BSc Nursing: Bihar Nursing colleges are recognized only after checking twice everyone will also be graded BSc Nursing : बिहार के नर्सिंग कॉलेजों को 2 बार जांच के बाद ही मान्यता, सबकी ग्रेडिंग भी होगी, जानें नए नियम, Career Hindi News - Hindustan
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BSc Nursing : बिहार के नर्सिंग कॉलेजों को 2 बार जांच के बाद ही मान्यता, सबकी ग्रेडिंग भी होगी, जानें नए नियम

बिहार में नर्सिंग कॉलेजों को दो बार जांच के बाद ही मान्यता मिलेगी। इन कॉलेजों में एएनएम, जीएनएम,बीएससी नर्सिंग आदि कोर्स की पढ़ाई होती है। सरकारी और प्राइवेट नर्सिंग कॉलेजों को ग्रेड भी मिला करेंगे।

पंकज कुमार सिंह पटनाFri, 23 Feb 2024 08:21 AM
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BSc Nursing : बिहार के नर्सिंग कॉलेजों को 2 बार जांच के बाद ही मान्यता, सबकी ग्रेडिंग भी होगी, जानें नए नियम

बिहार में नर्सिंग कॉलेजों को दो बार जांच के बाद ही मान्यता मिलेगी। मान्यता देने से लेकर इसकी गुणवत्ता जांच का दायरा भी बढ़ेगा। अप्रैल अंत तक नए प्रावधान के तहत संस्थानों को मान्यता देने की शुरुआत हो जाएगी। इसके लिए क्वालिटी काउंसिंल ऑफ इंडिया के साथ स्वास्थ्य विभाग ने करार किया है। इसके अनुसार अब नए संस्थानों को कोर्स संचालन के लिए मान्यता देने के पहले क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया की राज्य यूनिट दो बार जांच करेगी। इस जांच की रिपोर्ट के आधार पर बीएनआरसी (बिहार नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउंसिल) में बनी स्क्रूटिनी कमेटी मान्यता देने की अनुशंसा करेगी। इसके बाद अपर मुख्य सचिव और स्वास्थ्य मंत्री के स्तर पर अंतिम तौर पर मान्यता मिलेगी।

पहले राज्य में सरकारी नर्सिंग संस्थानों की संख्या 104 थी। इसी सप्ताह 17 और संस्थानों को मान्यता मिलने के बाद यह संख्या 121 हो चुकी है। गैर सरकारी नर्सिंग संस्थानों की संख्या 504 है। यहां एएनएम, जीएनएम और बीएससी नर्सिंग, पोस्ट बेसिक बीएससी और एमएससी नर्सिंग की पढ़ाई होती है। सरकारी और निजी नर्सिंग संस्थानों में विभिन्न कोर्स में सालाना लगभग 27 हजार नामांकन क्षमता है।

क्वालिटी काउंसिंल ऑफ इंडिया की राज्य यूनिट के अधिकारी नर्सिंग संस्थानों के निरीक्षण के समय शरीर में कैमरा लगा कर जाएंगे। इनके कैमरे के आधार पर मुख्यालय में अधिकारी लाइव मॉनिटरिंग करेंगे। इस दौरान नर्सिंग संस्थान में उपस्थित प्रशिक्षक, विद्यार्थी, लैब और लाइब्रेरी सहित आधारभूत संरचना देखेंगे।

संस्थानों की ग्रेडिंग भी होगी
नए प्रावधान के तहत सभी सरकारी और निजी नर्सिंग संस्थानों की ग्रेडिंग भी होगी। ए, बी, सी और डी चार ग्रेड बनेंगे। इंडियन नर्सिंग काउंसिल के मापदंड पर नर्सिंग संस्थानों को ग्रेड मिलेगा। बीएनआरसी पोर्टल पर नर्सिंग संस्थानों की ग्रेडिंग दिखेगी। ग्रेडिंग से इन संस्थानों में नामांकन लेने वाले विद्यार्थी ठगी से बच सकेंगे। अधिकारियों की टीम संस्थानों में लगातार औचक निरीक्षण भी करेगी, ताकि यहां पढ़ाई बेहतर हो। लाइव मॉनिटरिंग एप बनाने की जिम्मेदारी बेल्ट्रॉन को दी गई है।

- जांच करने वाले अधिकारियों के शरीर में लगा रहेगा कैमरा
- राज्य में नर्सिंग संस्थानों को मान्यता देने का बदलेगा प्रावधान
- यहां एएनएम, जीएनएम,बीएससी नर्सिंग आदि कोर्स की पढ़ाई होती है

नर्सिंग संस्थानों में गुणवत्ता सुधार सरकार की प्राथमिकता है। सभी नर्सिंग संस्थानों की ग्रेडिंग करायी जाएगी। संस्थानों को पारदर्शी तरीके से मान्यता देने के लिए भी नया प्रावधान होगा। संस्थानों की लाइव मॉनिटरिंग भी होगी, ताकि पढ़ाई बेहतर हो। - सम्राट चौधरी, उप मुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री

अभी है यह प्रावधान
वर्तमान में संबंधित जिले के डीएम और सिविल सर्जन के एनओसी के आधार पर स्वास्थ्य विभाग की चार सदस्यीय कमेटी (अपर निदेशक, गायनी हेड, दो नर्सिंग संस्थानों के प्राचार्य) की जांच रिपोर्ट के आधार पर विभाग के अपर मुख्य सचिव और स्वास्थ्य मंत्री के स्तर पर मान्यता मिलती है।

मान्यता देने की प्रक्रिया
संबंधित जिले के जिलाधिकारी और सिविल सर्जन के एनओसी (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) के आधार पर क्वालिटी काउंसिंल ऑफ इंडिया की राज्य यूनिट संस्थान के स्थल की प्रारंभिक जांच कर रिपोर्ट बीएनआरसी (बिहार नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउंसिल) को जमा करेगी। बीएनआरसी की चार या छह सदस्यीय टीम जांच कर आगे की कार्रवाई की स्वीकृति देगी। इसके बाद संबंधित संस्थान फीस (50 हजार रुपये) जमा करेंगे। इसके बाद फिर दोबारा क्यूसीआई की राज्य यूनिट संस्थानों में आधारभूत संरचना से लेकर शिक्षक, लाइब्रेरी, लैब आदि की जांच रिपोर्ट साक्ष्य सहित बीएनआरसी में जमा करेगी। फिर यहां की स्क्रूटिनी कमेटी अंतिम रूप से मान्यता देने की अनुशंसा सरकार से करेगी। इसके बाद विभाग के उच्च अधिकारी और स्वास्थ्य मंत्री स्तर पर मान्यता दी जाएगी।