Who is Banu Mushtaq Whose short story Heart Lamp won the International Booker Prize कौन हैं बानू मुश्ताक? जिनकी लघु कहानी हार्ट लैंप को मिला अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार, India News in Hindi - Hindustan
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कौन हैं बानू मुश्ताक? जिनकी लघु कहानी हार्ट लैंप को मिला अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार

Who is Banu Mushtaq: मशहूर कन्नड़ लेखिका बानू मुश्ताक को उनकी लघु कहानी 'हार्ट लैंप' के लिए अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। उनकी यह किताब यह सम्मान जीतने वाली पहली कन्नड़ पुस्तक है।

Upendra Thapak लाइव हिन्दुस्तानWed, 21 May 2025 10:22 AM
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कौन हैं बानू मुश्ताक? जिनकी लघु कहानी हार्ट लैंप को मिला अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार

Banu Mushtaq: कर्नाटक की रहने वाली कन्नड़ लेखिका बानू मुश्ताक की लघु कहानी हार्ट लैंप को अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। उनके साथ ही इस किताब का अंग्रेजी अनुवाद लिखने वाली दीपा भस्थी को भी संयुक्त रूप से यह पुरस्कार दिया गया। बानू की हार्ट लैंप अब लंदन के मशहूर जीबीपी 50,000 में अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने वाली पहली कन्नड़ किताब बन गई है।

बुकर पुरस्कार मिलने से उत्साहित बानू ने कहा, “यह एक ही आकाश को रोशन करने वाले हजारों जुगनू जैसा लगता है.. पूरी तरह से शानदान और सामूहिक”

आइए जानते हैं कर्नाटक की मशहूर लेखिका बानू मुश्ताक के बारे में

कर्नाटक की मशहूर कन्नड़ लेखिका, वकील और सामाजिक कार्यकर्ता 77 वर्षीय बानू मुश्ताक अपने महिला केंद्रित साहित्य के लिए जानी जाती हैं। हार्ट लैंप के पहले भी उनकी कई रचनाएं प्रकाशित हुई है। इतना ही नहीं वह कई बार कर्नाटक साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता भी रह चुकी हैं। बानू को लेखिका के अलावा महिला अधिकारों की वकालत करने और भेदभाव पर सवाल उठाने के उनके कानूनी काम के लिए भी जाना जाता है।

अपनी कहानियों को लेकर मुश्ताक का कहना है कि उनकी रचना दर्शाती हैं कि कैसे धर्म, समाज और राजनीति महिलाओं से बिना सवाल किए आज्ञाकारिता की मांग कर दी है। वह इतने पर ही नहीं रुकतीं इतना करने के बाद भी वह महिलाओं के ऊपर क्रूरता दिखाती हैं।

बानू के मुताबिक उन्होंने अपनी पहली लघु कहानी मिडिल स्कूल के समय में लिखी थी। यहीं से उनके लेखन की यात्रा शुरू हुई। हालांकि उनकी पहली मशहूर कहानी 26 साल की उम्र में लोकप्रिय कन्नड़ पत्रिका प्रजामाता में प्रकाशित हुई। इसके बाद लोगों का ध्यान उनके साहित्य की ओर गया। इसके बाद उन्होंने एक के बाद एक कई साहित्यिक रचनाएं लिखीं।

बानू की शानदार रचनाएं कर्नाटक के प्रगतिशील आंदोलनों से प्रेरित मानी जाती हैं। बानू ने कर्नाटक के अलावा कई राज्यों की यात्रा की। इस दौरान उन्होंने खुद को बंदया साहित्य आंदोलन से भी जोड़ा। यह आंदोलन जाति और वर्ग के खिलाफ संघर्षरत लोगों की मदद करता और उनके बारे में लिखता था।

हार्ट लैंप के अलावा बानू छह लघु कहानी संग्रह, एक उपन्यास, एक निबंध संग्रह और एक कविता संग्रह की लेखिका हैं। साहित्य में उनके कामों के लिए उन्हें कर्नाटक साहित्य अकादमी पुरस्कार और दाना चिंतामणि अत्तिमब्बे पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।

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