यह प्रस्ताव तो कभी पारित ही नहीं किया; MCD के किस फैसले पर आपत्ति जता मेयर ने CM को लिखा पत्र
- मेयर ने अपने पत्र में लिखा, 'हाल ही में निजी स्कूलों की फीस भी बढ़ाई गई है, और यदि दिल्ली की जनता को एकमुश्त यूजर चार्ज संपत्ति कर के साथ देना पड़ा तो यह उनके लिए बहुत ही मुश्किल होगा, क्योंकि यह जनता पर अतिरिक्त बोझ साबित होगा।'

दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) द्वारा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट (ठोस अपशिष्ट प्रबंधन) के लिए यूजर चार्ज लगाने को लेकर राजनीतिक विवाद छिड़ गया है। महापौर महेश कुमार खिंची ने इसे जनता पर अनुचित बोझ बताते हुए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को पत्र लिखा है और यूजर चार्ज लगाने के फैसले पर आपत्ति जताई है। उन्होंने आरोप लगाया कि हाउस टैक्स के साथ यूजर चार्ज वसूलने का प्रस्ताव एमसीडी ने कभी पारित ही नहीं किया।
अपने पत्र में उन्होंने कहा, 'यूजर चार्ज लगाने का प्रस्ताव सदन के सामने कभी नहीं लाया गया और इसके बजाय नगर आयुक्त अश्विनी कुमार ने पर्दे के पीछे से इसे लागू कर दिया।' उन्होंने कहा कि 'यह यूजर चार्ज दिल्ली की जनता पर किसी बोझ से कम नहीं है और यह फैसला दिल्ली के निवासियों के हितों के खिलाफ है।'
अपने पत्र में खिंची ने सीएम से कहा कि एमसीडी को यूजर चार्ज लगाने से पहले यह सुनिश्चित करना चाहिए कि लोगों को डोर-टू-डोर सेवाएं प्रदान की जाएं। उन्होंने कहा कि सभी 12 जोन में कंसेसनेयर कचरा संग्रहण कंपनियों का काम असंतोषजनक है, जिसके परिणामस्वरूप हर जगह कचरे के ढेर लगे हुए हैं।
महापौर ने कहा कि पश्चिमी जोन, मध्य जोन और दक्षिणी जोन में स्थिति बद से भी बदतर है। उन्होंने लिखा कि कन्सेशनेयर और निजी रूप से घरों से कूड़ा उठाने वालों के बीच कोई समन्वय नहीं है, जबकि 60-70 प्रतिशत कूड़ा निजी सेवाओं के माध्यम से ही उठाया जाता है। अपने पत्र में खिंची ने आगे कहा, 'जब तक दिल्ली नगर निगम पूरी तरह से हर घर से कूड़ा उठाने में सक्षम नहीं हो जाता, तब तक इस तरह के उपयोगकर्ता शुल्क लगाना उचित नहीं होगा।'
साथ ही उन्होंने लिखा कि दिल्ली नगर निगम द्वारा यूजर चार्ज लागू करने से पहले इसे सदन में पारित करना जरूरी है। यदि इसे लागू ही किया जाना है तो मेरे कार्यकाल के अंतिम समय में ही क्यों लागू किया जा रहा है, जबकि यह अधिसूचना कई वर्षों पहले जारी की गई थी।
महापौर ने CM गुप्ता से MCD को तुरंत यह निर्णय वापस लेने का निर्देश देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि नागरिक पहले से ही महंगाई से जूझ रहे हैं और उन्हें राहत की जरूरत है, न कि अतिरिक्त वित्तीय दबाव की। इस सप्ताह की शुरुआत में महापौर ने इस संबंध में निगम आयुक्त को पत्र भी लिखा था और संकेत दिया था कि कानूनी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है।
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को लिखे इस पत्र को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए मेयर महेश कुमार खींची ने लिखा, 'मैंने कल दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता जी को भी पत्र लिखकर अवगत कराया कि दिल्ली सरकार की अधिसूचना में MCD में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए यूजर चार्जेस हाऊस टैक्स के साथ जोड़ के वसूले जाने का प्रावधान किया गया है। यूजर चार्ज लगाने का प्रस्ताव सदन में पास नहीं कराया है। पर्दे के पीछे से ही निगम आयुक्त अश्विनी कुमार जी ने लागू कर दिया जो की दिल्ली की जनता पर किसी बोझ से कम नहीं है। यूजर चार्जेस वसूलने के संबंध में जो MCD ने निर्णय लिया है, वो दिल्ली की जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए, इसे अविलम्ब निरस्त कराने का निर्देश MCD को दिया जाए। जिससे कि दिल्ली की जनता को इस महंगाई के बीच में कुछ राहत मिल सके।'