वक्फ संशोधन कानून वापस होने तक जारी रहेगा आंदोलन
मुंगेर में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के आह्वान पर एक आमसभा आयोजित की गई। हज़रत मौलाना अहमद वली फैसल रहमानी ने वक्फ संशोधन कानून का विरोध करते हुए कहा कि यह मुसलमानों की संपत्ति छीनने का प्रयास...

मुंगेर, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के आह्वान पर सोमवार को टाउन हॉल में तहफ्फुज औकाफ कमेटी, खानकाह रहमानी की ओर से वक्फ संशोधन कानून के विरोध में आमसभा आयोजित की गयी। आमसभा की अध्यक्षता कर रहे अमीर-ए-शरीयत हज़रत मौलाना अहमद वली फैसल रहमानी ने वक्फ कानून में किए गये संशोधन का विरोध करते हुए कहा कि सरकार नए कानून के जरिए वक्फ की संपत्ति से मुसलमानों को मरहूम करने का प्रयास कर रही है। इसका देशभर में विरोध हो रहे हैं। सरकार नए वक्फ कानून को वापस ले इसके लिए हमारा आंदोलन जारी रहेगा। हजरत ने वक्फ की अहमियत को रेखांकित करते हुए कहा कि वक्फ प्रणाली केवल मुसलमानों की भलाई नहीं करती, बल्कि पूरी मानवता के कल्याण की एक सशक्त व्यवस्था है।
इसकी हिफाजत के आगे आएं। उन्होंने कहा कि वक्फ की ज़मीन को लेकर लोगों को गुमराह किया जा रहा है। जबकि हकीकत यह है कि वक्फ की जमीनों पर चलने वाले शिक्षण संस्थानों एवं अस्पतालों से 80 प्रतिशत गैर मुसलमानों को फायदा हो रहा है। ऐसे में वक्फ संशोधन कानून का लागू होना न केवल मुसलमानों के लिए, बल्कि देश की गंगा-जमुनी तहज़ीब और सामाजिक सौहार्द के लिए घातक है। यह केवल एक अल्पसंख्यक मुद्दा नहीं, बल्कि पूरे भारतीय समाज के संवैधानिक और लोकतांत्रिक अधिकारों का मामला है। इस सच्चाई को देश के कोने-कोने तक पहुंचाना वक़्त की ज़रूरत है। काले कानून की वापसी को लेकर करें दुआ: हजरत मौलाना अहमद वली फैसल रहमानी ने आमसभा में मौजूद लोगों को शपथ दिलाया कि इस काले कानून का उस वक्त तक विरोध करता रहूंगा, जबतक सरकार इसे वापस नहीं लेती है। उन्होंने कहा कि इस काले कानून को वापस कराने के लिए जुमे के दिन रोजा रखकर दुआ करें। सभा में भी इस काले कानून की वापसी को लेकर दुआ की गयी। पूर्वजों की संपत्ति छीनने का प्रयास: कार्यक्रम के संयोजक आरिफ रहमानी ने कहा कि एक समुदाय को टारगेट कर उसके पूर्वजों के द्वारा दी गई जमीन को उससे छीनने का प्रयास किया जा रहा है। सरकार को चाहिए इस कानून को वापस ले। कार्यक्रम के उपसंयोजक जफर अहमद ने कहा कि हिन्दुस्तान की हुकूमत को इस बात को समझना चाहिए की एक बड़ा वर्ग आज सड़क से सदन तक इस काले कानून को वापस लेने की मांग कर रहा है। यह संपत्ति किसी की जागीर नहीं, बल्कि मुसलमानों के पूर्वजों की दी हुई है। इमारत ए शरिया और हजरत फैसल रहमानी के आहवान पर मुसलमान एकजुट होकर इस काले कानून का विरोध करेंगे। अब्दुल्लाह बुखारी ने कहा कि सरकार को समझना चाहिए कि एक बड़ा तबका इसका विरोध कर रहा है। मौलाना रागीब रहमानी ने कहा कि हुकूमत को चाहिए कि इस बिल को वापस लेकर हिंदुस्तान में अमन और शांति का पैगाम दे। जामिया रहमानी के नाज़िम-ए-तालीमात हज़रत मौलाना जमी़ल अहमद मज़ाहिरी ने कहा कि वक्फ की व्यवस्था न केवल मुस्लिम समाज बल्कि समूचे समाज के उत्थान का एक ठोस ज़रिया रहा है। मंच संचालन मुफ़्ती रज़ी अहमद नदवी एवं फ़ज़्लुर्रहमान रहमानी ने किया। सभा को इन्होंने भी किया संबोधित: सभा में सामाजिक और राजनीतिक हस्तियों ने भी शिरकत की और अपने विचार रखे। इनमें डिप्टी मेयर खालिद हुसैन, मुकेश यादव, प्रमोद यादव, शाहीन रजा, फ़ैसल अहमद रूमी, ख़ालिद सैफ़ुल्लाह, परवेज चांद, मुफ़्ती बरक़तुल्लाह क़ासमी, मौलाना कौसर कलाम अशरफ़, शहाब मलिक, इनामुल हक, मुफ़्ती सनाउल्लाह आदि ने भी संबोधित किया। राष्ट्रपति के नाम एडीएम को सौंपा ज्ञापन: सभा में हजारों की संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने हाथों में तख्तियां लिए हुए थे, जिस पर लिखा था वक्फ कानून हमें मंजूर नहीं, हिंदुस्तान जिंदाबाद, हिंदुस्तान का संविधान जिंदाबाद, काला कानून वापस लो। सभा के बाद एक शिष्टमंडल डीएम की अनुपस्थिति में एडीएम को ज्ञापन सौंपा, जो राष्ट्रपति के नाम था।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।