कोलकाता नाइट राइडर्स पर भी मंडरा रहा है IPL 2025 से बाहर होने का खतरा, समीकरण बिगाड़ सकता है राजस्थान रॉयल्स
गत चैंपियन कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) रविवार को जब राजस्थान रॉयल्स का सामना करेगा तो उसका लक्ष्य जीत हासिल करके प्लेऑफ में पहुंचने की अपनी उम्मीद को जीवंत रखना होगा।

गत चैंपियन कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) रविवार को जब राजस्थान रॉयल्स का सामना करेगा तो उसका लक्ष्य जीत हासिल करके प्लेऑफ में पहुंचने की अपनी उम्मीद को जीवंत रखना होगा। केकेआर को लीग स्टेज में चार और मैच खेलने हैं और प्लेऑफ के लिए उसका समीकरण सीधा है। चारों मैच जीत कर 17 अंक तक पहुंचना। इससे वह अंतिम चार में पहुंचने के लिए अगर मगर से बच जाएगा। कागजों पर यह आंकड़ा भले ही सीधा नजर आता है लेकिन वास्तविकता में यह काफी मुश्किल है।
केकेआर को इन चार मैच में से दो मैच घरेलू मैदान पर खेलने हैं। वह रविवार को राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ खेलने के बाद बुधवार को अपने घरेलू मैदान पर चेन्नई सुपर किंग्स का सामना करेगा। इसके अलावा उसे 10 मई को सनराइजर्स हैदराबाद और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (17 मई) के खिलाफ उनके मैदान पर मैच खेलने हैं।
सनराइजर्स की टीम अपना उत्साह खो चुकी है लेकिन बेंगलुरु की टीम शानदार फॉर्म में चल रही है और ऐसे में कोलकाता का अंतिम मुकाबला बेहद रोचक होने की संभावना है।
लेकिन यह अभी बाद की बात है और केकेआर को अभी अपना ध्यान घरेलू मैदान पर होने वाले दो मैच पर केंद्रित करना होगा। राजस्थान और चेन्नई की टीम प्लेऑफ की दौड़ से लगभग बाहर हो चुकी हैं और ऐसे में वे बिना किसी खास दबाव के मैदान पर उतरेंगी जिससे निपटना केकेआर के लिए आसान नहीं होगा।
कोलकाता अगर यहां से कोई मैच हारता है तो उनकी गाड़ी 15 अंकों पर ही अटक जाएगी, इसके बाद उन्हें दूसरी टीमों के रिजल्ट पर निर्भर रहना होगा।
केकेआर की बड़ी चिंता घरेलू मैदान पर उनका खराब प्रदर्शन है। ईडन गार्डन्स कभी उनका गढ़ हुआ करता था, लेकिन इस बार उसने अभी तक पांच मैचों में से केवल एक जीत हासिल की है जबकि पंजाब किंग्स के खिलाफ पिछला मैच बारिश के कारण पूरा नहीं हो पाया था और दोनों टीमों को एक-एक अंक मिला था।
केकेआर के स्पिनर यहां की असमान उछाल से सामंजस्य से बिठाने में नाकाम रहे हैं जबकि उसके बल्लेबाज भी अपेक्षित प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं। उसकी बल्लेबाजी में आक्रामकता की कमी दिख रही है जिसके दम पर उसकी टीम ने पिछले साल खिताब जीता था।
पिछले सत्र में सुर्खियां बटोरने वाले फिनिशर रिंकू सिंह आठ पारियों में सिर्फ 169 रन बना पाए हैं जबकि सलामी बल्लेबाज क्विंटन डी कॉक ने सात पारियों में 137.50 के स्ट्राइक रेट से 143 रन बनाए हैं। उनके प्रदर्शन में निरंतरता का अभाव है।
लेकिन केकेआर को सबसे ज्यादा निराश वेंकटेश अय्यर ने किया है जिन्हें इस फ्रेंचाइजी ने 23.75 करोड रुपए में खरीद कर उप कप्तान नियुक्त किया था। वेंकटेश ने 10 मैचों में केवल 142 रन बनाए हैं।
कप्तान अजिंक्य रहाणे इस सत्र में केकेआर के सबसे भरोसेमंद बल्लेबाज रहे हैं, लेकिन वह फील्डिंग के दौरान हाथ में लगी चोट से जूझ रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं ठीक हूं। मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहा हूं और उम्मीद है कि मैं रविवार को मैच खेलूंगा।’’
राजस्थान रॉयल्स का अभी तक निराशाजनक प्रदर्शन रहा है। उसकी टीम ने अपने पिछले सात मैचों में केवल एक जीत हासिल की है जिससे उसकी नीलामी के दौरान अपनाई गई रणनीति की खामियां भी उजागर हो गई हैं।
आईपीएल की नई सनसनी 14 वर्षीय वैभव सूर्यवंशी ने 35 गेंद पर शतक लगाकर क्रिकेट जगत का ध्यान अपनी तरफ खींचा था लेकिन उनसे हर समय इसी तरह के प्रदर्शन की उम्मीद नहीं की जा सकती है।
टीम इस प्रकार हैंं:
कोलकाता नाइट राइडर्स: अजिंक्य रहाणे (कप्तान), रिंकू सिंह, क्विंटन डी कॉक (विकेटकीपर), रहमानुल्लाह गुरबाज़ (विकेटकीपर), अंगकृष रघुवंशी, रोवमैन पॉवेल, मनीष पांडे, लवनिथ सिसौदिया, वेंकटेश अय्यर, अनुकूल रॉय, मोइन अली, रमनदीप सिंह, आंद्रे रसेल, एनरिक नोकिया, वैभव अरोड़ा, मयंक मारकंडे, स्पेंसर जॉनसन, हर्षित राणा, सुनील नारायण, वरुण चक्रवर्ती और चेतन सकारिया।
राजस्थान रॉयल्स: संजू सैमसन (कप्तान), रियान पराग, यशस्वी जयसवाल, शिम्रोन हेटमायर, शुभम दुबे, वैभव सूर्यवंशी, ध्रुव जुरेल (विकेटकीपर), कुणाल सिंह राठौड़, युद्धवीर सिंह चरक, नितीश राणा, संदीप शर्मा, तुषार देशपांडे, आकाश मधवाल, कुमार कार्तिकेय, क्वेना मफाका, वानिंदु हसरंगा, महेश थीक्षाना, फजलहक फारूकी, अशोक शर्मा और जोफ्रा आर्चर।