कोरोना वैक्सीन नहीं आपके घर में मौजूद ये चीज बढ़ा रही है हार्ट अटैक का खतरा, डॉक्टर ने किया अलर्ट
कोरोना के बाद बढ़ते हार्ट अटैक के केसेज की वजह कई लोग कोविड वैक्सीन बता रहे हैं। अब एक डॉक्टर ने इटली की रिसर्च का हवाला देते हुई वह वजह बताई है जो हार्ट अटैक का खतरा बढ़ा रही है।

यंग लोगों में हार्ट अटैक के बढ़ते मामले देखकर हर कोई परेशान है। हेल्थ एक्सपर्ट्स इसकी वजह जानने की कोशिश कर रहे हैं। बीते महीने इटली के रिसर्चर्स ने पता लगाया कि जिन लोगों की बॉडी में माइक्रोप्लास्टिक पाई गई उनमें हार्ट अटैक, स्ट्रोक या दूसरी वजहों से मौत का खतरा चार गुना ज्यादा होता है। ये माइक्रोप्लास्टिक हमारे शरीर में प्लास्टिक के सामान और यहां तक कि हवा से भी पहुंचती है। डॉक्टर ने बताया है कि क्या बचाव रखने चाहिए और हार्ट अटैक आने की स्थिति में तुरंत क्या करना चाहिए।
सामने आई हार्ट अटैक की ये वजह
रांची के न्यूरो ऐंड स्पाइन सर्जन डॉक्टर विकास ने X पर एक वीडियो शेयर किया है। इसमें एक डॉक्टर इटली की इस रिसर्च और हार्ट अटैक के बाद दिए जाने वाले फर्स्ट एड के बारे में बता रहे हैं। डॉक्टर बताते हैं, 'आजकल यंग जनरेशन में जो इतने सारे हार्ट अटैक हो रहे हैं, इसमें हमें बहुत सारे कमेंट्स मिले। इसकी वजह कोई कोविड वैक्सीन को बता रहा है। कोई गंदे खान-पान को बता रहा है। कोई बता रहा है कि ये एक्सरसाइज न करने की वजह से हो रहा है लेकिन इटली की जो नई रिसर्च में सामने आया है वो ये है कि हम जो प्लास्टिक की बोतल में पानी पी रहे हैं, उसमें माइक्रोप्लास्टिक होता है। ये माइक्रोप्लास्टिक कैल्शियम और बैड कोलेस्ट्रॉल के साथ मिलकर हमारे हार्ट और खून की नसों में जम रहा है। इस वजह से धमनियों में क्लॉट हो जाता है और खून आगे नहीं जा पाता।'
हार्ट अटैक आने पर ये ये दवाएं देने की सलाह
डॉक्टर ने बताया कि घर से प्लास्टिक हटा देनी चाहिए। वह बोले, 'किसी को हार्ट अटैक आ जाए तो उसे सीपीआर दें। उसके मुंह में एक डिस्प्रिन, एक सॉर्बिट्रेट ((sorbitrate) और एक अटोर्वा (atorvastatin) की गोली उसके मुंह में डाल दें और एक क्लॉपिडोग्रेल ((clopidogrel)) डालें। ये चार दवाइयां इमरजेंसी ड्रग के रूप में घर पर रखें।'
क्या थी रीसर्च
इटली में हुए इस शोध में 18 से 75 साल के 275 लोगों की बॉडी से प्लाक हटाकर इसका परीक्षण किया। इन लोगों में कोई लक्षण नहीं था। इनमें से 150 लोगों में माइक्रोप्लास्टिक मिली। खासतौर पर इम्यून सेल्स में जिनमें इनफ्लेमेशन मार्कर्स बढ़े हुए थे। इन लोगों का प्लाक हटाने के बाद करीब 3 साल तक फॉलोअप किया गया तो पता चला कि इन लोगों में हार्ट अटैक, स्ट्रोक और दूसरी वजहों से मौत का खतरा 4.53 गुना ज्यादा था।
माइक्रोप्लास्टिक से कैसे बचें
बॉडी से माइक्रोप्लास्टिक आसानी से नहीं हटती। बेहतर होगा इसके लिए प्लास्टिक के सामान का इस्तेमाल बंद कर दें। खासकर किचन से सारी प्लास्टिक की चीजें हटा दें और कांच या स्टील के ग्लास में पानी पिएं। कई एक्सपर्ट्स बॉडी को डिटॉक्स करने के लिए पसीना बहाने की सलाह देते हैं। आपके शहर में सॉना बाथ हो तो ले सकते हैं। किसी भी तरह का इलाज करने से पहले अपने जनरल फिजीशियन से सलाह जरूर ले लें।
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