UP Police Bharti : यूपी पुलिस भर्ती में फिजिकली फिट मिले अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर विचार का निर्देश
2018 की द्वितीय यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती वाले अभ्यर्थियों को कोर्ट ने राहत दी है। यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड ने इन्हें अनफिट बताया था। लेकिन कोट के आदेश पर कराए गए मेडिकल में ये फिट मिले थे।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी पुलिस भर्ती में शामिल उन अभ्यर्थियों को राहत दी है जो कोर्ट के आदेश पर गठित बोर्ड की दोबारा जांच में शारीरिक दक्षता में फिट पाए गए हैं। इन अभ्यर्थियों को रिक्तियों की उपलब्धता होने पर नियुक्ति देने का आदेश दिया है। इसी प्रकार से कोर्ट ने उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड को निर्देश दिया है कि 2018 की द्वितीय भर्ती में शामिल अभ्यर्थियों, जो कि पूर्व में हुई किसी न किसी भर्ती में शारीरिक दक्षता में सफल हुए थे मगर 2018 की भर्ती में असफल हो गए, की इस आदेश की प्रति देने के एक माह के भीतर बोर्ड गठित कर दोबारा जांच कराई जाए और सफल अभ्यर्थियों को रिक्तियों की उपलब्धता के अनुसार अवसर दिया जाए। प्रीति देवी, प्रबल कुमार सिंह सहित सैकड़ों अभ्यर्थियों की याचिकाओं पर यह आदेश न्यायमूर्ति अजित कुमार की पीठ ने दिया। याचियों की ओर से अधिवक्ता अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी और अनिल सिंह बिसेन ने पक्ष रखा।
पुलिस भर्ती 2018 को लेकर तमाम अभ्यर्थी हाईकोर्ट पहुंचे थे। इनमें एक वर्ग उन अभ्यर्थियों का है जो पुलिस भर्ती बोर्ड की शारीरिक दक्षता परीक्षा में लंबाई या अन्य मानकों पर सफल नहीं हुए मगर प्राइवेट या अन्य जांचों में सफल हुए थे। इन्होंने याचिका दाखिल कर मांग की थी कि इन्हें एक और अवसर दिया जाए। एक अन्य वर्ग उन याचियों का है, जिनको हाईकोर्ट ने दोबारा स्पेशल बोर्ड गठित कर जांच करने का आदेश दिया था₹। एक अन्य वर्ग उन अभ्यर्थियों का भी है जो पुलिस भर्ती बोर्ड द्वारा पूर्व में आयोजित की गई परीक्षाओं में शारीरिक मानक में फिट पाए गए थे मगर 2018 की परीक्षा में अनफिट करार दे दिए गए। प्रदेश सरकार की ओर से कहा गया कि 13 मार्च 2025 को फाइनल रिजल्ट घोषित हो चुका है और चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्तियां दी जा रही हैं। कोर्ट द्वारा कोई आदेश दिए जाने की स्थिति में चयनित अभ्यर्थियों का अधिकार प्रभावित होगा और मेरिट लिस्ट फिर से तैयार करनी होगी जो उचित नहीं होगा।
कोर्ट ने मेडिकल भर्ती बोर्ड को कहा है की समानता के आधार पर न्याय करते हुए भर्ती बोर्ड उन अभ्यर्थियों को जो कोर्ट के आदेश से गठित स्पेशल बोर्ड की जांच में शारीरिक रूप से फिट पाए गए हैं पर रिक्तियों की उपलब्धता के आधार पर नियुक्ति देने पर विचार करें। इसी प्रकार से 2018 की द्वितीय भर्ती में ऐसे अभ्यर्थी जो पूर्व की किसी परीक्षा में शारीरिक दक्षता में फिट पाए गए थे उनको एक माह के भीतर दोबारा बोर्ड गठित कर उनकी शारीरिक दक्षता की जांच की जाए और फिट पाए जाने की स्थिति में रिक्तियों की उपलब्धता के आधार पर उनको नियुक्ति दी जाए।