बाजारों से मोटी वसूली, निगम के खाते में आ रहे महज पांच सौ रुपये
- नीम चैक बाजार से प्रतिदिन वसूले जा रहा चार हजार रुपये से अधिक -

मुजफ्फरपुर, वरीय संवाददाता। शहर में लगने वाले हाट-बाजार से चुंगी वसूली में नगर निगम ही गड़बड़झाला कर रहे हैं। वे दुकानदारों से तो निर्धारित शुल्क से अधिक राशि वसूल रहे हैं, पर निगम के खाते में चंद रुपये ही जमा करते हैं। इससे राजस्व की हानि हो रही है। इसकी बानगी सोमवार को कुछ सब्जी बाजारों की पड़ताल के दौरान सामने आई। इसमें नीम चौक से प्रतिदिन की वसूली हजारों में बताई गई, जबकि निगम के खाते में महज पांच सौ रुपये जमा करने की बात सामने आई। यही हाल नई और पुरानी बाजार की है।
नीम चौक पर लगने वाले बाजार के दुकानदारों ने बताया कि निगमकर्मी किसी से साठ तो किसी से सौ रुपये तक की वसूली करते हैं। इसके एवज में वे हर दुकानदार को बीस रुपये वाली रसीद ही देते हैं। उस रसीद पर ना तो किसी का हस्ताक्षर होता है, और ना कोई अन्य जानकारी रहती है। केवल सैरात चुंगी रसीद और 20 रुपये का जिक्र रहता है। ऐसे ही एक दुकानदार ने बताया कि उनसे निगम कर्मी साठ रुपये के एवज में प्रतिदिन तीन रसीद थमा देते हैं। इसपर घिरनी पोखर, कटही पुल और सादपुरा नीम चौक सब्जी बाजार लिखा रहता है।
यह हालात तब है जबकि हर बाजार के अलग-अलग दर पर बंदोबस्ती होती है। लेकिन रसीद पर तीन बाजारों का नाम होना ही बड़ी अनियमितता को दिखा रहा है। इसकी शिकायत निगम के बड़े अधिकारियों से भी मौखिक रूप से की गई है। एक दुकानदार सतीश कुमार ने बताया कि अभी तक नीम चौक बाजार की बंदोबस्ती निगम ने किसी के नाम नहीं की है। फिर भी निगम कर्मी उनको प्रतिदिन एक सौ रुपये की पांच रसीद देते हैं।
नीम चौक के आरटीआई कार्यकर्ता सुजीत कुमार ने बताया कि इस चौक पर प्रतिदिन 60 से 70 दुकानों से चुंगी वसूली जाती है। औसतन साठ रुपये की दर से भी प्रतिदिन 36 सौ से 42 सौ रुपये की वसूली होती है। निगम प्रशासन ने आरटीआई में मांगी गई जानकारी में प्रतिदिन महज पांच सौ रुपये आय होने की बात स्वीकार की है। ऐसे में इस मामले की सही से जांच कराई जाए तो चुंगी वसूली में लाखों की गड़बड़ी सामने आ सकती है। उन्होंने बताया कि निगम प्रशासन ने नीम चौक बाजार की बंदोबस्ती की निविदा निकाली थी, लेकिन दर ज्यादा होने के कारण किसी ने बोली नहीं लगाई। अब निगम इसकी वसूली अपने स्तर से कर रहा है। इधर, इसकी शिकायत नगर निगम पार्षद संघ ने भी प्रदेश के नगर विकास एवं आवास मंत्री को पत्र लिखकर की है।
इस तरह की जानकारी मौखिक मिली है। किसी ने लिखित शिकायत अभी तक नहीं की है। कोई ठोस सबूत के साथ शिकायत करता है, जो जांच कराकर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
- विक्रम विरकर,नगर आयुक्त
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