CPI Maoist leader Rupesh appeals for one-month ceasefire, calls for peace talks CPI माओवादी ने एकबार फिर लगाई शांति की गुहार, संघर्ष विराम व निकलने के लिए सुरक्षित रास्ता मांगा, Chhattisgarh Hindi News - Hindustan
Hindi Newsछत्तीसगढ़ न्यूज़CPI Maoist leader Rupesh appeals for one-month ceasefire, calls for peace talks

CPI माओवादी ने एकबार फिर लगाई शांति की गुहार, संघर्ष विराम व निकलने के लिए सुरक्षित रास्ता मांगा

  • माओवादी नेता ने स्पष्ट किया कि प्रस्ताव के पीछे कोई छिपा हुआ एजेंडा नहीं है और इस बात पर जोर दिया कि बातचीत के लिए अनुकूल शांतिपूर्ण माहौल बनाने के लिए अस्थायी युद्धविराम जरूरी है।

Sourabh Jain हिन्दुस्तान टाइम्स, रितेश मिश्रा, रायपुर, छत्तीसगढ़Sat, 19 April 2025 10:04 PM
share Share
Follow Us on
CPI माओवादी ने एकबार फिर लगाई शांति की गुहार, संघर्ष विराम व निकलने के लिए सुरक्षित रास्ता मांगा

प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) ने शांति वार्ता शुरू करने और नक्सल विरोधी अभियान रोकने के लिए बयान जारी करने के दस दिन बाद एकबार फिर से शांति की अपील की है। यह नई अपील CPI (माओवादी) के उत्तर-पश्चिम उप-क्षेत्रीय ब्यूरो के प्रभारी रूपेश की तरफ से की गई है। अपनी अपील में रूपेश ने औपचारिक बातचीत शुरू करने के लिए उसने दोनों पक्षों के बीच एक महीने के संघर्ष विराम को बेहद जरूरी बताया और अपने नेताओं को वार्ता के लिए मनाने वास्ते खुद के लिए व अपने कुछ साथियों के लिए सुरक्षित निकलने का रास्ता भी मांगा। साथ ही कहा कि इसके पीछे उनका कोई छुपा हुआ एजेंडा नहीं है।

17 अप्रैल को जारी अपने इस कथित बयान में, रूपेश ने 8 अप्रैल को शांति वार्ता के लिए जाअपने पहले के प्रस्ताव पर तुरंत प्रतिक्रिया देने के लिए छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा को धन्यवाद दिया। उसने सरकार द्वारा सुरक्षा के आश्वासन और बातचीत के लिए आगे बढ़ने के लिए भी जरूरी खुलापन देने के लिए आभार व्यक्त किया। हालांकि, शर्मा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वह बयान के बारे में जानकारी लेंगे और फिर इस पर कोई टिप्पणी करेंगे।

रूपेश ने कहा, 'जैसा कि मैंने अपने पहले पत्र में उल्लेख किया था, और मैं फिर से दोहराता हूं, इस पहल का प्राथमिक लक्ष्य संघर्ष के नाम पर हो रही हत्याओं को तुरंत रोकना है।' इसके साथ ही माओवादी नेता ने स्पष्ट किया कि प्रस्ताव के पीछे कोई छिपा हुआ एजेंडा नहीं है और इस बात पर जोर दिया कि बातचीत के लिए अनुकूल शांतिपूर्ण माहौल बनाने के लिए अस्थायी युद्धविराम जरूरी है।

अभय ने सरकार से अनुरोध किया कि वह उसके खुद के लिए और कुछ अन्य प्रतिनिधियों के लिए एक सुरक्षित रास्ता और सुरक्षा की गारंटी दे, ताकि वे सीपीआई (माओवादी) की केंद्रीय और विशेष क्षेत्रीय समितियों से परामर्श कर सकें और वार्ता में भाग लेने वाले मध्यम स्तर के प्रतिनिधिमंडल के नामों को अंतिम रूप दे सकें। इस दौरान रूपेश ने सरकार से सीधी अपील करते हुए केंद्रीय और राज्य बलों द्वारा चलाए जा रहे सभी सशस्त्र अभियानों को एक महीने के लिए पूरी तरह से रोकने का आग्रह किया है।

माओवादी लीडर रूपेश की तरफ से जारी बयान में कहा गया, 'चूंकि मैंने पहले ही प्रेस में दिए अपने बयानों और अपने सभी कॉमरेड साथियों को लिखे विशेष पत्रों के माध्यम से हुई बातचीत के दौरान सरकारी बलों पर गोलियां न चलाने की अपील की थी, इसलिए मुझे विश्वास है कि आप मुझसे सहमत होंगे कि सरकार को एक महीने के युद्धविराम के आदेश जारी करने चाहिए। बस्तर में हिंसा तुरंत बंद होनी चाहिए।'

रूपेश की तरफ से जारी बयान के अनुसार, 'हिंसा रोकने की पिछली अपील के बावजूद सुरक्षा बलों ने अपना आक्रामक अभियान जारी रखा है।' आगे उसने हाल की दो घटनाओं का हवाला दिया- पहली 12 अप्रैल को, जिसमें अनिल पुनेम सहित तीन लोगों को इंद्रावती नदी के पास कथित तौर पर पकड़ कर मार दिया गया था और दूसरी 16 अप्रैल को कोंडागांव में, जिसमें डीवीसी सदस्य होलदार सहित दो लोगों की कथित तौर पर हत्या कर दी गई थी।

बयान में उसने आगे कहा कि, '.. अगर ऐसी घटनाएं जारी रहीं, तो पूरी शांति प्रक्रिया खतरे में पड़ सकती है।' पत्र में लोकतांत्रिक सोच रखने वाले नागरिकों से शांतिपूर्ण समाधान की मांग का समर्थन करने की अपील की गई है।

इस बीच, बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने अभय के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार ने स्पष्ट रूप से घोषणा की है कि माओवादियों को हिंसा छोड़ देनी चाहिए और राष्ट्रीय मुख्यधारा में शामिल होने के लिए आगे आना चाहिए।

ये भी पढ़ें:नक्सलियों को सरकार का ऑफर, LMG लाएं 5 लाख पाएं, सरेंडर पर और क्या इनामी पैकेज
ये भी पढ़ें:बातचीत के लिए तैयार पर…; नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ सरकार के सामने रख दी ये डिमांड
ये भी पढ़ें:नहीं चलाएंगे एक भी गोली, बातचीत को तैयार; माओवादियों के पत्र पर मंत्री का जवाब
ये भी पढ़ें:नक्सल विरोधी अभियानों के बीच शांति की गुहार, CPI माओवादी की युद्ध विराम की अपील
ये भी पढ़ें:गोली वाले बोली पर आए, ताबड़तोड़ एनकाउंटर से खौफ में नक्सली; कहा- हमसे बात कर लो

आईजी ने कहा, 'ऐसी स्थिति में सरकार केंद्रीय समिति/पोलित ब्यूरो स्तर के कैडरों से लेकर मिलिशिया स्तर के कैडरों तक हर माओवादी कैडरों को समायोजित करने और पुनर्वास करने के लिए हमेशा तैयार है। अगर माओवादी हिंसक गतिविधियों से खुद को अलग कर लें और सामाजिक मुख्यधारा में शामिल होने के लिए आगे आएं तो यह सभी हितधारकों के हित में होगा।'

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।