जैन साध्वी ज्ञानमती का संयम दिवस मनाया गया
भगवान ऋषभदेव दिगम्बर जैन मंदिर में जैन साध्वी ज्ञानमती माता का 73वां आर्यिका दीक्षा दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर माता को नवीन पिच्छिका प्रदान की गई और 31 फुट की भगवान ऋषभदेव की प्रतिमा का...

भगवान ऋषभदेव दिगम्बर जैन मंदिर में जैन साध्वी गणिनी प्रमुख ज्ञानमती माता का 73वां आर्यिका दीक्षा दिवस हर्षोल्लासपूर्वक मनाया गया। माता के चरण प्रक्षाल करने का सौभाग्य संघपति अनिल कुमार जैन को प्राप्त हुआ। एमपी जैन ने बताया कि इस अवसर पर माताजी को नवीन पिच्छिका प्रदान करने का सौभाग्य देवेन्द्र कुमार जैन, राजेश कुमार जैन (राजू भईया) आनंद, अतिशय, रजत जैन-टिवैतनगर वालों ने प्राप्त किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। राजस्थान के माधोराजपुरा (जयपुर) गांव में आर्यिका दीक्षा आचार्य श्री वीरसागर महाराज से प्राप्त हुई थी। उस समय आप प्रथम बाल ब्रह्मचारिणी कन्या के रूप में दीक्षा प्राप्त करने वाली पहली आर्यिका थी। आर्यिका दीक्षा दिवस पर बुधवार को मंदिर में मौजूद 31 फुट के उत्तुंग भगवान ऋषभदेव की प्रतिमा का दूध व जल से अभिषेक किया गया और भगवान के मस्तक पर महाशांतिधारा संपन्न की गई। जैन मंदिर के प्रवक्ता एवं मंत्री विजय कुमार ने बताया कि ज्ञानमती माता वर्तमान में दिगम्बर जैन समाज की सबसे प्राचीन दीक्षित हैं। उन्होंने 550 ग्रंथों का सर्जन अपनी लेखनी द्वारा किया है। मंदिर में जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ के गर्भकल्याणक भी श्रद्धालुओं द्वारा मनाया गया। इस अवसर पर 108 कलशों से भगवान पार्श्वनाथ का अभिषेक किया गया। भगवान ऋषभदेव व पार्श्वनाथ को 73 फलों का अर्घ्य चढ़ाया गया।
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