51% तक चढ़ सकता है यह शेयर! आज खरीदने की मची लूट, 10 एक्सपर्ट्स बोले- खरीदो, बढ़ेगा भाव
- PFC Shares: राज्य द्वारा संचालित पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन (पीएफसी) लिमिटेड के शेयर आज सोमवार को कारोबार के दौरान 9% तक चढ़ गए। कंपनी के शेयर आज 489.40 रुपये के इंट्रा डे हाई पर पहुंच गए थे।

PFC Shares: राज्य द्वारा संचालित पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन (पीएफसी) लिमिटेड के शेयर आज सोमवार को कारोबार के दौरान 9% तक चढ़ गए। कंपनी के शेयर आज 489.40 रुपये के इंट्रा डे हाई पर पहुंच गए थे। इसका पिछला बंद भाव 449.45 रुपये था। शेयरों में इस तेजी के पीछे सितंबर तिमाही में प्रॉफिट का बढ़ना और एक्सपर्ट का बुलिश होना है। दरअसल, पीएफसी पर कवरेज रखने वाले सभी दस एनालिस्ट्स ने स्टॉक को खरीदने की सिफारिश की है। एक्सपर्ट के मुताबिक, कंपनी का यह शेयर ₹680 तक के हाई लेवल तक पहुंच सकता है। पीएफसी के शेयरों ने ₹580 के अपने हालिया उच्च स्तर से 22% की गिरावट दर्ज की है, जबकि यह शुक्रवार के बंद भाव से 51% की संभावित वृद्धि का संकेत दे रहा है।
क्या है टारगेट प्राइस
ब्रोकरेज फर्म सीएलएसए ने ₹610 के टारगेट प्राइस के साथ "आउटपरफॉर्म" रेटिंग दी है। बर्नस्टीन ने ₹620 के टारगेट प्राइस के साथ स्टॉक पर अपनी "आउटपरफॉर्म" रेटिंग भी बरकरार रखी यूबीएस का पीएफसी पर दूसरा हाई टारगेट प्राइस ₹670 है। ब्रोकरेज ने इसे खरीदने की सलाह दी है। डीएएम कैपिटल का पीएफसी पर उच्चतम टारगेट प्राइस ₹680 है। पीएफसी के शेयर 2024 में अब तक 23% ऊपर है। बता दें कि कंपनी के शेयर में प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया के पास 55.99 फीसदी की बड़ी हिस्सेदारी है। यह 184 करोड़ शेयरों के बराबर है।
सितंबर तिमाही के नतीजे
पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (पीएफसी) का चालू वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में एकीकृत शुद्ध लाभ करीब नौ प्रतिशत बढ़कर 7,214.90 करोड़ रुपये रहा है। कंपनी का गत वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में शुद्ध लाभ 6,628.17 करोड़ रुपये रहा था। पीएफसी ने बीएसई को दी सूचना में बताया, समीक्षाधीन अवधि में उसकी कुल आय सालाना आधार पर 22,387.32 करोड़ रुपये से बढ़कर 25,754.73 करोड़ रुपये हो गई। कंपनी का चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में शुद्ध लाभ 14 प्रतिशत बढ़कर 14,397 करोड़ रुपये हो गया। यह एक साल पहले समान अवधि में यह 12,610 करोड़ रुपये था। एकीकृत शुद्ध गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में 0.80 प्रतिशत के निचले स्तर पर आ गईं, जबकि वित्त वर्ष 2023-24 की पहली छमाही में यह 0.98 प्रतिशत थीं।