मात्स्यिकी विभाग की विशेष योजना : पिछड़े तबकों को बनाया जा रहा आत्मनिर्भर
-अच्छी खबर : पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता । राज्य सरकार द्वारा संचालित मात्स्यिकी विभाग की विशेष योजना के अंतर्गत आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग (इबीसी

पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता । राज्य सरकार द्वारा संचालित मात्स्यिकी विभाग की विशेष योजना के अंतर्गत आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग (इबीसी), अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग के लाभार्थियों को वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। इस योजना का उद्देश्य सामाजिक व आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों को मत्स्य पालन के क्षेत्र में स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है। राज्य सरकार की यह पहल सामाजिक समावेशन और आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। विभाग ने सभी लाभार्थियों से अपेक्षा की है कि वे योजना का समुचित उपयोग कर अपनी आजीविका को सुदृढ़ करें और राज्य के विकास में सहभागी बनें। मात्स्यिकी विभाग का मानना है कि इस योजना के सफल कार्यान्वयन से न केवल समाज के पिछड़े तबकों को आत्मनिर्भर बनाया जा सकेगा, बल्कि राज्य में मत्स्य उत्पादन भी बढ़ेगा। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को गति मिलेगी और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।
-पूर्णिया में क्रियान्वित योजनाएं :
-इस योजना के तहत विभाग ने इबीसी वर्ग के लिए पांच योजनाओं पर कुल 21.70 लाख रुपये तथा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लिए क्रमशः छह-छह योजनाओं पर 26.04 लाख रुपये का विभागीय लक्ष्य निर्धारित किया है। योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए इच्छुक लाभार्थियों से आवेदन आमंत्रित किए गए थे। जानकारी के अनुसार विशेष योजना के तहत ईबीसी वर्ग से कुल 13 आवेदन पत्र प्राप्त हुए, वहीं अनुसूचित जाति से 10 और अनुसूचित जनजाति से 14 आवेदन पत्र प्राप्त हुए। इन आवेदनों की समुचित जांच-पड़ताल के बाद चयन समिति द्वारा अंतिम चयन किया गया, जिसमें ईबीसी से 5, एससी से 3 और एसटी से भी 3 आवेदन पत्रों का चयन किया गया। चयन प्रक्रिया पूरी होने के पश्चात विभाग ने सभी चयनित आवेदकों के लिए योजना क्रियान्वयन के लिए कार्यादेश निर्गत कर दिए हैं। इसके साथ ही विभाग द्वारा यह भी सूचित किया गया कि वर्तमान समय में अनुसूचित जाति वर्ग में योजना की उपलब्धि 7.40 प्रतिशत रही है, जबकि अनुसूचित जनजाति वर्ग में अब तक योजना की उपलब्धि 15.32 प्रतिशत दर्ज की गई है। वहीं इबीसी वर्ग की योजना उपलब्धि अब तक शून्य दर्ज है।
-क्या कहते हैं अधिकारी :
-जिला मत्स्य पदाधिकारी जयशंकर ओझा ने बताया कि आने वाले समय में इस योजना का दायरा और बढ़ाया जाएगा ताकि अधिक से अधिक पात्र लाभार्थी इसका लाभ उठा सकें। साथ ही चयनित लाभार्थियों को समय-समय पर प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा ताकि वे आधुनिक मत्स्य पालन तकनीकों का लाभ उठा सकें।
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