Aniruddhacharya Maharaj s Teachings Importance of Earning for Needs Over Desires जरूरत भर धन कमाएं, इच्छाएं तो रावण की भी पूरी नहीं हुई : अनिरुद्धाचार्य, Muzaffarpur Hindi News - Hindustan
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जरूरत भर धन कमाएं, इच्छाएं तो रावण की भी पूरी नहीं हुई : अनिरुद्धाचार्य

अनिरुद्धाचार्य महाराज ने प्रवचन में कहा कि इंसान को अपनी इच्छाओं को छोड़कर जरूरतों के लिए पैसा कमाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहार के युवा प्रतिभाशाली हैं, लेकिन उन्हें नौकरी देने की सोच विकसित करनी...

Newswrap हिन्दुस्तान, मुजफ्फरपुरSun, 25 May 2025 04:35 AM
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जरूरत भर धन कमाएं, इच्छाएं तो रावण की भी पूरी नहीं हुई : अनिरुद्धाचार्य

मुजफ्फरपुर, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। अनिरुद्धाचार्य महाराज ने शनिवार को अपने प्रवचन में कहा कि पैसे जरूरत पूरी करने के लिए कमाना चाहिए। इच्छाएं तो रावण की भी पूरी नहीं हो पाई। राजा दशरथ और कंश तक की इच्छा अधूरी रह गई। धर्म से कमाए हुए पैसे से जरूरत पूरी करनी चाहिए। भ्रष्टाचार से कमाए पैसे अधर्म कहलाता है। वह टिकता नहीं। अनिरुद्धाचार्य राधा नगर पताही चौसीमा मधुबनी न्यू फोरलाइन के पास जारी दस दिवसीय विष्णु महायज्ञ में प्रवचन कर रहे थे। रविवार को प्रवचन स्थिगित रहेगा। हालांकि भजन-कीर्तन और अन्य धार्मिक कार्यक्रम चलेगा। सोमवार से कथा फिर निर्धारित समय से जारी रहेगी।

शनिवार को कथा के दूसरे दिन अनिरुद्धाचार्य महाराज ने कहा कि जब इंसान की मुत्यु होती है तो उनकी अभिमान अंत्येष्ठी के राख में विलिन हो जाती है। उनके घर वाले 50 रुपये की मिटी के बर्तन में उस राख को लेकर गंगा में विर्सजित कर देते हैं। इसलिए जरूरत पूरी करने के लिए मुख्य होता है- रोटी, कपड़ा, मकान और शिक्षा। इसके लिए कमाएं। उन्होंने चिंता जताई कि आज हमारे बच्चों को शिक्षा पैसा कमाने और इच्छा पूरी करने के लिए दी जाती है। मगर प्राचीन समय चार प्रकार की शिक्षा हुआ करती थी, जिसमें धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष होती थी। व्यक्ति के अंदर कभी अभिमान नहीं आता था। बिहार के युवा नौकरी चाहते हैं और गुजारात के युवा नौकरी देते हैं अनिरुद्धाचार्य ने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि बिहार के युवा अधिक प्रतिभावान हैं। वे युवा नौकरी पाने की अधिक इच्छा रखते हैं। जिस दिन गुजरात के युवा की तरह नौकरी देने वाली सोच रखने लेंगेगे, उस दिन बिहार विकसित प्रदेश बन जाएगा। अमेरिका और चीन में युवा क्रिकेट नहीं खेलते। एक-एक मिनट का महत्व समझते हैं। तभी विकसित राष्ट्र है। सफल लोग के पास समय नहीं होता। असफल के पास समय होता है। आज हमारे देश के युवा छह-छह घंटे क्रिकेट मैच देखने में गंवा देते हैं। उन्हे समय का महत्व समझना चाहिए। बिहार में शराब बंद हुए मगर पीने वालों की कमी नहीं कथावाचक ने कहा कि बिहार में गरीबों की संख्या अधिक है। बिहार में शराब तो बंद हो गई, मगर पीने वाले आज भी पी रहे हैं। उन महिलाओं से पूछिये, जिनके बच्चे हैं और पति पूरा कमाई शराब में पी जाते हैं। बिहार की बदहाली का कारण शराब है। बॉलीवुड में बन रही सनातन विरोधी फिल्म एक फिल्म जिसमें शंकर भगवान पर दूध चढ़ाने का विरोध किया गया है। मगर अन्य धर्म के विरोध में फिल्म नहीं बनाते है। कहा कि उन्हें दूध गरीबों में बांटना दिखाई दिया, मगर शराब पर रोक लगाने के लिए फिल्म नहीं बनाई गई। हैरत तो तब होती है कि उसी फिल्म से हजारों करोड़ रुपये कमाने वाले गरीबों में पैसे नहीं बांटते। सनातनी चार भाई है इसे तोड़ने की हो रही कोशिश अनिरुद्धाचार्य ने कहा कि भारत हिंदू राष्ट्र है। यहां सनातनी चार भाई हैं- ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शुद्र। मगर यहां अंग्रेज की तरह फूट डालने की प्रवृत्ति बढ़ रही है। यह चार वर्ग जाति नहीं व्यवस्था है। इन चारों के बिना चलना मुश्किल है। कहा कि रावण का भाई दुश्मन नहीं होता तो वो हारता नहीं। प्रभु श्रीराम का भाई साथ दिया तो लंका से जीत कर आया। आरती के बाद प्रवचन का समापन आरती के दौरान मुजफ्फरपुर सेवा संस्थान के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार उर्फ पिंटू सिंह और संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष कुश मिश्रा, सचिव अमित ठाकुर, संयुक्त सचिव अभय रंजन उर्फ पिंकू, अमित कुमार, अमृतेश कुमार, प्रशांत द्विवेदी, विनेश सिंह, अनुमेश, सुधांशु, दुर्गेश पाठक, गुड्डू कुमार, कवि जी, गौतम, विपिन, जिम्मी ठाकुर पप्पु, प्रिंस आदि थे।

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