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ब्याज दर में दो कटौतियां की राहत एक साथ मिलेगी, EMI में होगी इतनी बचत

  • RBI relief: RBI ने इस साल लगातार दो बार प्रमुख ब्याज दर में कटौती करके आम लोगों को बड़ी राहत दी है। हालांकि, फरवरी में हुई कटौती का लाभ सभी ग्राहकों तक नहीं पहुंचा था। अब उन्हें लगातार दो कटौतियों का लाभ होगा।

Drigraj Madheshia हिन्दुस्तान टीमThu, 10 April 2025 06:07 AM
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ब्याज दर में दो कटौतियां की राहत एक साथ मिलेगी, EMI में होगी इतनी बचत

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस साल लगातार दो बार प्रमुख ब्याज दर (रेपो रेट) में कटौती करके आम लोगों को बड़ी राहत दी है। हालांकि, फरवरी में हुई कटौती का लाभ सभी ग्राहकों तक नहीं पहुंचा था। अब उन्हें लगातार दो कटौतियों का लाभ होगा और उनकी सालाना अच्छी बचत होगी।

दरअसल, फरवरी में रेपो रेट में कटौती के बाद भी कर्ज लेना सस्ता नहीं हुआ। ऐसा इसलिए, क्योंकि ब्याज दर इस बात पर निर्भर करती है कि बैंकों को पैसा जुटाने में कितना खर्च आ रहा है। बैंकों के अनुसार, वित्त वर्ष के अंतिम महीनों में पैसे की मांग बढ़ जाती है, इसलिए ग्राहकों को सीधा फायदा नहीं पहुंचा। लेकिन रकम जुटाने की लागत वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में कम हो जाएगी। मतलब अप्रैल से जून के बीच कर्ज सस्ता हो सकता है।

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क्या है रेपो रेट

रेपो रेट महंगाई को नियंत्रित करने का एक महत्वपूर्ण टूल है। जब महंगाई बढ़ती है तो आरबीआई रेपो रेट बढ़ाकर बाजार में पैसे की उपलब्धता कम करता है। इससे मांग घटती है और महंगाई पर काबू पाया जा सकता है। वहीं, जब अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देना हो, तो रेपो रेट घटा देता है ताकि लोन सस्ते होकर खर्च और निवेश बढ़े।

आरबीआई ने अक्टूबर 2019 के बाद से, सभी फ्लोटिंग रेट होम लोन को बाहरी बेंचमार्क से जोड़ा है, जिसमें रेपो रेट भी शामिल है, इसलिए रेपो दर में कटौती का असर आवास लोन की ब्याज दरों पर पड़ता है।

क्या करें कर्ज लेने वाले

ग्राहकों के पास दो विकल्प होते हैं, पहला, किस्त की राशि घटाएं इससे मासिक बोझ कम होगा या दूसरा, किस्त की संख्या कम करें, इससे कर्ज जल्दी खत्म होगा और कुल ब्याज की बचत होगी। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि फायदा ईएमआई घटाने से ज्यादा किस्तों की अवधि घटाने में है। इससे कर्ज जल्दी खत्म होगा और बड़ी बचत होगी।

घर कर्ज की मासिक किस्तों में कमी का अनुमान

(अवधि 20 साल, मौजूदा ब्याज दर 8.75%, संशोधित ब्याज दर 8.25%)

कर्ज राशि वर्तमान किस्त नई किस्त मासिक बचत सालाना बचत

20 लाख 17,674 17,041 633 7,596

30 लाख 26,511 25,562 949 11,388

40 लाख 35,348 34,083 1265 15,180

50 लाख 44,186 42,603 1,583 18,996

70 लाख 61,860 59,645 2,215 26,580

(यह इन मामलों में लागू होगा, जहां जिन बैंकों ने फरवरी में ब्याज दरें घटाई थीं।

(इस गणना लोन कैलकुटर पर आधारित है। इसमें बदलाव संभव है)

क्या होगा आरबीआई के फैसले का असर

आम लोगों पर

1. कम ब्याज दरों पर कर्ज उपलब्ध होगा

2. एजुकेशन लोन की लागत में कमी आएगी

3. एफडी समेत अन्य बचत योजनाओं की दरें हो सकती हैं कम

अर्थव्यवस्था पर

1. लोन सस्ता होने से बाजार में मांग बढ़ेगी

2. खर्च करने लायक आय में वृद्धि होगी

3. मकान, वाहन, निवेश में पूंजी प्रवाह बढ़ेगा

4. आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा

कृषि-उद्योगों पर

1. लघु एवं मध्यम उद्यमों के लिए सस्ता लोन मिलेगा

2. व्यवसाय विस्तार के अवसर बनेंगे

3. रोजगार का सृजन बढ़ेगा

4. किसानों के लिए उधार लेने की लागत कम होगी

शेयर बाजार पर

1. ब्याज दर कम होने से पूंजी प्रवाह बढ़ेगा

2. कंपनियों का लाभ होने पर बाजार में तेजी संभव

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