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मोबिक्विक के जाकपे को ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर के रूप में आरबीआई की मंजूरी

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मोबीक्विक की प्रमुख सहायक कंपनी, जाक ई-पेमेंट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (ZaakPay), को ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर के रूप में काम करने की मंजूरी दे दी है।

Drigraj Madheshia लाइव हिन्दुस्तानThu, 1 May 2025 08:43 AM
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मोबिक्विक के जाकपे को ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर के रूप में आरबीआई की मंजूरी

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मोबीक्विक की प्रमुख सहायक कंपनी, जाक ई-पेमेंट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (ZaakPay), को "ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर" के रूप में काम करने की मंजूरी दे दी है। यह मंजूरी RBI ने पेमेंट और सेटलमेंट सिस्टम एक्ट, 2007 के तहत दी है, जिससे जाकपे अब ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए व्यापारियों के पेमेंट को प्रोसेस कर सकेगा।

मोबीक्विक ने बुधवार को शेयर बाजार में दाखिल एक दस्तावेज में बताया कि यह मंजूरी उन्हें डिजिटल पेमेंट के क्षेत्र में अपनी पहुंच बढ़ाने में मदद करेगी। जाकपे उन कई फिनटेक कंपनियों में शामिल हो गया है, जिन्हें हाल में RBI की यह अनुमति मिली है।

इस घोषणा से पहले, मोबीक्विक सिस्टम्स के शेयर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर पिछले दिन के मुकाबले ₹7.70 गिरकर ₹252.45 पर बंद हुए, जो 2.96% की गिरावट है। कंपनी ने कहा कि यह कदम उसकी सहायक कंपनी को "पेमेंट एग्रीगेटर" के नियमों के दायरे में व्यापार बढ़ाने में मदद करेगा।

कैसे काम करते हैं पेमेंट एग्रीगेटर?

पेमेंट एग्रीगेटर एक "मध्यस्थ" (Intermediary) की तरह काम करते हैं, जो ग्राहकों और व्यापारियों के बीच ऑनलाइन पेमेंट को आसान बनाते हैं। इनका मुख्य काम विभिन्न पेमेंट विकल्पों (जैसे यूपीआई, क्रेडिट/डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग) को एक ही प्लेटफॉर्म पर जोड़कर ट्रांजैक्शन को प्रोसेस करना होता है। उदाहरण के लिए जब आप स्विगी पर ऑर्डर करते हैं और गूगलपे से पेमेंट करते हैं, तो रोजरपे या कैशफ्री जैसे एग्रीगेटर पेमेंट प्रोसेस करते हैं।

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स्टेप बाय स्टेप समझें

1. जब कोई ग्राहक किसी वेबसाइट या ऐप (जैसे Flipkart, Zomato) से सामान खरीदता है और "Pay Now" दबाता है, तो पेमेंट एग्रीगेटर सक्रिय हो जाता है।

2. एग्रीगेटर ग्राहक को सभी उपलब्ध पेमेंट तरीके (UPI, वॉलेट, कार्ड, आदि) दिखाता है।

3. ग्राहक द्वारा चुने गए विकल्प के आधार पर, एग्रीगेटर उस पेमेंट नेटवर्क (जैसे Visa, Mastercard, NPCI for UPI) से जुड़ता है। फिर बैंक/पेमेंट प्रदाता (जैसे Paytm Bank, HDFC Bank) से लेनदेन की पुष्टि (Authorization) ली जाती है।

4. एग्रीगेटर लेनदेन को सुरक्षित बनाने के लिए एन्क्रिप्शन (Encryption) और फ्रॉड डिटेक्शन सिस्टम का इस्तेमाल करता है। PCI-DSS (Payment Card Industry Data Security Standard) जैसे नियमों का पालन किया जाता है।

5. अगर पेमेंट सफल होता है, तो एग्रीगेटर ग्राहक और व्यापारी दोनों को कन्फर्मेशन भेजता है। आमतौर पर 1-3 वर्किंग डेज में फंड्स को व्यापारी के बैंक खाते में ट्रांसफर किया जाता है।

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