जरूरत है। इससे लोगों को टहलने के पश्चात व्यायाम करने में सुविधा होगी।

वैपर लाइट नहीं, शाम होते अंधेरा : पकड़ीदयाल रोड में मुख्य सड़क के किनारे होने के बावजूद इस उद्यान में लाइट की समुचित व्यवस्था नहीं की गई है। इससे शाम में टहलने आनेवाले लोगों खासकर बुजुर्गों, महिलाओं व बच्चों को हमेशा डर बना रहता है। स्थानीय लोगों की मानें तो इस पार्क में हाल ही में एक लाइट का इंतजाम किया गया है। मगर, नरेगा बाल उद्यान में पहले से लगी वैपर लाइट खराब पड़ी है।

गेट पर सुरक्षा गार्ड की हो तैनाती : स्थानीय लोगों ने बताया कि नरेगा बाल उद्यान में सुरक्षा गार्ड का इंतजाम नहीं है। इस उद्यान का मेन गेट हमेशा खुला रहता है। शाम में अंधेरा होते ही इस उद्यान में असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लग जाता है। इसके पश्चात आम लोग इस उद्यान में जाने से डरते हैं। इस उद्यान से सटे छठ घाट पर कचरे का अंबार लगा है।

शिकायतें

1.नरेगा बाल उद्यान का नर्मिाण जिला परिषद से 2009 में हुआ था। इसके बाद से इसकी देखभाल करनेवाला कोई नहीं है।

2.उद्यान में सुरक्षा गार्ड नहीं हैं। लोग बेरोकटोक आते-जाते रहते हैं। शाम में असामाजिक तत्वों का अड्डा बन जाता है।

3.उद्यान में टहलने का ट्रैक कई जगह धंस गया है। इस कारण ठेस लगने से लोग ट्रैक पर गिरकर घायल हो जाते हैं।

4.यदि आप थक गए तो बैठने का यहां कोई इंतजाम तक नहीं है। उद्यान में लगे दो बेंच टूट गया है।

5.इस उद्यान में शौचालय, यूरिनल व पेयजल का इंतजाम नहीं है। गर्मी के बावजूद यहां एक चापाकल तक नहीं लगा है।

सुझाव

1.वर्ष 2009 में बने नरेगा बाल उद्यान के सौंदर्यीकरण के साथ इसके जीर्णोंद्धार की सख्त जरूरत है।

2.उद्यान में सुरक्षा गार्ड की तैनाती हो। इससे यहां असामाजिक तत्वों के प्रवेश पर भी अंकुश लगेगा।

3.उद्यान में टहलने का ट्रैक कई जगह धंस गया है। इसकी मरम्मत आवश्यक है। बैठने के लिए बेंच भी लगाया जाए।

4.उद्यान में शौचालय, यूरिनल व पेयजल का इंतजाम किया जाना आवश्यक है। गर्मी के मौसम में एक चापाकल तो लगे।

5.उद्यान में लाइट की समुचित व्यवस्था हो। इससे शाम में टहलने आए बुजुर्गों, महिलाओं व बच्चों को सुविधा होगी।

बोले जम्मिेदार

जिला परिषद की ओर से मनरेगा पार्क व आसपास बड़ा पार्क बनाने की योजना है। इसके लिए हमने पहले से प्लानिंग कर रखी है। वहां वाटर पार्क, वोटिंग, रेस्टूरेंट आदि की व्यवस्था की भी योजना है। इसके पीछे हमारी सोच है कि शहर में एक ऐसा स्थल हो जहां लोग अपने दोस्तों व परिवार के साथ जाकर खुशियां बीता सकें। इसके लिए स्टीमेट भी बना है।

ममता राय, जिला परिषद अध्यक्ष पूर्वी चंपारण

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