327 इलेक्ट्रिक बस बनाने का ऑर्डर, शेयर खरीदने की मची लूट, आपका है दांव
- Olectra Greentech Share: इलेक्ट्रिक बस बनाने वाली कंपनी- ओलेक्ट्रा ग्रीनटेक के शेयरों की भारी डिमांड है। सप्ताह के दूसरे दिन मंगलवार को इंट्राडे ट्रेड में यह शेयर 8% बढ़कर ₹1673 प्रति शेयर पर पहुंच गया।

Olectra Greentech Share: इलेक्ट्रिक बस बनाने वाली कंपनी- ओलेक्ट्रा ग्रीनटेक के शेयरों की भारी डिमांड है। सप्ताह के दूसरे दिन मंगलवार को इंट्राडे ट्रेड में यह शेयर 8% बढ़कर ₹1673 प्रति शेयर पर पहुंच गया। हालांकि, कारोबार के अंत में यह शेयर 6.35% बढ़कर 1661.05 रुपये पर बंद हुआ। इसी के साथ शेयर में तीन दिन की गिरावट पर ब्रेक भी लग गया।
क्या है तेजी की वजह
ओलेक्ट्रा ग्रीनटेक के शेयरों में यह तेजी कंपनी से जुड़ी एक पॉजिटिव खबर की वजह से आई है। ओलेक्ट्रा ग्रीनटेक को हिमाचल सड़क परिवहन निगम (एचआरटीसी) से 327 इलेक्ट्रिक बसों की आपूर्ति का ऑर्डर मिला है। यह कंपनी कॉन्ट्रैक्ट के लिए सबसे कम बोली लगाई, जिसके बाद ऑर्डर ओलेक्ट्रा ग्रीनटेक को अलॉट हो गया।
327 इलेक्ट्रिक बस का ऑर्डर
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में ग्रीन मोबिलिटी को बढ़ावा देने के प्रयास में एचआरटीसी ने 327 इलेक्ट्रिक बसों की सीधी खरीद के लिए बोली जारी की थी। इसमें 9 मीटर की 297 और 12 मीटर की 30 इलेक्ट्रिक बसें शामिल हैं। टेंडर प्रक्रिया और तकनीकी मूल्यांकन के बाद ओलेक्ट्रा और स्विच मोबिलिटी ने योग्यताएं पूरी कीं, जिसमें ओलेक्ट्रा ने सबसे कम बोली की पेशकश की। इस बीच, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानी बीएसई ने रिपोर्ट पर कंपनी से स्पष्टीकरण मांगा है।
कितना है ऑर्डर बुक
बता दें कि 31 मार्च, 2024 तक इलेक्ट्रिक बसों के लिए ओलेक्ट्रा की ऑर्डर बुक 10,969 यूनिट थी। कंपनी को इस संख्या को बढ़ाने के लिए और अधिक निविदाओं की उम्मीद है। बीते वित्त वर्ष के अंत तक ओलेक्ट्रा की लगभग 1,695 ई-बसें भारतीय सड़कों पर परिचालन में थीं, जो सामूहिक रूप से हर महीने 10 मिलियन किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करती थीं।
केंद्र सरकार के मंत्रिमंडल ने सितंबर में "पीएम-ईबस सेवा-भुगतान सुरक्षा तंत्र (पीएसएम) योजना" को मंजूरी दे दी। इस योजना का उद्देश्य इलेक्ट्रिक बसों (ई-बसों) की खरीद और संचालन का समर्थन करना है। योजना के तहत वित्त वर्ष 2024-25 से वित्त वर्ष 2028-29 तक 38,000 से अधिक इलेक्ट्रिक बसें उतारने की उम्मीद है। इससे ओलेक्ट्रा जैसी कंपनियों को फायदा मिलने की उम्मीद है।