श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का किया वर्णन
तेपरी डीह टोला में श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया गया। कथावाचक श्रीजानकी शरण बाल व्यास जी महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का वर्णन करते हुए धर्म, अर्थ, काम और...
बंदरा। तेपरी डीह टोला में बुधवार को सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन बुधवार को भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया गया। श्रीधाम मिथिला से पधारे कथावाचक श्रीजानकी शरण बाल व्यास जी महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन कर धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष की महत्ता को बताया। उन्होंने कहा कि जब-जब अत्याचार, अनाचार व अन्याय बढ़ा है, तब-तब प्रभु का अवतार हुआ है। अत्याचार को समाप्त कर धर्म की स्थापना को लेकर प्रभु अलग-अलग रूपों में अवतरित होते हैं, जब कंस ने सभी मर्यादाएं तोड़ दी, तो प्रभु श्रीकृष्ण का जन्म हुआ। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा जीवन जीने की कला सिखाती है।
बच्चे को अपने माता-पिता व गुरु की बातों को माननी चाहिए। इस दौरान ‘नंद के घर आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की पर श्रद्धालु झूमते उठे। इस मौके पर शशिभूषण ठाकुर, पुनिता कुमारी, गौरव भूषण, कुमारी सौम्या, सौरभ भूषण, कुमारी सुप्रिया, जनार्दन ठाकुर मौजूद रहे।
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