Pahalgam Terror Attack survivor recounts husband death Said He Was On My Lap and my Children आतंकी मेरे बच्चे के पास खड़े थे और पति का सिर मेरी गोद में; पहलगाम हमले की पीड़िता ने बताया वह खौफनाक मंजर, Gujarat Hindi News - Hindustan
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आतंकी मेरे बच्चे के पास खड़े थे और पति का सिर मेरी गोद में; पहलगाम हमले की पीड़िता ने बताया वह खौफनाक मंजर

इस भयावह मंजर को बयां करते हुए शैलेश की पत्नी शीतल कलाथिया ने कहा, गोली लगने के बाद मैं अपने पति को गोद में लेकर मदद की भीख मांगती रहीं, लेकिन कोई मदद नहीं मिली।

Aditi Sharma लाइव हिन्दुस्तान, सूरतFri, 25 April 2025 02:10 PM
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आतंकी मेरे बच्चे के पास खड़े थे और पति का सिर मेरी गोद में; पहलगाम हमले की पीड़िता ने बताया वह खौफनाक मंजर

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले में जिन 26 लोगों की मौत हुई, उनमें एक नाम शैलेथ कलाथिया का भी था। उन्हें आतंकियों ने उस वक्त मारा जब वह अपने परिवार के साथ इंडिया का मिनी स्वीटरलैंड कहे जाने वाले पहलगाम गए थे। वह वहां मुश्किल से 10-15 मिनट होंगे तभी उन्हें गोली चलने की आवाजें सुनाई दी और इसके कुछ देर बाद ही आतंकी वहां आ धमके। उन्होंने वहां मौजूद लोगों को धर्म के आधार पर अलग होने के लिए कहा और फिर हिन्दुओं को गोली मार दी।

इस भयावह मंजर को बयां करते हुए शैलेश की पत्नी शीतल कलाथिया ने कहा, गोली लगने के बाद मैं अपने पति को गोद में लेकर मदद की भीख मांगती रहीं, लेकिन कोई मदद नहीं मिली।इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने बताया, वह पहलगाम में 10-15 मिनट के लिए ही थे। उनके साथ उनके बच्चे और परिवार के अन्य सदस्य भी थे। तभी अचानक गोलीबारी होने लगी। शुरुआत में उन्हें कुछ समझ नहीं आया। उन्होंने पास के एक दुकानदार से पूछा तो उसने भी यही कहा कि उसने भी ऐसी आवाज पहली बार सुनी है। उसके थोड़ी देर बाद ही आतंकी वहां आ गए। इसके बाद आतंकियों ने कहा कि मुस्लिम और हिंदू अलग हो जाओ। इसके बाद सभी हिन्दुओं को अगले 2-3 मिनट में गोली मार दी गई।

शीतल ने आगे कहा, पति को गोली लगी थी और वह मेरी गोद में थे। ऐसे में वह हिल भी नहीं पा रही थी। वहीं आतंकवादी उसने बच्चों के पास खड़े थे और उसे अब अपने बच्चों की चिंता हो रही थी। रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा, मैं बस यही उम्मीद करती रही कि कोई मेरे पति को बचाने आएहा। हमने कई बार गोलीबारी की आवाज सुनी लेकिन वहां कोई सिक्योरी, मिलिट्री या पुलिसकर्मी नहीं आया।

उन्होंने कहा, आतंकियों के जाने के बाद स्थानीय लोगों ने बचे हुए लोगों से कहा कि बूच्चों को लेकर भाग जाओ, आतंकवादी दोबारा भी आ सकते हैं। उन्होंने कहा, "मैंने अपने बच्चों को घुटनों तक कीचड़ में नंगे पांव ले जाकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।

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