पांच साल बाद भी अनुकंपा आश्रितों की नहीं हुई बहाली
मुजफ्फरपुर में अनुकंपा आश्रितों की बहाली पांच सालों से रुकी हुई है। विधानसभा में 6421 स्वीकृत पदों की बात कही गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं और विधायकों ने अविलंब...

मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। पांच साल बाद भी सृजित पदों पर अनुकंपा आश्रितों की बहाली नहीं हुई है। बजट सत्र में आश्वासन देकर अनुकंपा आश्रितों की बहाली भूले बैठे हैं। ऐसे में जिले ही नहीं, सूबे के अलग अलग अलग जिलों में दर्जनों परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। अनुकंपा आश्रितों की बहाली को लेकर विधानसभा में सवाल उठने पर जवाब दिया गया था कि सूबे में 6421 पद आश्रितों के लिए स्वीकृत हैं मगर उसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। विभाग का कहना कि 2020 के नियम में संशोधन को लेकर बहाली रूकी हुई है। हाल यह है कि जिले में कोई दो तो कोई तीन साल से कार्यालय का चक्कर काट रहा है।
विधान पार्षद वंशीधर व्रजवासी ने अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखकर बहाली की मांग की है। सेवाकाल में मृत शिक्षकों का परिवार खा रहा दर-दर की ठोकर आश्रित अनिल कुमार कहते हैं कि पिता की मृत्यु पांच साल पहले हुई और तब से नियुक्ति के लिए चक्कर काट रहे हैं। यह कैसी अनुकंपा है जिसके लिए इतने साल से हम गुहार ही लगा रहे हैं। विधवा रानी ने कहा कि पति की मौत के बाद दो बच्चे समेत सास-ससुर की जिम्मेवारी भी मेरे ऊपर हैं, मगर हाल यह है कि न दवाई ला रही हूं और न ही बच्चों की पढ़ाई करवा पा रही हूं। विधान पार्षद व्रजवासी ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ को पत्र लिखकर अनुकंपा आश्रितों की अविलंब बहाली की मांग की है। उन्होंने कहा है कि सेवाकाल में मृत कर्मियों के आश्रितों की अनुकंपा आधारित नियुक्ति बड़ा आलंबन होता है। अचानक से परिवार पर आई विपत्ति में एक सहारा होता है। किंतु राज्य सरकार अनुकंपा आश्रितों की नियुक्ति करने के प्रति घोर उदासीनता बरत रही है। 31 दिसंबर 2020 तक राज्य के विद्यालयों में विद्यालय सहायक के पदों का आकलन कर उन पदों पर अनुकंपा आश्रितों को नियुक्ति पत्र देने का निर्णय लिया गया था, लेकिन 5 वर्ष बीत जाने के बाद भी सृजित पदों के विरुद्ध नियुक्ति की कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी है। इस संबंध में विधान परिषद में सवाल पूछे जाने पर राज्य सरकार की ओर से अवगत कराया गया था कि अनुकंपा आश्रितों के लिए 6421 पद स्वीकृत किए गए हैं और इन पदों की स्वीकृति राज्य मंत्रिमंडल से भी दी जा चुकी है। इसके बावजूद इन पदों पर बहाली की कार्रवाई नहीं की जा रही है और अनुकंपा आश्रित दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं।
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