Government Schools Lack Playgrounds Impact on Children s Physical Development गुठनी के 90 फीसदी विद्यालयों में खेल का मैदान नहीं, Siwan Hindi News - Hindustan
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गुठनी के 90 फीसदी विद्यालयों में खेल का मैदान नहीं

गुठनी के 90% सरकारी स्कूलों में खेल मैदान नहीं है, जिसके कारण बच्चों को शारीरिक गतिविधियों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। नई शिक्षा नीति 2020 के तहत स्कूलों को खेल मैदान प्रदान करने की आवश्यकता है,...

Newswrap हिन्दुस्तान, सीवानTue, 6 May 2025 02:33 PM
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गुठनी के  90 फीसदी विद्यालयों में खेल का मैदान नहीं

गुठनी, एक संवाददाता। प्रखंड के 90 फ़ीसदी से ज्यादा सरकारी स्कूलों के पास खेल मैदान नहीं है। यहां पढ़ रहे बच्चों को स्कूल आंगन में ही खेलने की गतिविधि को चालू रखना पड़ रहा है। हालांकि नई शिक्षा नीति 2020 के तहत यह तय किया गया था कि स्कूल के पास अपना खेल मैदान हो निजी स्कूलों के पास तो खेल मैदान है। जबकि सरकारी विद्यालयों में खेल मैदान नहीं होने से बच्चों का शारीरिक विकास अवरुद्ध तो होता ही है, उनकी खेल प्रतिभा भी निखर नहीं पाती है। गुठनी में कुल 130 प्राथमिक, मिडिल, हाई स्कूल और इंटर कॉलेज हैं।

हाई स्कूल और इंटरमीडिएट कॉलेज के पास अपना खेल मैदान तो है। लेकिन अधिकांशत मिडिल और प्राथमिक स्कूलों के पास खेल मैदान नहीं है। खेल और शारीरिक ज्ञान से दूर हो रहे हैं स्कूली बच्चे प्रखंड के प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में खेल मैदान नहीं होने से खेल की कोई गतिविधि नहीं हो पाती है। शैक्षणिक कार्य तो होता है, पर खेल से छात्र महरुम रहते हैं। स्कूल का केवल भवन है छात्र इस में पूरे दिन बंधे रहते हैं। लंच के समय में भी बाहर निकालने की कोई खुली जगह नहीं है। ऐसे में प्रतिभावान बच्चों को खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ने का मौका नहीं मिल पा रहा है। जबकि शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों में खेल की एक कक्षा के संचालन का भी निर्देश दिया है। शारीरिक शिक्षक नियुक्त, पढ़ा रहे हैं अन्य विषय प्रखंड के प्रत्येक मिडिल, माध्यमिक व उच्च विद्यालयों में सरकार ने खेल को बढ़ावा देने के लिए शारीरिक शिक्षक नियुक्त किए है। जिन स्कूलों में ऐसे टीचर मौजूद हैं। और खेल का मैदान नहीं है। वहां शारीरिक शिक्षक खेलकूद करने के बजाय अन्य विषय पढ़ाते हैं। बावजूद स्थानीय शिक्षा विभाग के अधिकारियों के कान पर जू तक नहीं रेंग रहा है। और पढ़ने वाले छात्रों को इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ रहा है। प्रखंड में एलएमटी स्कूल में बने स्टेडियम भी अधूरा रह गया। जिससे प्रतिभावान खिलाड़ियों के हौसले पस्त हो रहे हैं। क्या कहते हैं बीएओ बीएओ दीपक कुमार ने बताया कि बच्चों को खेल कूद में भी बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए स्कूल, ब्लॉक, जिला मुख्यालय स्तर पर प्रतियोगिता आयोजित होती है। बच्चो को खेल कूद में बेहतर करने का प्रयास होगा। इन्फो ===== करीब 90 प्रथिमक विद्यालय है 20 से कम विद्यालय में है खेल मैदान

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