Challenges Faced by Electric Mechanics in Patna Amidst Online Shopping Boom बोले पटना : बिजली का बाजार बढ़ा पर कारीगरों की कमाई घटी, Patna Hindi News - Hindustan
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बोले पटना : बिजली का बाजार बढ़ा पर कारीगरों की कमाई घटी

पटना में बिजली मिस्त्रियों की जिंदगी संघर्षमय हो गई है। ऑनलाइन सेवाओं के बढ़ते चलन ने उनकी आय को प्रभावित किया है। पहले ग्राहक स्थानीय दुकानों पर आते थे, अब वे ऑनलाइन खरीदारी करना पसंद करते हैं।

Newswrap हिन्दुस्तान, पटनाMon, 24 Feb 2025 06:09 PM
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बोले पटना : बिजली का बाजार बढ़ा पर कारीगरों की कमाई घटी

राजधानी के हर मोहल्ले में बिजली या इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों की मरम्मत करने वाले मैकेनिक या मिस्त्री रहते हैं। उनकी आय का कोई स्थायी स्रोत नहीं होता है। वे हर रोज कमाई की उम्मीद लिये घर से निकलते हैं। हाल के वर्षों में बाजार के स्वरूप में आए बदलाव और बदली जीवन शैली ने उनके धंधे को प्रभावित किया है। आज ‘बोले पटना अभियान में पढ़िए बिजली मैकेनिक और बिजली उपकरणों के विक्रेताओं की जिंदगी से जुड़ी समस्याओं के बारे में। अब भी आपके घर या फ्लैट में बिजली से जुड़ी कोई समस्या होती है तो आप बिजली मिस्त्री को ढूंढ़ते हैं। उनसे अपेक्षा होती है कि वे यथाशीघ्र पहुंचें और खराबी को दूर कर दें। काम समाप्त हो जाने पर फिर उनकी तभी याद आती है जब फिर से घर का कोई उपकरण खराब हो या कोई अन्य खराबी दूर करनी हो। बिजली मैकेनिक की कठिन जिंदगी की फिक्र शायद ही कोई करता हो। पटना में ऐसे मैकेनिक हर मोहल्ले में मिल जाते हैं। हाल के वर्षों में बाजार के स्वरूप में आए बदलाव और रहन-सहन की बदलती शैली ने बिजली मैकेनिक की जिंदगी पहले से ज्यादा संघर्षमय बना दिया है। ऑनलाइन कारोबार और ऑनलाइन सेवाओं के बढ़ते चलन ने इनकी कमाई पर असर डाला है।

पटना में लंबे समय से बिजली मैकेनिक का काम करने वाले मनोज कुमार बताते हैं, पहले ग्राहक बिजली उपकरण ठीक करवाने दुकान तक आते थे पर अब ऑनलाइन के जमाने में ग्राहकों को घर बैठे ही सारी सुविधा चाहिए। ग्राहको के घर कंपनी के तकनीशिन पहुंच जाते हैं। इसके लिए भले ही ग्राहक को भले ही कुछ ज्यादा रकम चुकानी पड़ती हो। इसकी वजह से हम जैसे छोटे बिजली मैकेनिकों के पास काम नहीं आ पाता है। वहीं पहले जहां टयूब लाइट और फ्लड लाइट रिपेयरिंग का 70 रुपये मिल जाते थे, आज 50 रूपया मिलता है। दिन भर में महज 2 से 3 ग्राहक बड़ी मुश्किल से मिलते हैं।

बाजार में अब ऐसे उपकरण आने लगे हैं, जो एक बार खराब हो जाने के बाद उनकी मरम्मत नहीं होती है। खराब हो जाने के बाद वे बेकार हो जाते हैं। यानी नया खरीदना पड़ता है। ऐसे सामान मुख्य रूप से चीन निर्मित होते हैं। इससे निर्माता कंपनियों को तो फायदा होता है, लेकिन बिजली मिस्त्री का काम छीन जाता है। मरम्मत के बजाये नया सामान खरीद लेते हैं लोग : पटना के राजेंद्र नगर, कंकड़बाग, पटेल नगर, चिरैयाटांड़, चांदनी मार्केट, बाकरगंज जैसे इलाकों में बिजली मैकेनिकों के कई छोटे वर्कशॉप मौजूद हैं। लेकिन अब इनका काम पहले जैसा नहीं रहा। इसकी सबसे बड़ी वजह ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म का विस्तार है। पहले खराब बल्ब, ट्यूब लाइट, पंखा, टीवी या अन्य छोटे उपकरण रिपेयर कराए जाते थे, लेकिन अब लोग इन्हें ऑनलाइन सस्ते दामों पर खरीदना पसंद कर रहे हैं। चांदनी मार्केट में 18 सालो से इलेक्ट्रिकल उपकरणों को ठीक करने का काम करने वाले रंजीत वर्मा बताते हैं कि पहले ग्राहक खराब उपकरणें को ठीक कराने के लिए उनकी दुकान पर आते थे, लेकिन अब लोग नई चीजें ऑनलाइन मंगा लेते हैं। जो सस्ते दामों पर उपलब्ध होते है। इससे हमारे काम में करीब 50% तक की गिरावट आ गई है। दुकान का किराया देने और घर चलाना मुश्किल हो गया है।

काम कम मिलने के साथ ही मजदूरी पर भी असर पड़ा है। पहले जहां एक साधारण बिजली मिस्त्री दिनभर में 700-1000 रुपये तक कमा लेता था, अब यह राशि 300-500 रुपये तक सिमट गई है। महंगाई के इस दौर में इतनी कमाई में घर चलाना मुश्किल है। बिजली मि्त्रिरयों का कहना कि पिछले10 वर्षों में सामान की कीमतें दोगुनी हो गईं, लेकिन हमारी मजदूरी जस की तस है।

शिकायतें

1. ऑनलाइन सर्विस आने से स्थानीय बिजली मैकेनिक की कमाई घटी है

2. छोटे इलेक्ट्रिशियन को कोई वित्तीय सहायता नहीं मिलती

3. इस पेशे से जुडे लोगों को कोई सामाजिक सुरक्षा नहीं मिलती

4. स्थानीय बाजारों में जगह नहीं

5. सरकारी योजनाओं की जानकारी नहीं है

सुझाव

1. बिजली मिस्त्री को डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ने की योजना बने, ताकि ऑनलाइन ग्राहकों तक पहुंच सकें

2. छोटे मैकेनिकों को व्यवसाय शुरू करने व उपकरण खरीदने के लिए सस्ते दर पर लोन उपलब्ध कराए जाएं

3. इस पेशे से जूडे लोगों को स्वास्थ्य बीमा, दुर्घटना बीमा,जीवन बीमा जैसी सुविधाय मिलनी चाहिए

4. बिजली मि्त्रिरयों के लिए बाजार विकसित किया जाए

5. सरकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया जाये

समय के साथ बदलता गया चांदनी मार्केट का स्वरूप और कारोबार

पटना जंक्शन के ठीक सामने स्थित चांदनी मार्केट शहर के सबसे पुराने और प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक्स बाजारों में से एक है। इसकी स्थापना 20वीं सदी में हुई थी और यह धीरे-धीरे पटना के प्रमुख व्यापारिक केंद्रों में से एक बन गया। चांदनी मार्केट पटना ही नहीं, बल्कि पूरे बिहार के लिए एक महत्वपूर्ण इलेक्ट्रॉनिक्स ट्रेडिंग सेंटर रहा है। यहां नए और पुराने दोनों तरह के इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद किफायती दामों पर मिल जाते हैं। इसके अलावा, यहां मरम्मत और सर्विसिंग सेंटर भी बड़ी संख्या में उपलब्ध हैं, जहां ग्राहक अपने पुराने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की मरम्मत करवा सकते हैं। पहले यहां केवल कुछ छोटी दुकानें हुआ करती थीं। लेकिन फैसनेबल, सजावटी बिजली उपकरणों की मांग के चलते आज यहां लगभग छोटे से बड़े स्तर पर 140 इलेक्ट्रॉनिक्स दुकानें खुल चुकी हैं।

संध्या इलेक्ट्रॉनिक्स के मालिक उदय कुमार बताते हैं, यह बाजार उन लोगों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है जो घरेलू बिजली उपकरणों और अन्य इलेक्ट्रॉनिक समानों की खरीदारी करना पसंद करते हैं। यहां सस्ते दामों में अच्छी क्वालिटी के उत्पाद उपलब्ध होने के कारण यह बिहार के अन्य जिलों से ग्राहक भी यहां आया करते थे। पर समय के साथ लोगों का यहां आना कम होता चला गया। ऑनलाइन बाजार आने से हमलोगों के व्यवसाय पर गहरा प्रभाव पड़ा है।

बाकरगंज में अधिक भीड़ और पार्किंग की समस्या

शहर का एक और मार्केट मरम्मत और खरीदारी के लिए प्रसिद्ध है। वह है- बाकरगंज। दोनों जगह ही पार्किंग एक बड़ी समस्या है। इस वजह से ग्राहक ज्यादा देर तक नहीं रुकना चाहते। पार्किंग की जगह न होने से लोग सड़कों पर गाड़ियां पार्क करते हैं, जिससे अक्सर जाम लग जाता है। इस इलाके में ट्रैफिक जाम आम बात है। बिजली मिस्त्री जितेंद्र कुमार बताते हैं कोरोना के पहले तक रोजाना काम मिलता था अब बढ़ती बेरोजगारी के कारण बहुत लोग इस पेशे में आ गए है। ऑनलाइन बाजार ने तो हमारा काम खराब किया ही है पर मार्केट में भी बहुत प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है। जल्दी काम नहीं मिलता है जिसके कारण हमें कम मेहनताना में ही काम करना पड़ता है। व्यवस्था की भारी कमी है यहां जिसके कारण दुकानदार और ग्राहक दोनो को परेशानी होती है।

अब घर बैठे ही ग्राहक करते हैं खरीदारी

चांदनी मार्केट आज भी पटना का एक महत्वपूर्ण इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार है, लेकिन इसे डिजिटल युग की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। बीते कुछ वर्षों में ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स ने चांदनी मार्केट जैसे अन्य छोटे बाजारों को कड़ी टक्कर दी है। ऑनलाइन शॉपिंग के कारण ग्राहक अब घर बैठे ही इलेक्ट्रॉनिक्स सामान खरीद सकते हैं। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स डिस्काउंट और कैशबैक जैसी सुविधाएं देकर ग्राहकों को लुभाते हैं, जबकि छोटे दुकानदारों के लिए इतने बड़े ऑफर्स देना संभव नहीं होता।

(प्रस्तुति: अंजली आनंद , फोटो: अभिषेक)

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