सोने से पहले बच्चों से भूलकर भी ये 5 बातें ना कहें मां-बाप, दिमाग को अंदर से कर देती हैं कमजोर
कई बार पैरेंट्स जाने अनजाने ही सही बच्चे से कुछ ऐसी बातें कह देते हैं, जो उनकी मेंटल हेल्थ पर काफी नेगेटिव असर डालती हैं। खासतौर से रात में सोने से पहले इस तरह की नेगेटिविटी को अवॉइड ही करना चाहिए।

बच्चों की सही परवरिश करना यकीनन बड़ा चैलेंजिंग होता है। अब पेरेंटिंग के कोई फिक्स रूल तो हैं नहीं, जिन्हें पढ़कर आप एकदम परफेक्ट पेरेंट बन जाएं। बल्कि पेरेंटिंग तो एक लोग टर्म प्रॉसेस है, जिसमें पैरेंट्स भी धीरे-धीरे ही ग्रो होते हैं। खैर, इस बात में तो कोई दोराय नहीं कि बच्चे के साथ समय बिताना सबसे अहम अच्छी पेरेंटिंग की निशानी है। ज्यादा बिजी होने के चलते पैरेंट्स ज्यादा समय ना भी निकाल पाएं, तो कम से कम रात में सोने से पहले तो बच्चे के साथ जरूर कुछ टाइम स्पेंड करने की कोशिश करते हैं। ये दोनों के बीच बॉन्ड को मजबूत करने का परफेक्ट टाइम होता है। लेकिन इसी समय अगर जाने-अंजाने कुछ नेगेटिव बातें बच्चे से बोल दी जाएं, तो इसका असर बच्चे की मेंटल हेल्थ और साथ ही आपके बॉन्ड पर भी पड़ सकता है। तो चलिए जानते हैं वो कौन सी बातें हैं जो बेड टाइम पर आपको अवॉइड ही करनी चाहिए।
रात में ना करें नकारात्मक बातें
रात में सोने से पहले आपको बच्चे के साथ किसी भी तरह की नेगेटिविटी से भरी बातें करने से बचना चाहिए। उनकी खामियों या उनके द्वारा की गई गलतियों पर बात करने के लिए आपके पास सारा दिन पड़ा है। उन्हें कम से कम सोने से पहले तो बीच में लाना अवॉइड ही करें। दरअसल जब बच्चा रात में नेगेटिव बातें सुनकर उनके बारे में सोचते हुए सोता है, तो सिर्फ उसकी नींद ही डिस्टर्ब नहीं होती बल्कि ये नेगेटिव बातें उसके अवचेतन मन में बैठ जाती हैं। इससे बच्चे की मेंटल हेल्थ पर नेगेटिव असर होता है और उसका इंपैक्ट उसके फ्यूचर तक पर भी हो सकता है।
भविष्य की परेशानियों को ना रखें बच्चों के आगे
भविष्य के बारे में सोचकर थोड़ा परेशान होना स्वाभाविक है। लेकिन इसी परेशानी का जिक्र आपको बच्चों के आगे करने से बचना चाहिए। खासतौर से रात को सोने से पहले तो बच्चे को इस तरह की परेशानी देना कहीं से भी समझदारी नहीं। इससे आपकी ही तरह बच्चों के मन में भी भविष्य को ले कर डर, चिंता और स्ट्रेस बैठ जाता है। बच्चों के कोमल मन के लिए ये बातें बिल्कुल ठीक नहीं।
रात में लगाएं डांट फटकार
बच्चों को दिन भर में आप कितना भी डांट फटकार लें लेकिन याद रहे कभी भी उन्हें रोते हुए बिस्तर पर नहीं भेजना चाहिए। बच्चा कोई भी गलती करे तो उसे प्यार से समझाएं लेकिन किसी भी हाल में उसे डांटने और किसी तरह की पनिशमेंट देने से बचें। दरअसल जब बच्चा ऐसे ही रोते हुए सोने चला जाता है तो उसके माइंड पर इसका काफी नेगेटिव असर पड़ता है। कई बार इस वजह से उसका अगला दिन भी खराब ही जाता है।
दूसरों से ना करें बच्चों की तुलना
पैरेंट्स की ये बड़ी कॉमन आदत होती है कि वो बच्चों को दूसरों से कंपेयर करने में ही लगे रहते हैं। कई बार उन्हें लगता है कि ऐसा कर के वो बच्चे को मोटिवेट कर रहे हैं, जबकि होता इसका उल्टा है। जब आप बच्चे को किसी दूसरे से कंपेयर कर के छोटा या नीचा दिखाते हैं, तो ये बातें उसके दिमाग में बैठ जाती हैं। खासतौर से सोने से पहले वो थी सब सोचता रहता है और खुद के बारे में उसके मन में एक हीन भावना जन्म ले लेती है।
बच्चों से ना करें झूठे वायदें
याद करें कि आपने कब अपने बच्चे से कोई झूठा वायदा किया था। 'तुम ये करोगे तो तुम्हारे लिए बड़ा सी साइकिल लाएंगे या कल ऑफिस के बाद तुम्हे घुमाने ले चलेंगे'। बच्चों का मन रखने के लिए और खासतौर से उन्हें सुलाने के लिए पैरेंट्स अक्सर ऐसा करते हैं। लेकिन बार-बार जब आप बच्चों से झूठ बोलते हैं तो ये आदत बच्चा भी नोटिस करता है। उसके लिए आपकी बातों पर विश्वास करना मुश्किल हो जाता है, जो आपके रिश्ते पर भी असर डालता है। और फिर कल को वो आपका यही झूठ बोलने वाला बिहेवियर भी कॉपी करने लगता हैं
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।