ऑनलाइन बकाया चुकाकर हायतौबा साइबर ठगी की
मुजफ्फरपुर में हाल के दिनों में कई मामले सामने आए हैं जहां उधार देने वालों के खाते साइबर धोखाधड़ी की शिकायत पर फ्रीज कर दिए गए हैं। लोग गूगल पे जैसे ऑनलाइन माध्यमों से पैसे भेजने के बाद शिकायत कर रहे...

मुजफ्फरपुर, वरीय संवाददाता। आपने भी किसी को कुछ राशि उधार दी है और उसे ऑनलाइन तरीके से वापस लेने की सोच रहे हैं, तो आपको ऐसा करने के पहले दो बार सोचना होगा। हो सकता है कि आप जिस खाते में उधार दी गई राशि वापस लें, उसे बैंक वाले साइबर फ्रॉड की शिकायत पर फ्रीज कर दे। हाल के दिनों में कई ऐसे मामले सामने आए हैं। लोग उधार की रकम गूगल पे या अन्य ऑनलाइन तरीके से उधार देने वालों के खाते में भेज देते हैं और बाद में अपने बैंक शाखा से ऑनलाइन धोखाधड़ी की शिकायत कर उधार देने वालों के खाता को फ्रीज देते हैं।
उधार देने वालों को इसकी भनक तब लगती है, जब वे अपने खाता से लेन-देन नहीं हो पाने पर अपने बैंक शाखा से सपंर्क करते हैं। उस समय बताया जाता है कि साइबर फ्रॉड की शिकायत के कारण उनके खाता को फ्रीज कर दिया गया है। जब साइबर सेल वाले मामले की जांच शुरू करते हैं और दोनों पक्षों से पूछताछ करते हैं तो आपसी लेन-देन में विवाद का मामला सामने आता है। खासकर इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के (आईपीपीबी) खाताधारकों को इस तरह की अधिक परेशानी झेलनी पड़ रही है। आईपीपीबी के अधिकारी भी मानते हैं कि इस तरह की शिकायत लेकर महीने में औसतन 20 खाताधारक आ रहे हैं, जिनके खाता ऑनलाइन फ्रॉड के नाम पर फ्रीज कर दिए गए थे। बाद में पता चलता है कि मामला आपसी विवाद का है। केस-1 - शहर के पक्की सराय चौक के रहने वाले एक व्यक्ति ने पिछले साल अपने घर में होने वाले समारोह के लिए कैटरर्स की बुकिंग की थी। समारोह समाप्त होने के बाद उन्होंने कैटरर्स का करीब पांच हजार रुपये बकाया रख लिया। बहुत भाग दौड़ करने के उन्होंने कैटरर्स के आइपीपीबी खाते में ऑनलाइन रकम ट्रांसफर कर दी। एक दिन बाद अपने बैंक शाखा में जाकर साइबर ठगी होने की शिकायत कर दी। उस शिकायत पर बैंक ने आइपीपीबी के अधिकारियों से संपर्क कर कैटरर्स का खाता फ्रीज करा दिया। कैटरर्स को अपना खाता फिर से चालू कराने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। वह भी तक जब जांच अधिकारियों ने दोनों पक्षों को आमने-सामने बैठाकर बात की और हकीकत सामने आई। हालांकि इस मामले में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई गई थी। केस-2 ऐसी ही परेशानी से नाजिरपुर निवासी एक किराना व्यवसायी को दो-चार होना पड़ा। अपने पड़ोसी को आड़े वक्त में उधार दिए पैसे को वापस मांगने पर यह परेशानी आई। तीन साल के बाद पड़ोसी ने पैसे वापस तो किये, लेकिन गलत तरीके से खाते से राशि निकाल लिए जाने की शिकायत कर व्यवसायी का खाता फ्रीज करा दिया था। इस तरह की शिकायत हाल के दिनों में लगातार देखने को मिली है। हर महीने औसतन 15 से 20 ऐसे मामले आ रहे हैं। पता चलता है कि आपसी लेन-देन के विवाद में लोग खाता को फ्रीज करा रहे हैं। लोग ऑनलाइन भुगतान कर साइबर ठगी का नाम देने का प्रयास कर रहे हैं। जांच में गलत साबित हो रहा है। -सुशील कुमार, प्रबंधक आईपीपीबी प्रधान डाकघर
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