गुठनी के 25 में से 12 पुलों को मरम्मत की दरकरार
गुठनी में 25 पुल और पुलियों की संयुक्त जांच रिपोर्ट जिला मुख्यालय को भेजी गई है। रिपोर्ट में अधिकारियों ने पाया कि 12 से अधिक पुल और पुलियां रखरखाव के अभाव में क्षतिग्रस्त हो गई हैं। मेहरौना पुल का...

गुठनी, एक संवाददाता। प्रखंड मुख्यालय में आने वाले करीब 25 पुल और पुलिया का संयुक्त जांच रिपोर्ट जिला मुख्यालय को भेजा गया है। इस रिपोर्ट में कनीय अभियंता नहर, सहायक अभियंता सारण, अंचल पदाधिकारी और प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा संयुक्त रूप से जांच रिपोर्ट तैयार की गई है। यह रिपोर्ट जिले में पुलो के लगातार क्षतिग्रस्त होने के बाद तैयार की गई है। जिसमें अधिकारियों द्वारा जांच में स्पष्ट पाया गया कि 12 से अधिक पुल और पुलिया रखरखाव और विभागीय उदासीनता के शिकार हो गए हैं। इनमें कई पुलो का रेलिंग और कई मेंटेनेंस के अभाव में पूरी तरह क्षतिग्रस्त है। सीओ डॉ विकास कुमार ने बताया कि इसकी संयुक्त जांच रिपोर्ट जिला मुख्यालय को भेज दी गई है। राजस्व विभाग से जुड़े कर्मियो से भी जांच कराई जा रही है। और इसकी भी रिपोर्ट जिला मुख्यालय को भेज दी जाएगी। इन पुलों की जांच रिपोर्ट भेजी गई है जिला मुख्यालय प्रखंड मुख्यालय के पुलो की जांच रिपोर्ट जो जिला मुख्यालय को भेजी गई है। उनमें परासिया के निकट परासिया बुजुर्ग के निकट, ताली के निकट, बहेलिया के निकट, तड़का के निकट, बेलौर के निकट, बेलौरी के निकट, कोहरवलिया के निकट, चीताखाल के निकट, बहेलिया के निकट, सोहराई के निकट, करमदाहा के निकट, धनौती के निकट, मझौलिया के निकट, जमुआव के निकट, झझऔर के निकट, गुठनी के निकट, सेलोर के निकट, बासुहारी के निकट, जतौर के निकट स्थित है। बीडीओ डॉ संजय कुमार ने बताया कि संयुक्त जांच रिपोर्ट निरीक्षण के बाद तैयार की गई है। जिसका गहनता से अवलोकन के बाद रिपोर्ट तैयार कर जिला मुख्यालय को भेजी गई है। अभी तक प्रखंड मुख्यालय में ऐसी कोई पुल और पुलिया नहीं है। जिस पर सवालिया निशान खड़ा हो सके। मेहरौना पुल का आज तक नहीं हुआ जांच जिला मुख्यालय के अंतिम सीमा पर स्थित श्रीकरपुर चेक पोस्ट के नजदीक बने पुल का आज तक ना तो निरीक्षण किया गया और नहीं मेंटेनेंस ही किया गया। यह पूल इस मायने में अधिक महत्वपूर्ण है कि इससे बिहार और यूपी के लोग आसानी से यात्रा करते हैं। वहीं दो राज्यों को यह पूल आसानी से जोड़ देता है। इस रास्ते लाखों लोग एक दिन में एक दूसरे राज्य में यात्रा करते हैं। इसका निर्माण करीब 5 दशक पहले किया गया है। हालांकि इस पल में किसी भी तरह की कोई शिकायत और दिक्कत भले ही ना हो। लेकिन लोगों को इस बात की शिकायत है कि विभागीय अधिकारी इसका बाढ़, कटाव और बरसात में भी जांच पड़ताल नहीं करते। क्या कहते हैं सीओ सीओ डॉ विकास कुमार ने बताया की जिले के वरीय अधिकारियों से मिले निर्देशों के बाद निरीक्षण टीम का गठन कर जांच शुरू की गई है। जहां पुल की हालत जर्जर और खराब है। उसकी रिपोर्ट जिला मुख्यालय को भेज दी गई है।
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