फसलों की बुआई से लेकर कटाई तक का बनेगा डिजिटल डाटा
मुजफ्फरपुर में फसलों की बुआई और कटाई का डाटा डिजिटल फॉर्मेट में सुरक्षित रखने की तैयारी की जा रही है। केंद्र सरकार के निर्देश पर कृषि और सहकारिता विभाग डिजिटल सर्वे करेगा। इससे फसल सहायता योजना में...

मुजफ्फरपुर, वरीय संवाददाता। मुजफ्फरपुर सहित पूरे प्रदेश में फसलों की बुआई के रकबे से लेकर कटाई तक का डाटा डिजिटल फॉर्मेट में सुरक्षित रखा जाएगा। इसके लिए केंद्र सरकार के निर्देश पर प्रदेश कृषि और सहकारिता विभाग अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुट गया है। खरीफ और रबी दोनों सीजन के फसलों के बुआई से लेकर कटाई तक का डिजिटल सर्वे किया जाएगा।
इसकी जानकारी देते हुए जिला सहकारिता पदाधिकारी (प्रभारी) राम नरेश पांडेय ने बताया कि बीते कुछ वर्षों में फसल सहायता योजना से लेकर किसानों के लिए चलाई जा रही अन्य योजनाओं में बड़े पैमाने पर अनियमितता की बात सामने आई थी। इसमें लाभुकों की संख्या से लेकर फसल के बुआई के रकबे और उनके कटाई के रबके में काफी अंतर पाया गया। साथ ही फसल सहायता योजना की समीक्षा के दौरान कम क्षेत्रफल में बुआई होने, जबकि योजना में उससे अधिक रकबे के लिए भुगतान होने का पता चला था। इसके बाद से केंद्र सरकार ने इस तरह के फर्जीवाड़ा रोकने के लिए डिजिटल डाटा संग्रहित करने पर जोर दिया। इसमें फसलों की बुआई से लेकर कटाई तक को ड्रोन कैमरों की मदद से एप में डाटा सुरक्षित किया जाएगा।
बताया कि एप में एकत्रित किया गया डाटा विभाग के वेबसाइट पर स्वत: अपलोड हो जाएगा। इसी डाटा का उपयोग कर लाभुकों की संख्या के साथ ही उसके द्वारा लगाए गए फसल के रकबे और उत्पादित अनाज से मिलान कर उनको योजना का लाभ दिया जाएगा। इससे फर्जीवाड़ा पर एक हद तक अंकुश लगाने में मदद मिलेगी। क्योंकि, रोपे गई फसलों के आच्छादन से लेकर उत्पादित फसल का वास्तविक समय में लिया गया डाटा विभाग के पास उपलब्ध रहेगा। वहीं, इसपर आने वाले खर्च को केंद्र सरकार के अलावा राज्य सरकार का सहकारिता विभाग वहन करेगा। कहा कि केंद्र सरकार की ई-गवर्नेंस योजना के तहत फसलों के डिजिटल सर्वे कराने का निर्णय लिया है।
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