मुंगेर इंजीनियरिंग कॉलेज में आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा मानसिक स्वास्थ्य कार्यशाला का किया गया आयोजन
मुंगेर इंजीनियरिंग कॉलेज में आर्ट ऑफ लिविंग के सहयोग से मानसिक स्वास्थ्य और सृजनात्मक क्षमता विकास हेतु एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। प्राचार्य डॉ आलोक कुमार सिंह ने बताया कि युवाओं में अवसाद...

मुंगेर, एसं/निप्र मुंगेर इंजीनियरिंग कॉलेज में बुधवार को विश्वप्रसिद्ध संस्था आर्ट ऑफ लिविंग के सहयोग से मानसिक स्वास्थ्य और सृजनात्मक क्षमता विकास हेतु एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन कॉलेज के प्राचार्य डॉ आलोक कुमार सिंह एवं मुख्य अतिथि पल्लव हलधर ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
मौके पर प्राचार्य ने कहा कि, वर्तमान समय में युवाओं में अवसाद की दर 31 से 57 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है, जो चिंता का विषय है। ऐसे में युवाओं को तनावमुक्त और मानसिक रूप से सशक्त बनाने के लिए आर्ट ऑफ लिविंग के कार्यक्रम अत्यंत आवश्यक हैं। उन्होंने बताया कि, छात्रों के लिए मेधा योग, उत्कर्ष योग और यस (यूथ एम्पावरमेंट एंड स्किल्स) जैसे कार्यक्रम श्वास तकनीक, ध्यान और जीवन कौशल के माध्यम से एकाग्रता, रचनात्मकता एवं नेतृत्व क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं। डिजिटल जैसी चुनौतियों से लड़ने में भी ये कार्यक्रम उपयोगी हैं।
वहीं, कार्यशाला के मुख्य अतिथि पल्लव हल्धर ने कहा कि, आर्ट ऑफ लिविंग के कार्यक्रम एम्स, आईआईटी, आईआईएम, एनआईटी जैसे विश्वस्तरीय संस्थानों में सफलतापूर्वक संचालित किए जा चुके हैं। संस्था के कार्यक्रम 135 से अधिक अमेरिकी विश्वविद्यालय परिसरों में भी चल रहे हैं। इसके साथ ही 180 से अधिक देशों में सिखाई जा रही सुदर्शन क्रिया से लाखों लोगों को लाभ हुआ है।
जबकि, शीतल वल्लंद ने कहा कि, शिक्षाविद युवा पीढ़ी के मार्गदर्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यदि उनकी ऊर्जा को सही दिशा में लगाया जाए तो समाज में बड़ा परिवर्तन संभव है। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. राजेंद्र पंडित ने किया। उन्होंने संचालन के क्रम में बताया कि, सुदर्शन क्रिया ने उनके व्यक्तिगत जीवन में भी सकारात्मक परिवर्तन लाए हैं। कार्यक्रम में सहायक प्राध्यापक अभिषेक आनंद, गुंजन भारती, रजनीश कुमार, राज कुमार हेमंत और विनोद कुमार सहित अन्य शिक्षकगण उपस्थित थे।
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