शादी में ऑर्केस्ट्रा रखने पर काजी नहीं कराएंगे निकाह, बोले मुस्लिम धर्मगुरु- परिवार का करेंगे बहिष्कार
मुस्लिम धर्म गुरुओं ने निर्णय लिया कि मुस्लिम समुदाय के घरों में शादी-विवाह में अगर नाच-गाने के साथ आर्केस्ट्रा हो तो उस घर में निकाह नहीं पढ़ाया जाय और बायकॉट करें। मौलाना जुबेर ने कहा कि इस्लाम में दहेज हराम है। इस्लाम किसी पर जुल्म की इजाजत नहीं देता।

शादी समारोहों में नाच-गाने का मुस्लिम समाज बहिष्कार करेगा। शादी में डीजे-नाच, गाना बजाने वाले परिवारों का भी बहिष्कार किया जाएगा। ऑर्केस्ट्रा रखने पर काजी निकाह नहीं पढ़ाएंगे। मुस्लिम समाज के लोग दहेज प्रथा का भी विरोध करेंगे ताकि शादी विवाह में होनेवाले अनावश्यक खर्च पर रोक लगायी जा सके। बिहार के बगहा अनुमंडल के सभी मदरसों व मस्जिदों के इमामों ने संयुक्त रूप से बैठक कर निर्णय लिया है कि मुस्लिम समाज शादी विवाह में नाच गाने, दहेज प्रथा, आर्केस्ट्रा आदि का प्रयोग नहीं करेगा। अगर किसी मुस्लिम परिवार द्वारा ऐसा किया जाता है तो मुस्लिम धर्मगुरु उस परिवार में निकाह नहीं पढ़ाएंगे। उस परिवार का बहिष्कार किया जाएगा।
नगर थाना क्षेत्र के मस्तान टोला जामा मस्जिद में रविवार को समाज सुधार सम्मेलन आयोजित किया गया। इसमें बगहा पुलिस जिले के सभी धर्म गुरुओं ने शिरकत की। सम्मेलन के सरपरस्त मौलाना जुबैर को बनाया गया, मुफ्ती गयासुद्दीन कासमी को अध्यक्ष और मौलाना समीउल्लाह कासमी को सेक्रेटरी को चुना गया। सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुफ्ती गयासुद्दीन कासमी ने कहा कि इस्लाम में नाच-गाने के साथ शराब और दहेज जैसी कई चीजों को हराम करार दिया गया है। इसलिए मुसलमानों को चाहिए कि इस तरह की खुराफात से बचें।
बैठक में मुस्लिम धर्म गुरुओं ने निर्णय लिया कि मुस्लिम समुदाय के घरों में शादी-विवाह में अगर नाच-गाने के साथ आर्केस्ट्रा हो तो उस घर में निकाह नहीं पढ़ाया जाय और बायकॉट करें। मौलाना जुबेर ने कहा कि इस्लाम में दहेज हराम है। इस्लाम किसी पर जुल्म की इजाजत नहीं देता। फिजूलखर्ची की इजाजत नहीं देता इसलिए इन सारी बातों से मुसलमान को बचाना चाहिए। इस मौके पर मुफ्ती गयासुद्दीन कासमी, मौलाना जुबैर कासमी, समीउल्लाह कासमी, मौलाना खालिद, मौलाना वासिफ बिल्लाह, हाफिज अफजल, मौलाना फुजैल, हाफिज जुनैद, मौलाना बुरहानुद्दीन के साथ जिले की मस्जिदों के धर्मगुरु मौजूद थे।