चीन को अपने ही ‘दोस्त’ पाकिस्तान के चलते भारी नुकसान! ड्रैगन्स में मचा हड़ंकप
युद्ध पर विराम लगने से चीनी निवेशकों को नुकसान हो रहा है। हैंग सेंग चाइना ए एयरोस्पेस एंड डिफेंस इंडेक्स लगातार दूसरे सत्र में 1.3% टूट गए।

China Defence stock Crash: चीन की डिफेंस कंपनियों के शेयरों में लगातार भारी गिरावट देखी जा रही है। अधिकतर कंपनी के शेयर क्रैश हो रहे हैं। दरअसल, भारत द्वारा पाकिस्तान में चीन की धाकड़ फाइटर जेट गिराए जाने के बाद से ही डिफेंस शेयरों में गिरावट आ रही है। इसके अलावा भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम समझौते के बाद और चीन ने निवेशकों में टेंशन का माहौल है। बता दें कि पाकिस्तान चीन का सबसे बड़ा ग्राहक है। पाकिस्तान चीन से हथियार खरीदता है। ऐसे में युद्ध पर विराम लगने से चीनी निवेशकों को नुकसान हो रहा है। हैंग सेंग चाइना ए एयरोस्पेस एंड डिफेंस इंडेक्स लगातार दूसरे सत्र में 1.3% टूट गए।
इन शेयरों में गिरावट
इंडेक्स के प्रमुख कंपोनेंट, जिनमें चाइना एयरोस्पेस टाइम्स इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी लिमिटेड (लॉन्ग मार्च लॉन्च व्हीकल टेक्नोलॉजी कंपनी लिमिटेड), ब्राइट लेजर टेक्नोलॉजीज, नॉर्थ इंडस्ट्रीज ग्रुप रेड एरो कंपनी, शीआन ट्रायंगल डिफेंस, चाइना स्पेससैट, बीजिंग बेई और एवीआईसी एयरक्राफ्ट शामिल हैं। इनमें 1% से 4% के बीच नुकसान दर्ज किया गया। इंडेक्स में शामिल 29 शेयरों में से केवल दो ही सकारात्मक क्षेत्र में कारोबार कर रहे थे, जबकि बाकी लाल निशान में फिसल गए। मंगलवार को पिछले सत्र में इंडेक्स में 2.9% की गिरावट आई थी। इस बीच, एविक चेंगदू एयरक्राफ्ट के शेयर की कीमत दो सत्रों में 9% से अधिक गिर गई थी। एविक चेंगदू एयरक्राफ्ट जे-10 लड़ाकू विमानों का निर्माता है, जिसके बारे में पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इशाक डार ने कहा कि इसका इस्तेमाल उनकी वायु सेना द्वारा किया जाता है।
पीएम मोदी की भाषण से मिला बल
बता दें कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयानों पर प्रतिक्रिया व्यक्त की, जिन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के सफल समापन के बारे में राष्ट्र को संबोधित किया। हाल ही में सीमा पार से आक्रमण के जवाब में शुरू किए गए इस ऑपरेशन की मोदी ने भारत की मजबूत रक्षा क्षमताओं के प्रदर्शन के रूप में सराहना की। पिछले दो दिनों में, भारतीय सेना और प्रधानमंत्री दोनों ने हाल के संघर्ष के दौरान आकाश सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (एसएएम) और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध सिस्टम जैसी स्वदेशी रक्षा प्रणालियों की प्रभावशीलता को रेखांकित किया है। इन प्रणालियों ने कथित तौर पर पाकिस्तान द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले चीनी मूल के रक्षा उपकरणों के खिलाफ सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया।