Muzaffarpur Police Officers Face Departmental Cases for Delayed Investigations of Pending Cases पीड़ितों से आपराधिक विश्वासघात करने वाले आईओ बिना जमानत हो गए बरी, Muzaffarpur Hindi News - Hindustan
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पीड़ितों से आपराधिक विश्वासघात करने वाले आईओ बिना जमानत हो गए बरी

हिन्दुस्तान विशेष : -केस फाइल नहीं सौंपने पर लगी थी आपराधिक विश्वासघात की धारा -नामजद

Newswrap हिन्दुस्तान, मुजफ्फरपुरTue, 22 April 2025 07:25 PM
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पीड़ितों से आपराधिक विश्वासघात करने वाले आईओ बिना जमानत हो गए बरी

मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। लंबित कांडों की जांच में तेजी लाने के लिए अपराध पीड़ितों के केस को लटकाने वाले जिले के 134 दारोगा व जमादार पर दर्ज किया गया विभागीय केस भी लंबित कांडों के पुलिंदे में बंध गया है। थाने से स्थानांतरण के बाद केस का चार्ज व फाइल लेकर चले गए आईओ को पीड़ितों से आपराधिक विश्वासघात का आरोपी माना गया।

तत्कालीन एसएसपी राकेश कुमार के आदेश पर 17 दिसंबर 2024 को जिले के 20 से अधिक थानों में फरार माने गए आईओ पर केस दर्ज किए गए। इनमें नामजद आरोपित दारोगा व जमादार ने जमानत नहीं ली है। बगैर जमानत के ही आरोपित पुलिस कर्मियों को बरी मानकर कार्रवाई शिथिल कर दी गई है। इस केस में फरार नामजद दारोगा कई थानों में थानेदार बने हुए हैं। ऐसा नहीं है कि केस दर्ज होने के बाद सभी आरोपितों ने केस फाइल थानों में वापस कर दी। इनमें तीन दर्जन से अधिक दारोगा, जमादार ऐसे हैं, जो एफआईआर के बाद भी केस का चार्ज नहीं सौंपा। कानून के जानकारों का कहना है कि भारतीय न्याय संहिता की धारा 316 (5) के तहत दर्ज किए गए केस में आरोपितों को जमानत लेना अनिवार्य है। अगर आरोपित केस का चार्ज सौंप भी देगा, तब भी वह आरोपों से बरी नहीं हो सकेगा।

नगर थाने में 52 दारोगा, जमादार नामजद :

नगर थाने में इंस्पेक्टर शरत कुमार के बयान पर 52 दारोगा, जमादार पर एफआईआर दर्ज की गई थी। एफआईआर के बाद महज तीन आरोपित पुलिस अधिकारियों ने केस का चार्ज थाने में सौंपा। इसी तरह सदर थाने में 21 दारोगा जमदार पर नामजद एफआईआर दर्ज की गई, जिनमें सभी अब तक फरार चल रहे हैं। किसी ने जमानत नहीं ली है। अहियापुर में पांच दारोगा पर नामजद एफआईआर है। किसी ने जमानत नहीं ली है। दरअसल, दिसंबर 2024 में जिले में 12 हजार से अधिक केस लंबित चल रहे थे। थानेदारों ने एसएसपी को रिपोर्ट की कि बड़े पैमाने पर स्थानांतरित हो चुके दारोगा, जमादार केस की फाइल और चार्ज नहीं दे रहे हैं, जिसके कारण जांच लंबित है। तब तत्कालीन एसएसपी राकेश कुमार ने केस का चार्ज लेकर थाने से स्थानांतरित हो चुके आईओ को नोटिस करने का निर्देश दिया। थानेदार के नोटिस पर भी केस का चार्ज नहीं लौटाने की स्थिति में सभी पर एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया। अभी भी जिले में 12 हजार से अधिक केस लंबित चल रहे हैं।

कार्रवाई के लिए विभागीय मंजूरी जरूरी :

सरकारी कर्मियों पर केस या कार्रवाई के लिए विभागीय मंजूरी जरूरी है। जिले में एसएसपी का आदेश इसके लिए विभागीय आदेश की श्रेणी में आता है। इसके बावजूद अब तक नामजद आरोपितों पर कार्रवाई नहीं हुई है। दर्ज कांड के आईओ ने बताया कि हर केस में नामजद आरोपितों पर कार्रवाई के लिए पृथक विभागीय आदेश जारी करना होगा।

मामले की समीक्षा की जाएगी। केस का चार्ज नहीं सौंपने के लिए सभी पर विभागीय कार्यवाही भी चलाई जायेगी। नामजद आरोपित बनाए गए सरकारी कर्मियों पर कानूनी कार्रवाई के लिए विभागीय मंजूरी जरूरी है।

-सुशील कुमार, एसएसपी

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