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BPSC TRE : तीसरी बिहार शिक्षक भर्ती की पोस्टिंग के लिए बदली प्रक्रिया, बना नया पोर्टल

BPSC TRE : महिला, पुरुष और दिव्यांग के आधार पर स्कूलवार रिक्ति तैयार होगी। टीआरई-3 की पोस्टिंग को लेकर प्रक्रिया बदली गई है। टीआरई-3 के शिक्षकों की भी शहरी क्षेत्र के स्कूलों में पोस्टिंग नहीं होगी।

Pankaj Vijay लाइव हिन्दुस्तान, मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाताTue, 29 April 2025 08:07 AM
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BPSC TRE : तीसरी बिहार शिक्षक भर्ती की पोस्टिंग के लिए बदली प्रक्रिया, बना नया पोर्टल

महिला, पुरुष और दिव्यांग के आधार पर स्कूलवार रिक्ति तैयार होगी। टीआरई-3 की पोस्टिंग को लेकर प्रक्रिया बदली गई है। विभाग की ओर से इसके लिए नया पोर्टल बनाया गया है। सोमवार से इस तर्ज पर रिक्ति बनाने की शुरूआत कर दी गई है। मुजफ्फरपुर समेत सभी जिलों को स्कूलों में महिला, दिव्यांग, पुरुष शिक्षकों की जरूरत अपलोड करने का निर्देश दिया गया है। संबंधित स्कूल में कितने पुरुष व कितने महिला शिक्षक हैं और संबंधित जिले को इन स्कूल में कितनी महिला और पुरुष शिक्षक अभी चाहिए, इसकी रिक्ति के साथ जिला अपलोड करेगा। अबतक केवल स्कूलवार ही रिक्ति तैयार होती थी। इसमें केवल दिया जाता था कि संबंधित स्कूल में तीन या चार रिक्त पद हैं। इसमें पुरुष, महिला, दिव्यांग का वर्गीकरण नहीं होता था। टीआरई-3 में महिला और दिव्यांग को पास के स्कूल में पदस्थापन को लेकर विभाग ने इस प्रक्रिया में बदलाव किया है। हालांकि, टीआरई-3 के शिक्षकों की भी शहरी क्षेत्र के स्कूलों में पोस्टिंग नहीं होगी। शहरी क्षेत्र की रिक्ति को लेकर पोर्टल पर पहले से ही लॉक लगा दिया गया है।

दो हजार से अधिक पद पर होगी पोस्टिंग

जिले में दो हजार से अधिक पदों पर टीइआरई 3 में पोस्टिंग होनी है। जिले को यह अधिकार दे दिया गया है कि किस स्कूल में कितनी महिला रहेगी, यह स्कूलवार लिख कर भेजेंगे। जिन स्कूलों में दिव्यांगों के लिए शौचालय, रैम्प आदि की सुविधा है, वहीं पर दिव्यांग शिक्षकों की पोस्टिंग की जाएगी। पहले के पदस्थापन में महिला व दिव्यांग को दूर दराज के स्कूल मिल गए थे, जिससे काफी असुविधा हुई।

महिला-दिव्यांग की रिक्ति को कोड में डाला जाएगा

डीईओ अजय कुमार सिंह ने कहा कि बच्चों की संख्या व जरूरत के अनुसार स्कूल में महिला और दिव्यांग शिक्षक के पद डाले जाएंगे। जिस स्कूल की रिक्ति महिला और दिव्यांग के लिए अलग अलग अलग डाली जाएगी, उसे कोडवार ही अपलोड करना है। इस कोड पर ही राज्य स्तर से पदस्थापन किया जाएगा।

जिले में एक से पांच में सामान्य में 1073 तो उर्दू में 222 शिक्षकों की पोस्टिंग होनी है। विभाग को पता रहेगा कि संबंधित स्कूल में महिला शिक्षक का पद है या दिव्यांग का पद है तो उन महिलाओं के निवास स्थान के हिसाब से नजदीक का स्कूल दिया जाएगा।

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10 फीसदी अभ्यर्थी ही काउंसलिंग में हुए उपस्थित

मुजफ्फरपुर जिले में सोमवार को 10 फीसदी अभ्यर्थी ही काउंसलिंग में उपस्थित हुए। टीआरई-3 के अभ्यर्थियों को तीसरी बार काउंसलिंग का मौका मिला था। जिन अभ्यर्थियों के पहले के दो काउंसलिंग में प्रमाणपत्र में गड़बड़ी मिली थी या किसी कारणवश अनुपस्थित रहे थे, उन्हें तीसरा मौका दिया गया था। जिले में 266 अभ्यर्थियों को स्लॉट आवंटित हुआ था। इनमें 29 अभ्यर्थी ही आए। 266 में 60 फीसदी अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्र में गड़बड़ी मिली थी, जिसकी वजह से उनकी काउंसलिंग पूरी नहीं हो पाई थी। सोमवार को जिला निबंधन परामर्श केन्द्र में काउंसलिंग कैम्प लगाया गया था।

इसमें सुबह के स्लॉट के एक भी अभ्यर्थी नहीं आए। देर शाम हर स्लॉट में अलग अलग काउंटर पर दो चार अभ्यर्थी आते रहे। इनमें भी आधा दर्जन अभ्यर्थी अपना सही प्रमाणपत्र तीसरी बार में भी नहीं दे पाए। अधिकारियों ने कहा कि प्रमाणपत्र में गड़बड़ी वाले बड़ी संख्या में अभ्यर्थी काउंसलिंग में आए ही नहीं। इसके साथ ही जिनकी अन्य जगहों पर नौकरी हो गई, इस वजह से वे भी काउंसलिंग में नहीं आए।