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महीने की कमाई 12 हजार, बैंक बैलेंस 12 रुपए; गुजरात के ऑफिस बॉय को क्यों मिला 36 करोड़ का आयकर नोटिस

आयकर विभाग ने गुजरात के साबरकांठा जिले के रतनपुर गांव के रहने वाले एक शख्स को नोटिस जारी किया है। हैरानी की बात यह है कि व्यक्ति की मासिक आय केवल 12,000 है और बैंक बैलेंस में सिर्फ 12 रुपए हैं। उसे 36 करोड़ का नोटिस भेजा गया है।

Sneha Baluni साबरकांठा। हिन्दुस्तान टाइम्सThu, 10 April 2025 01:20 PM
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महीने की कमाई 12 हजार, बैंक बैलेंस 12 रुपए; गुजरात के ऑफिस बॉय को क्यों मिला 36 करोड़ का आयकर नोटिस

आयकर विभाग ने गुजरात के साबरकांठा जिले के रतनपुर गांव के रहने वाले एक शख्स को नोटिस जारी किया है। हैरानी की बात यह है कि व्यक्ति की मासिक आय केवल 12,000 है और बैंक बैलेंस में सिर्फ 12 रुपए हैं। उसे 36 करोड़ रुपए के “अनिर्धारित लेन-देन” के बारे में स्पष्टीकरण देना है, जिसे लेकर उसका कहना है कि उसे कुछ नहीं पता। सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी में ऑफिस बॉय जितेशकुमार मकवाना ने कहा कि उसकी आय इतनी कम है कि वह आयकर रिटर्न दाखिल नहीं कर सकता।

मकवानी ने कहा, “जब मैंने 36 करोड़ का नोटिस देखा, तो मैं हैरान रह गया। मैं कागज को घूरता और उसका मतलब समझने की कोशिश करता रहा। मेरे बैंक खाते में केवल 12 रुपए हैं।” उन्होंने बताया कि नोटिस मिलने के बाद उन्होंने स्थानीय पुलिस स्टेशन से संपर्क किया, जिसने उन्हें साइबर क्राइम यूनिट के पास भेज दिया। यूनिट ने मुझे आयकर कार्यालय भेजा, जहां मुझे जीएसटी (माल और सेवा कर) अधिकारियों से संपर्क करने के लिए कहा गया। उन्होंने मुझे वापस भेज दिया।

मकवाना ने कहा कि मुझे शुरू में लगा कि यह गलत पहचान का मामला है, लेकिन बाद में पता चला कि ऐसा नहीं है। माना जा रहा है कि मकवाना के परमानेंट अकाउंट नंबर का इस्तेमाल जीएसटी फाइलिंग की धोखाधड़ी के लिए किया गया है। आयकर विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि जीएसटी विभाग ने हाई वैल्यू लेन-देन को चिन्हित किया है। उसके खिलाफ जांच चल रही है। यह बिलिंग धोखाधड़ी का मामला हो सकता है, जिसमें व्यक्ति को पूरी जानकारी दिए बिना उसके बैंक और व्यक्तिगत डिटेल्स का दुरुपयोग किया जाता है।

पांच लोगों के परिवार में अकेले कमाने वाले मकवाना ने कहा कि उन्होंने अपने बैंक स्टेटमेंट की जांच की और उन्हें उसमें कुछ भी असामान्य नहीं मिला। आयकर अधिनियम की धारा 148ए (1) के तहत उन्हें 29 मार्च को नोटिस जारी किया गया था, जो प्राप्तकर्ता को आय मूल्यांकन को रीओपन करने से पहले जवाब देने की अनुमति देता है। इसमें उन पर साल 2020-21 के दौरान 36,03,58,915 रुपए के लेनदेन को छिपाने का आरोप लगाया गया है।

नोटिस में कहा गया है कि हाई वैल्यू लेन-देन एक पोर्टल पर देखे गए थे, जो संभावित रूप से जोखिमपूर्ण वित्तीय व्यवहार को ट्रैक करने के लिए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड की पहल का हिस्सा है। नोटिस में जीएसटीआर-3बी फाइलिंग के तहत 15.97 करोड़ रुपये के टर्नओवर और जयेश भरतभाई नकरानी से जुड़ी जेके एंटरप्राइज नामक कंपनी के जरिए 20 करोड़ रुपये से ज्यादा के इनपुट टैक्स क्रेडिट की सूची दी गई है। इसमें कहा गया है कि इन लेन-देन का न तो खुलासा किया गया और न ही इन पर कोई टैक्स लगाया गया।

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