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Maharashtra Day 2021 : आज है महाराष्ट्र दिवस, जानें इसका इतिहास और इसे मनाए जाने की वजह

Maharashtra Day 2021 :  आज सिर्फ मजदूर दिवस ही नहीं बल्कि महाराष्ट्र दिवस और गुजरात दिवस भी है। भारत के दो बड़े राज्य महाराष्‍ट्र और गुजरात 1 मई का दिन अपने स्‍थापना दिवस के तौर पर मनाते...

Pankaj Vijay लाइव हिन्दुस्तान टीम, नई दिल्लीSat, 1 May 2021 10:20 AM
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Maharashtra Day 2021 : आज है महाराष्ट्र दिवस, जानें इसका इतिहास और इसे मनाए जाने की वजह

Maharashtra Day 2021 :  आज सिर्फ मजदूर दिवस ही नहीं बल्कि महाराष्ट्र दिवस और गुजरात दिवस भी है। भारत के दो बड़े राज्य महाराष्‍ट्र और गुजरात 1 मई का दिन अपने स्‍थापना दिवस के तौर पर मनाते हैं। भारत की आजादी के समय यह दोनों राज्‍य बॉम्‍बे प्रदेश का हिस्‍सा थे। आज के ही दिन भारत के इस राज्य 'महाराष्ट्र' की स्थापना हुई थी। पहले महाराष्‍ट्र और गुजरात का अलग अस्तित्‍व नहीं था। दोनों एक प्रदेश बॉम्‍बे का हिस्‍सा थे। उस वक्‍त बॉम्‍बे प्रदेश में मराठी और गुजराती भाषा बोलने वाले लोगों की तादाद सबसे ज्‍यादा थी। मराठी और गुजराती भाषा बोलने वाले लोग अपने लिए अलग-अलग राज्य की मांग कर रहे थे। दोनों भाषा के लोग अपने आंदोलन को दिन-ब-दिन तेज कर रहे थे।

दरअसल, राज्‍यों के पुनर्गठन अधिनियम 1956 के तहत कई राज्‍यों का गठन किया गया था. इस अधिनियम के तहत कन्‍नड़ भाषी लोगों के लिए कर्नाटक राज्‍य बनाया गया, जबकि तेलुगु बोलने वालों को आंध्र प्रदेश मिला। इसी तरह मलयालम भाषियों को केरल और तमिल बोलने वालों के लिए तमिलनाडु राज्‍य बनाया गया। लेकिन मराठियों और गुजरातियों को अलग राज्‍य नहीं मिला था। इसी मांग को लेकर कई आंदोलन हुए।

1 मई 1960 को भारत की तत्‍कालीन नेहरू सरकार ने बॉम्‍बे प्रदेश को 'बॉम्बे पुनर्गठन अधिनियम 1960' के तहत दो राज्‍यों में बांट दिया- महाराष्‍ट्र और गुजरात। दोनों राज्‍यों में बॉम्‍बे को लेकर भी विवाद हुआ था। मराठियों का कहना था कि बॉम्‍बे उन्‍हें मिलना चाहिए क्‍योंकि वहां पर ज्‍यादातर लोग मराठी बोलते हैं, जबकि गुजरातियों का कहना था कि बॉम्बे जो था, वो उनकी बदौलत था। आखिरकार बॉम्‍बे को महाराष्‍ट्र की राजधानी बनाया गया।

महाराष्ट्र दिवस को खास बनाने के लिए हर साल एक मई के दिन राज्य सरकार द्वारा कई रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। महाराष्ट्र सरकार द्वारा इस दिन को खास बनाने के लिए एक विशेष परेड निकाली जाती है।