पेट्रोल-डीजल के दाम में कटौती की उम्मीद बढ़ी, कच्चा तेल 60 डॉलर के करीब पहुंचा
Petrol Diesel: आज ब्रेंट क्रूड का जुलाई 2025 का वायदा भाव 0.61 पर्सेंट गिरकर 60.69 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है। अगर ग्लोबल लेवल पर कीमतें यही स्तर बनाए रखती हैं, तो जल्द ही पेट्रोल-डीजल के दामों में कटौती की उम्मीद है।

कच्चा तेल 61 डॉलर के नीचे आ गया है। ब्लूमबर्ग के मुताबिक आज ब्रेंट क्रूड का जुलाई 2025 का वायदा भाव 0.61 पर्सेंट गिरकर 60.69 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है। जबकि, यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड जून 2025 के कांट्रैक्ट के लिए अब 57.73 डॉलर प्रति बैरल पर है। एक दिन पहले भी अमेरिकी अर्थव्यवस्था के कमजोर होने और सऊदी अरब द्वारा तेल सप्लाई बढ़ाने की अटकलों के चलते भारी गिरावट दर्ज की गई थी। अगर ग्लोबल लेवल पर कीमतें यही स्तर बनाए रखती हैं, तो जल्द ही पेट्रोल-डीजल के दामों में कटौती की उम्मीद है।
55 डॉलर तक लुढ़क सकता है ब्रेंट क्रूड
नई दिल्ली की रिसर्च फर्म एसएस वेल्थस्ट्रीट की सुगंधा सचदेवा कहती हैं, "तेल की कीमतों में और गिरावट का रिस्क है। मांग कमजोर होने और सप्लाई बढ़ने की वजह से ब्रेंट क्रूड $55 प्रति बैरल तक लुढ़क सकता है।"
कब तक मिलेगी पेट्रोल-डीजल के दाम में राहत?
पिछले साल मार्च में पेट्रोल-डीजल के दाम ₹2 प्रति लीटर घटाए गए थे, उस समय कच्चे तेल की कीमत $84.49 प्रति बैरल थी। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, तेल कंपनियां (OMCs) अभी पेट्रोल-डीजल पर ₹10-12 प्रति लीटर का मुनाफा कमा रही हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय कीमतों के हिसाब से रिटेल प्राइस में कटौती नहीं की गई है।
बीते 8 अप्रैल को IOC ने पेट्रोल का बेस प्राइस ₹54.84 से घटाकर ₹52.84 किया, लेकिन सरकार ने एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर ₹2 का फायदा खुद ले लिया। इसलिए दिल्ली में पेट्रोल ₹94.77 और डीजल ₹87.67 प्रति लीटर ही रहा। अगर ग्लोबल लेवल पर कीमतें यही स्तर बनाए रखती हैं, तो जल्द ही पेट्रोल-डीजल के दामों में कटौती की उम्मीद है।
क्यों गिर रहा कच्चा तेल
अमेरिकी अर्थव्यवस्था ने पहली तिमाही में 3 साल में पहली बार कमजोरी दर्ज किया, जिसकी वजह ट्रंप के टैरिफ से पहले आयात बढ़ना बताई जा रही है। रॉयटर्स के एक सर्वे के मुताबिक, ट्रंप की टैरिफ नीतियों से वैश्विक मंदी का खतरा बढ़ गया है।
मांग का अनुमान घटा
एनालिटिक्स फर्म केप्लर ने 2025 के लिए वैश्विक तेल मांग का अनुमान 8 लाख बैरल प्रतिदिन से घटाकर 6.4 लाख बैरल कर दिया है। चीन-अमेरिका व्यापार तनाव और भारत में मांग कमजोर होने को वजह बताया गया है। एनालिस्ट्स अब 2025 में ब्रेंट क्रूड की औसत कीमत $68.98 प्रति बैरल और WTI की $65.08 रख रहे हैं, जो पिछले महीने के अनुमानों से कम है।
अमेरिका में तेल भंडार घटे
अमेरिकी ऊर्जा विभाग के मुताबिक, पिछले हफ्ते कच्चे तेल के भंडार 2.7 मिलियन बैरल घटे हैं, जबकि एक्सपर्ट्स 4.29 लाख बैरल बढ़ने की उम्मीद कर रहे थे।रॉयटर्स के सूत्रों के मुताबिक, सऊदी अरब तेल बाजार को सप्लाई कट से सपोर्ट देने को तैयार नहीं है और लंबे समय तक कम कीमतों को झेल सकता है। इसके अलावा OPEC+ के कुछ सदस्य जून में तेल उत्पादन बढ़ाने का सुझाव दे सकते हैं। 5 मई को होने वाली बैठक में फैसला होगा।