आरती उतारी, होली-दिवाली एक साथ; 27 नक्सलियों को ढेर कर लौटे जवानों ने ऐसे मनाया जश्न
फोर्स के जवान जीत की खुशी में बस्तरिहया गीत पर झूमते-नाचते और गाते देखे गए। जवानों ने नक्सलियों के सबसे सुरक्षित गढ़ अबूझमाड़ में घुसकर कुल 3.33 करोड़ रुपये के इनामी नक्सलियों का सफाया किया है।

छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ के जंगल में माओवादी संगठन के महासचिव नंबाला केशव राव उर्फ बसव राजू सहित 27 नक्सलियों को ढेर करने के बाद डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (DRG) के जवानों ने जिला मुख्यालय नारायणपुर में जश्न मनाया। नक्सल मोर्चे पर मिली बड़ी सफलता को लेकर जवानों को भव्य स्वागत किया गया। ग्राउंड जीरो से लेकर सुरक्षा कैंपों तक जवानों के जश्न मनाते कई वीडियो वायरल हो रहे हैं। ऑपरेशन को अंजाम देने वाले डीआरजी के योद्धाओं की आरती उतारी गई, उन पर फूल बरसाए गए। जवानों को अबीर और गुलाल लगाए गए। फोर्स के जवान जीत की खुशी में बस्तरिहया गीत पर झूमते-नाचते और गाते देखे गए। जवानों ने नक्सलियों के सबसे सुरक्षित गढ़ अबूझमाड़ में घुसकर कुल 3.33 करोड़ रुपये के इनामी नक्सलियों का सफाया किया है।
दरअसल, जवानों की यह सफलता और जश्न कुख्यात नक्सली नेता बसव राजू को मुठभेड़ में मार गिराना है। बसव राजू जैसे नक्सल संगठन के टॉप लीडर और पोलित ब्यूरो के महसचिव तक पहुंचना बहुत बड़ी चुनौती है। बसवराजू पिछले 35 वर्षों से नक्सल संगठन से जुड़ा था। बसवराजू खुद एके-47 लेकर चलता था। उसकी सुरक्षा में सुरक्षा में तैनात रहने वाले कमांडर रैंक के कई इनामी नक्सली मारे गए। बसव राजू 2010 के दंतेवाड़ा हमले में भी शामिल था, जहां के सीआरपीएफ 75 जवान शहीद हुए थे। झीरम घाटी जैसे कई बड़े हमले को अंजाम देने वाले 27 नक्सली भी इस ऑपरेशन में मारे गए हैं।
नारायणपुर के ओरछा में मारे गए 27 माओवादियों में से 2 आंध्र प्रदेश और 3 तेलंगाना के निवासी थे। मृतकों में 1 महासचिव, पोलितब्यूरो सदस्य (पीबीएम), 1 डीकेएसजेडसीएम, 4 सीवाईपीसीएम, 3 पीपीसीएम और पीएलजीए कंपनी नंबर 7 के 18 पीएम शामिल हैं। इन नक्सलियों पर छत्तीसगढ़ में ही कुल 3.33 करोड़ रुपये का इनाम घोषित था, जबकि आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, झारखंड, ओडिशा, मध्य प्रदेश सहित केंद्रीय एजेंसियों का इनाम अलग है। बसव राजू पर छत्तीसगढ़ में ही एक करोड़ रुपये का इनाम घोषित था। वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित अन्य राज्यों और केंद्रीय एजेंसियों ने भी उस पर अलग-अलग इनाम घोषित किए थे।
खूंखार नक्सल लीडर नंबाला केशव राव को बसवराजू, गंगन्ना, बीआर, प्रकाश, कृष्णा, दारापु नरसिम्हा रेड्डी के नाम से भी लोग जानते थे। आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले के निवासी रहे बसव राजू केमिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक था। क्षेत्रीय इंजीनियरिंग कॉलेज, वारंगल जिसे अब एनआईटी वारंगल कहा जाता है वहां उसने पढ़ाई की थी। देश के जिन राज्यों में माओवादी संगठन गतिविधियां संचालित हो रहे हैं, उसे बसवराजू ही ऑपरेट कर रहा था। अबूझमाड़ में पुलिस जवानों ने नक्सल संगठन की कमर तोड़ दी है। बसव राजू और यासन्ना के साथ नक्सलियों की पूरी कंपनी नंबर 7 खत्म हो गया है। इस एंटी नक्सल ऑपरेशन ने इतिहास रच दिया है। खूंखार नक्सली बसवराजू की सुरक्षा एजेंसियों को तलाश थी, उसे डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के जवानों ने मार गिराया। नक्सली बसव राजू ने गुरिल्ला युद्ध में महारथ हासिल किया था। वह कई नक्सली हमलों को अंजाम दे चुका था। सुकमा और दंतेवाड़ा में सबसे बड़े नक्सली हमले में भी बसव राजू शामिल था।
(रिपोर्ट- संदीप दीवान)
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