जिले के पांच प्रखंडों में दो फुट नीचे गिरा जल स्तर
सीवान में गर्मी बढ़ने के साथ ही जल स्तर तेजी से गिर रहा है। अगर बारिश नहीं हुई, तो पानी की समस्या गंभीर हो सकती है। चापाकलों से पानी निकालना मुश्किल हो रहा है। प्रशासन ने 1030 चापाकलों की मरम्मत की...

सीवान, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। जिले में गर्मी के बढ़ने के साथ ही जल स्तर भी दिनों दिन नीचे गिर रहा है। आने वाले दिनों में इसी तरह तापमान और गर्मी रही तो जल स्तर नीचे गिरने से लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। अगर बीच में अच्छी बारिश नहीं हुई और इसी तरह गर्मी पड़ती रही जल स्तर गिरने से समस्या उत्पन्न हो सकती है। साथ ही जल स्तर में गिरावट के कारण चापाकलों से पानी निकलना मुश्किल हो जाएगा। सरकारी आंकड़ों के अनुसार जिले का सामान्य भू-जलस्तर 11 से 12 फीट है। लेकिन कहीं- कहीं 13 व 14 फीट पर पानी अब मिल रहा है।
जिससे डेढ़ सौ फीट खनन वाले चापाकल से पानी निकलना मुश्किल हो रहा हैं। विदित हो कि गर्मी के मौसम आते ही इस गांव में प्रतिवर्ष पानी की समस्या गहराने लगती हैं। ऐसे में समस्या आने के पूर्व समय विभाग को सतर्क होने की जरूरत है। ताकि आने वाले दिनों में जल स्तर नीचे गिरने से ग्रामीणों को कोई परेशानी न हो। बताते चलें कि जिले के दो प्रखंड हसनपुरा व दरौली में दो फीट से अधिक नीचे गया है। जबकि हुसैनगंज, रघुनाथपुर, गोरेयाकोठी, गुठनी में एक फीट से अधिक फीट नीचे एक माह के अंदर चला गया है। अब तक 1030 चापाकलों को ठीक किया जा सका है। कई वार्डों में नल-जल योजना चालू नहीं नल-जल योजना अंतर्गत बनाई गई पानी की टंकी कई वार्डों में शो-पीस बनकर रह गई है। बताते चले कि जिले 170 पीएचईडी विभाग की पानी टंकी है, जिसे विभाग का दावा है कि सभी चालू हालात में है। जिले के 3666 वार्डों में नल जल योजना के तहत पानी टंकी लगी है। लेकिन 12 वार्डों मेजर समस्या होने से योजना चालू नहीं है। जबकि अन्य जगह योजना चालू है। लेकिन हकीकत यह है कि जितने योजना चालू स्थिति में बताई जा रही है। उसमें भी कई जगह पानी लोगों को नहीं मिल रहा। बताया जा रहा पाइपलाइन क्षतिग्रस्त है, तो कहीं स्ट्रक्चर कमजोर है। कहीं कहीं योजना भी अधूरी है। गौर करने वाली बात है कि अब नल जल योजना को भी सुचारू ढंग से चालू करने की जिम्मेदारी पीएचईडी विभाग को ही मिली है। लेकिन मरम्मत का कार्य धीमा चल रहा है। चालू वित्तीय वर्ष में 1030 चापाकलों हुए ठीक जिले में दिनों दिन तापमान तेजी से बढ़ना शुरू हो गया है। ऐसे में लोगों को पानी के लिए कहीं भटकना नहीं पड़े। इसको लेकर जिला लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग ने सरकारी चापाकलों को मरम्मत करने की कवायद शुरू कर दी है। ताकि लोगों को गांव व टोले-मोहल्ले में लगे सरकारी चापाकल की खराबी से जल संकट से नहीं जुझना पड़े। इस अभियान के तहत पीचईडी विभाग ने अब तक 2276 सरकारी चापाकलों को दुरुस्त करने का कार्य पूरा कर लिया है। इसमें अब तक 1030 चापाकलों को ठीक किया जा सका है। चापाकलों की मरम्मत कार्य जारी है। विभाग द्वारा बताया गया कि मरम्मत कार्य तेजी से चल रहा है। भीषण गर्मी के पहले सभी चिह्नित चापाकल दुरुस्त कर लिए जाएंगे। गौर करने वाली बात है कि जिले में रही जिले में कुल 40 हजार 235 सरकारी चापाकल हैं। इसमें 5706 खराब चापाकल को चिह्नित किया गया है। क्या कहते है अधिकारी जिले के कुछ प्रखंडों में जल स्तर एक से दो फीट नीचे गिरा है। हालांकि विकट समस्या कहीं नहीं देखने को मिल रही है। चापाकल के साथ - सुभाष चंद्र सिन्हा, कार्यपालक अभियंता, जिला लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग,सीवान
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