NEET UG : MBBS करना चाह रहे छात्रों को NMC ने किया आगाह, ऐसे चेक करें मेडिकल कॉलेज की मान्यता, नियम जारी
NEET UG MBBS Admission : एनएमसी ने छात्रों को देश में बिना मंजूरी के चल रहे मेडिकल कॉलेज के साथ-साथ अनधिकृत विदेशी मेडिकल कोर्सेज में एडमिशन लेने के प्रति आगाह किया है।

नीट यूजी पास कर एमबीबीएस कोर्स में एडमिशन लेना चाह रहे अभ्यर्थियों के लिए एनएमसी यानी नेशनल मेडिकल कमिशन ने अहम नोटिस जारी किया है। एनएमसी ने छात्रों को देश में बिना मंजूरी के चल रहे मेडिकल कॉलेज के साथ-साथ अनधिकृत विदेशी मेडिकल कोर्सेज में एडमिशन लेने के प्रति आगाह किया है। एनएमसी ने एडवाइजरी जारी कर कहा कि मंजूरी प्राप्त नहीं करने वाले संस्थानों से पढ़ाई करने वाले छात्रों को भारत में डॉक्टरी का लाइसेंस हासिल करने की परीक्षा एफएमजीई के लिए अपात्र माना जाएगा और अयोग्यता का जिम्मा पूरी तरह से उम्मीदवार पर होगा।
आयोग ने एडवाइजरी में कहा, ‘एनएमसी ने देश में बिना किसी जरूरी मंजूरी के संचालित होने वाले अनधिकृत मेडिकल कॉलेजों के कुछ उदाहरण देखे हैं। ये संस्थान मान्यता का दावा करके छात्रों और अभिभावकों को गुमराह कर रहे हैं और कानूनी रूप से स्वीकृत नहीं होने वाले मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश दे रहे हैं।’
किसी संस्थान की वैधता की पुष्टि के लिए एक जांच सूची जारी करते हुए एनएमसी ने एमबीबीएस में प्रवेश चाह रहे अभ्यर्थियों से कहा कि वे मान्यता प्राप्त मेडिकल कॉलेजों की सूची देखने के लिए आयोग की आधिकारिक वेबसाइट www.nmc.org.in पर जाएं तथा सत्यापन के लिए सीधे उससे संपर्क करें। एनएमसी ने छात्रों और अभिभावकों को सलाह दी कि वे केवल कॉलेज की वेबसाइट और विज्ञापनों पर ही प्रतिक्रिया न दें। साथ ही उसने यह भी रेखांकित किया कि एनएमसी किसी भी मेडिकल कॉलेज में सीधे प्रवेश नहीं कराता है।
इन संस्थानों पर एक्शन
एनएमसी ने कहा कि राजस्थान में सिंघानिया विश्वविद्यालय और पश्चिम बंगाल के हावड़ा में संजीबन अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज बिना अनुमति के मेडिकल पाठ्यक्रम संचालित करने और इनमें प्रवेश देने के मामले में जांच के दायरे में हैं और इनमें से एक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की जा चुकी है।
इस लिंक से चेक करें भारत में मान्यता प्राप्त मेडिकल कॉलेजों की लिस्ट
विदेश से एमबीबीएस कर रहे हैं तो मेडिकल संस्थान की ये बातें चेक कर लें
- एक ही संस्थान से कम से कम 54 महीने की पढ़ाई।
- उसी विदेशी विश्वविद्यालय में 12 महीने की इंटर्नशिप पूरी की जानी चाहिए।
- क्लिनिकल ट्रेनिंग अलग-अलग देशों में या अलग-अलग हिस्सों में नहीं किया जाना चाहिए।
- पढ़ाई करने का मीडियम अंग्रेजी होना चाहिए।
- अनुसूची-I में दिए गए अनिवार्य विषयों का अध्ययन किया हो।
- संबंधित पेशेवर नियामक निकाय के साथ पंजीकृत हो या अन्यथा, उस देश के अपने संबंधित क्षेत्राधिकार में मेडिकल प्रैक्टिस करने के लिए लाइसेंस देने में सक्षम हो जिसमें मेडिकल डिग्री दी जाती है और यह उस देश के नागरिक को दिए जाने वाले मेडिकल प्रैक्टिस करने के लाइसेंस के बराबर हो।
किसी मेडिकल संस्थान की वैधता की पुष्टि कैसे करें
- एनएमसी की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं और भारत में मान्यता प्राप्त मेडिकल कॉलेजों की सूची देखें।
- सत्यापन के लिए सीधे एनएमसी से संपर्क करें, खासकर अगर आपको मान्यता पत्र या सीधे प्रवेश के प्रस्ताव दिए गए हों।
- केवल कॉलेज की वेबसाइट या विज्ञापनों पर भरोसा न करें।
एनएमसी किसी भी मेडिकल कॉलेज में सीधे प्रवेश नहीं देता है।
छात्रों और अभिभावकों के लिए महत्वपूर्ण सलाह
नकली ऑफर के झांसे में न आएं: कोई भी कॉलेज आधिकारिक चैनलों, यानी, NEET परीक्षा के बाहर प्रवेश की गारंटी नहीं दे सकता है
संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट करें: यदि आप किसी ऐसे संस्थान को जानते हैं जो अवैध रूप से मेडिकल प्रवेश दे रहा है, तो उनकी रिपोर्ट एनएमसी को करें।