दो संगठन हड़ताल पर तो दो करेंगे हड़ताल- युवा पेज की लीड पैकेजिंग
मुंगेर विश्वविद्यालय में आउटसोर्स एजेंसी के तहत कार्यरत 76 कर्मियों का 17 महीनों का मानदेय लंबित है, जिससे वे आर्थिक रूप से परेशान हैं। हड़ताल के दौरान कुलपति ने चार महीने का भुगतान करने का आश्वासन...

मुंगेर, हिन्दुस्तान संवाददाता। मुंगेर विश्वविद्यालय में आउटसोर्स एजेंसी के माध्यम से कार्यरत 76 कर्मियों का 17 महीनों का मानदेय लंबित है। इतने लंबे कालखंड का मानदेय लंबित रहने से वे लोग आर्थिक रूप से लाचार हो गए हैं। जिस कारण ने के आउटसोर्स कर्मियों मजबूर होकर आंदोलन का रूख अख्तियार किए हुए हैं। इस बीच हड़ताल के दूसरे दिन कुलपति ने चार महीने के लंबित मानदेय का भुगतान करने का आश्वासन हड़तालियों को दिया। पर दूसरे दिन सभी कर्मियों के लंबित मानदेय की गणना के लिए एक कमेटी का गठन कर दिया गया। इससे आहत हो सभी कर्मी एक बार फिर से हड़ताल पर चले गए।
ऐसे में मंगलवार को छठे दिन भी आउटसोर्स कर्मचारी हड़ताल पर डटे रहे। साथ ही विश्वविद्यालय मुख्यालय के गेट में ताला जड़ दिया। हालांकि दोपहर में अधिकारियों के पहुंचने पर कर्मियों ने ताला खोल दिया। पर विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से लंबित मानदेय भुगतान की पहल नहीं होता देख एक बार फिर से दोपहर बाद 3.00 बजे विश्वविद्यालय के गेट में ताला जड़ दिया। आउटसोर्स कर्मियों ने बताया कि विश्वविद्यालय ने मानदेय की गणना को लेकर कमेटी गठित किया है। पर विश्वविद्यालय वादे के अनुसार चार महीने के मानदेय का भुगतान नहीं कर रहा है। कर्मियों ने कहा कि विश्वविद्यालय चार महीने के मानदेय का भुगतान कर दे और बाद में गणना कर शेष 13 माह के मानदेय का भुगतान करे। आउटसोर्सिंग कर्मियों ने कहा कि मंगलवार को भी अधिकारियों ने कहा कि मानदेय भुगतान की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन जब तक लंबित मानदेय का भुगतान नहीं हो जाता है, उन लोगों का हड़ताल अनवरत जारी रहेगा। इधर कुलसचिव कर्नल विजय कुमार ठाकुर ने बताया कि आउटसोर्स कर्मियों के चार महीने के मानेदय भुगतान की प्रक्रिया चल रही है।
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