प्रोसेसिंग फीस जीरो, ब्याज पर राहत... होम लोन के लिए पीएनबी दे रहा बड़े तोहफे
पीएनबी ने ग्राहकों के लिए लोन कैंपेन की शुरुआत की है। इस कैंपेन को पीएनबी निर्माण 2025 नाम दिया गया है। आइए जानते हैं कि बैंक ने इस कैंपेन के तहत किस तरह की सुविधाएं शुरू की हैं।

PNB NIRMAAN 2025 campaign: पब्लिक सेक्टर के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) से लोन लेना चाहते हैं तो ये खबर आपके लिए है। दरअसल, पीएनबी ने ग्राहकों के लिए लोन कैंपेन की शुरुआत की है। इस कैंपेन को पीएनबी निर्माण 2025 नाम दिया गया है। इसका उद्देश्य हाउसिंग और ऑटो लोन को अधिक किफायती बनाना है। इसके जरिए ग्राहकों को अट्रैक्ट करने का प्रयास किया जाएगा। आइए जानते हैं कि बैंक ने इस कैंपेन के तहत किस तरह की सुविधाएं शुरू की हैं।
पीएनबी निर्माण 2025 कैंपेन की खास बातें
हाउसिंग और कार लोन पर जीरो प्रोसेसिंग और डॉक्युमेंटेशन फीस जीरो है। इसके अलावा घर के पुराने लोन को पीएनबी में ट्रांसफर करने पर कोई नॉन-एन्कम्ब्रेंस सर्टिफिकेट (NEC) चार्ज नहीं लगेगा। वहीं, ग्राहकों को लोन पर 5 आधार अंकों (बीपीएस) की ब्याज दर रियायत भी दी जाएगी।
-पीएनबी का यह कैंपेन बैंक के सभी शाखाओं और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है। ग्राहक पीएनबी वन ऐप और पीएनबी की आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट कर इस कैंपेन के बारे में जान सकते हैं।
रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट में कटौती
पीएनबी ने अपनी रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) को 8.90 फीसदी से घटाकर 8.65 फीसदी कर दिया है। यह नई दरें 10 अप्रैल 2025 से लागू हैं। रेपो-लिंक्ड लेंडिंग रेट शब्द का मतलब है रेपो रेट से जुड़ी ब्याज दर। अक्टूबर 2019 में जारी RBI के एक सर्कुलर में बैंकों को अपने रिटेल लोन को बाहरी बेंचमार्क लेंडिंग दरों से जोड़ने का आदेश दिया गया है, जिन्हें E-BLR के रूप में जाना जाता है। ऐसे में रेपो दर अधिकांश बैंकों के लिए बेंचमार्क बन गई है।
बैंक के लोन में ग्रोथ
पंजाब नेशनल बैंक के मुताबिक उसने मार्च तिमाही में 13.6 प्रतिशत की लोन ग्रोथ दर्ज की है। इस दौरान उसका लोन बढ़कर 11.17 लाख करोड़ रुपये हो गया है। 31 मार्च, 2024 के अंत में उसका कुल अग्रिम 9.83 लाख करोड़ रुपये था। पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही के अंत में बैंक की कुल जमा 13.69 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले 14.3 प्रतिशत बढ़कर 15.65 लाख करोड़ रुपये हो गई है। बैंक का कुल कारोबार 31 मार्च, 2024 के अंत में 23.53 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 14 प्रतिशत बढ़कर 26.83 लाख करोड़ रुपये हो गया।