कलरफुल और क्रेजी देश; पाकिस्तान के बारे में ज्योति मल्होत्रा ने डायरी में क्या-क्या लिखा
भारत और पाक की एक संस्कृति का हवाला देते हुए ज्योति मल्होत्रा ने लिखा कि हम सब एक ही धरती और एक ही मिट्टी के हैं। ज्योति मल्होत्रा ने अपनी डायरी में लिखा कि पाकिस्तान सरकार से आग्रह है कि भारतीयों के लिए वहां जाना आसान करे। इसके अलावा मंदिरों और गुरुद्वारों को संरक्षण प्रदान करे, जो तीर्थस्थान हैं।

पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोपों में गिरफ्तार यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा के बारे में लगातार खुलासे हो रहे हैं। ज्योति मल्होत्रा अकसर पर्सनल डायरी में भी पाकिस्तान से जुड़े अनुभवों को लिखा करती थी। इस डायरी को फिलहाल पुलिस भी पढ़ रही है, जिसमें से एक पन्ने में उसने पाकिस्तान और उसके लोगों की जमकर तारीफ की है। ज्योति मल्होत्रा ने एक पेज पर यह भी लिखा है कि पाकिस्तान के लोगों के बारे में जितना कहो, उतना कम है- क्रेजी और कलरफुल। इस तरह उसने पाकिस्तान को एक शानदार देश बताने की कोशिश की है। इसके साथ ही भारत और पाकिस्तान के बीच आवाजाही आसान होने की भी कामना की है।
अकसर अपने वीडियो व्लॉग्स के नाम पर पाकिस्तान जाने वाली ज्योति मल्होत्रा ने एक दौरे के बाद डिटेल में डायरी में लिखा है। ज्योति मल्होत्रा ने इसमें लिखा था, 'पाकिस्तान से 10 दिन का ये सफर तय करके आज वापस अपने घर आ गई हूं। अपने वतन आ गई हूं। इस दौरान पाकिस्तान की अवाम से काफी मोहब्बत मिली। हमारे सबस्क्राइबर्स और फ्रेंड भी मिलने आए। लाहौर घूमने के लिए मिला 2 दिन का वक्त बहुत कम था।' यही नहीं इसके आगे ज्योति मल्होत्रा लिखती हैं कि सरहद की दूरियां पता नहीं कब तक बरकरार रहेंगी, लेकिन दिलों में जो गिले-शिकवे हैं वो खत्म हो जाएं।
यही नहीं भारत और पाकिस्तान की एक संस्कृति का हवाला देते हुए ज्योति मल्होत्रा ने लिखा कि हम सब एक ही धरती और एक ही मिट्टी के हैं। ज्योति मल्होत्रा ने अपनी डायरी में लिखा कि पाकिस्तान सरकार से आग्रह है कि भारतीयों के लिए वहां जाना आसान करे। इसके अलावा मंदिरों और गुरुद्वारों को संरक्षण प्रदान करे, जो तीर्थस्थान हैं। ज्योति ने कहा कि मंदिरों की देखभाल हो ताकि हिंदू वहां विजिट कर पाएं। इसके अलावा जिनके परिजन 1947 में बिछड़ गए थे, उनसे भी मिला जा सके। दरअसल ज्योति मल्होत्रा के पूर्वज पाकिस्तान के बहावलपुर के रहने वाले थे। फिर 1947 में बंटवारे के बाद परिवार फरीदकोट आ गया और फिर अंत में हिसार में 20 साल पहले आकर बसा।