इज्जत करना सीखो...रुसवाई के आलम में सिद्धू ने दिया बाबर आजम का साथ, सुनाई फूल वाली कहानी
- भारत से हार के बाद बाबर आजम आलोचकों के निशाने पर हैं। नवजोत सिंह सिद्धू अब बाबर के सपोर्ट में आगे आए हैं। उन्होंने एक इमोशनल स्टोरी सुनाई है।

मेजबान पाकिस्तान आईसीसी चैंपियंस 2025 से बाहर हो चुका है। न्यूजीलैंड और भारत के खिलाफ हार के बाद पाकिस्तान का टूर्नामेंट से बोरिया बिस्तर बंध गया। पाकिस्तान के स्टार क्रिकेट बाबर आजम टूर्नामेंट में अपनी बल्लेबाजों को लेकर आलोचकों के निशाने पर हैं। उन्होंने न्यूजीलैंड के सामने 90 गेंदों में 64 रन बनाए। वहीं, भारत के विरुद्ध 26 गेंदों में 23 रन बटोरे। इंडिया महामुकाबले में विफल रहने पर पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर बाबर पर सख्त कमेंट कर रहे हैं। पूर्व दिग्गज तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने तो बाबर को फ्रॉड करार दिया। उन्हें सोशल मीडिया पर बुरी तरह ट्रोल किया जा रहा है। सवाई के आलम में भारत के पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने बाबर का साथ दिया है। उन्होंने पाकिस्तानियों से भी बाबर आजम का सपोर्ट करने की गुजारिश की। उन्होंने एक फूल वाली कहानी सुनाई, जिसमें बताया कि अपने जो दुख देते हैं, वो कितना खलता है।
'अपने हीरो की इज्जत करना सीखो'
सिद्धू ने स्टार स्पोर्ट्स पर कहा, ''एक बड़ा ही जबर्दस्त जनरल था। उसके राजा ने उसे राष्ट्रद्रोह में पकड़कर पेड़ से बांध दिया। हालांकि, जनरल देशभक्त था। लोगों से कहा गया कि उसे पत्थर मारो। लोग आए और पत्थर मारे लेकिन वह रोया नहीं। फिर उसके फौजी आए, जिसे उसने पाला था। उन फौजियों ने कहा कि हम अपने जनरल को कैसे मारें? तो उन्होंने एक फूल उठाकर जनरल को मारा। जनरल रोने लगा। किसी ने कहा कि लोगों ने पत्थर मारे तू रोया नहीं। अब क्यों रोने लगा? जनरल ने कहा कि लोगों ने पत्थर मारे तो मुझे बिलकुल भी दुख नहीं हुआ। लेकिन दोस्तों ने और अपनों ने जब फूल मारे तो फिर मेरी रूह को तकलीफ पहुंची। बाबर आजम इंसान है। उसे छोड़ दो, उसे खेलने दो। विराट कोहली भी फेल हुए हैं। बाबर आजम अच्छा इंसान है। उसने आपके लिए बहुत रन बनाए हैं। अपने हीरो की इज्जत करना सीखो। या सिर्फ किनारे पर खड़े होकर पत्थर ही मारना है।''
भारत से हार के बाद पाकिस्तान के पूर्व कप्तान मोहम्मद हफीज ने कहा कहा कि जो लोग बाबर और कोहली की तुलना करने की कोशिश कर रहे थे वे शर्मिंदा हो गए। बता दें कि कोहली ने पाकिस्तान के खिलाफ मैच में 111 गेंदों में नाबाद 100 रन बनाकर भारत की जीत की नैया पार लगाई। हफीज ने कहा, ''एक मैच को छोड़कर मुझे याद नहीं आता कि बाबर ने भारत के खिलाफ कभी अच्छा प्रदर्शन किया हो।'' पूर्व कप्तान जावेद मियांदाद इस नतीजे से हैरान नहीं थे लेकिन उन्होंने आश्चर्य जताया कि खिलाड़ी इतने दबाव में क्यों दिख रहे थे।
मियांदाद ने कहा, ''व्यवस्था, चयनकर्ताओं और इन सब पर दोष मढ़ना बेकार है। सवाल यह है कि क्या इन चयनित खिलाड़ियों में कुछ कमी है? क्या पीसीबी उनका ख्याल नहीं रखता? क्या उन्हें पर्याप्त भुगतान नहीं किया जाता? तो बड़े मैचों और टूर्नामेंटों में प्रदर्शन करने के लिए जुनून, जोश और पेशेवर रवैया कहां है।'' उन्होंने ने कहा, ''सच तो यह है कि मैच शुरू होने से पहले ही हमारे खिलाड़ी दबाव में थे। उनकी भाव भंगिमा देखिए। उनमें से कोई भी भारतीय गेंदबाजों पर हावी होने की कोशिश नहीं कर रहा था।''