बीएचयू के नए सत्र में 32 कोर्स का बदला कलेवर, घटीं सीटें
- बीएचयू में नए शैक्षणिक सत्र में यूजी और पीजी के कई पाठ्यक्रम बदलने वाले हैं। विवि के 32 पाठ्यक्रम ऐसे हैं जिनमें नए सत्र से सीटें भी कम की जा रही हैं।

बीएचयू में नए शैक्षणिक सत्र में यूजी और पीजी के कई पाठ्यक्रम बदलने वाले हैं। विवि के 32 पाठ्यक्रम ऐसे हैं जिनमें नए सत्र से सीटें भी कम की जा रही हैं। यह ऐसे पाठ्यक्रम हैं जिनमें पिछले पांच वर्षों में बेहद कम प्रवेश हुए थे। सीटें घटाकर इन संसाधनों का दूसरी जगह बेहतर इस्तेमाल किया जाएगा।स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में कई ऐसे हैं जिनकी लोकप्रियता मुख्यधारा के पाठ्यक्रमों से कम है। विद्यार्थियों में जागरूकता, पाठ्यक्रमों के प्रचार-प्रसार का अभाव और विशेषज्ञता की कमी के कारण इन पाठ्यक्रमों में प्रवेश की संख्या साल दर साल कम होती गई।
बीएचयू में ऐसे 40 पाठ्यक्रमों की सीटें घटाने का प्रस्ताव दिया गया जिसमें 32 पाठ्यक्रमों की सीटें घटाने पर सहमति बन गई। खास यह भी है कि इनमें ज्यादातर पाठ्यक्रम संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय से आचार्य के कोर्स हैं। इनमें एमए बांग्ला और उर्दू में सीटें लगभग आधी कर दी गई है। एमए भारतीय दर्शन, पाली के अलावा एमवोक और बीवोक के कई पाठ्यक्रमों में सीटें 40 फीसदी तक कम की गई हैं।
सत्र 2024-25 में बीएचयू के विभिन्न संकायों, महिला महाविद्यालय और संबद्ध महाविद्यालयों के स्नातक पाठ्यक्रमों में कुल 8894 और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में लगभग पांच हजार सीटें थीं। इन सीटों में इस साल संख्या में बदलाव होगा हालांकि कुछ नए पाठ्यक्रमों के साथ सीटों में इजाफा भी किया जाएगा।
इन पाठ्यक्रमों में घटाई सीटें: एमए अरेबिक, एमए जर्मन, एमए पर्शियन, एमए बांग्ला, एमए मराठी, एमए तेलुगू, एमए पालि, एमए भारतीय दर्शन, एमवोक रीटेल एवं लॉजिस्टिक मैनेजमेंट सहित बीवोक और आचार्य के कुछ पाठ्यक्रम।