...तो अंतिम जुमे की नमाज होगी; शिमला में संजौली मस्जिद के बाहर हंगामा, हनुमान चालीसा का पाठ
हिमाचल की राजधानी शिमला के सबसे बड़े उपनगर संजौली में स्थित विवादित मस्जिद को लेकर एक बार फिर माहौल गरमा गया है।

हिमाचल की राजधानी शिमला के सबसे बड़े उपनगर संजौली में स्थित विवादित मस्जिद को लेकर एक बार फिर माहौल गरमा गया है। मंगलवार शाम हिंदू संगठन देवभूमि संघर्ष समिति के सदस्यों ने मस्जिद के बाहर सड़क पर हनुमान चालीसा का पाठ कर विरोध जताया। वे मस्जिद स्थल की ओर बढ़ रहे थे लेकिन पुलिस ने उन्हें मौके पर जाने से रोका। इसके बाद उन्होंने सड़क पर ही बैठकर पाठ शुरू कर दिया और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।
संघर्ष समिति के सह-संयोजक विजय शर्मा ने कहा कि मस्जिद को अवैध घोषित किया गया है। ऐसे में इस विवादित स्थल पर किसी भी प्रकार की नमाज की अनुमति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने दावा किया कि मस्जिद जिस भूमि पर यह बनी है, वह जमाबंदी में देवस्थान के रूप में दर्ज है। विजय शर्मा ने चेतावनी दी कि अगर शुक्रवार को नमाज अदा की गई तो पूरे प्रदेश से सनातनी संजौली पहुंचेंगे और बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि अगर प्रशासन ने उन्हें हनुमान चालीसा पढ़ने से रोका है तो मुस्लिम समुदाय को भी वहां नमाज पढ़ने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए।
बिजली-पानी काटने और आवाजाही पर रोक की मांग
वहीं देवभूमि संघर्ष समिति के एक अन्य सह-संयोजक मदन ठाकुर ने आरोप लगाया कि कुछ बाहरी लोग शिमला में अवैध रूप से रह रहे हैं और प्रशासन उन्हें रोकने में विफल रहा है। उन्होंने मांग की है कि विवादित मस्जिद स्थल की बिजली-पानी की आपूर्ति तत्काल काटी जाए और वहां आवाजाही पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए। साथ ही उन्होंने चेताया कि यदि शुक्रवार को दोबारा नमाज हुई, तो वह "अंतिम जुमे की नमाज" होगी, इसके बाद संघर्ष से भी परहेज नहीं किया जाएगा। उन्होंने पूछा कि जब हिंदू समुदाय कानून का पालन कर रहा है तो मुस्लिम समुदाय को भी संविधान और इस्लाम के नियमों का पालन करना चाहिए।
मदन ठाकुर ने कहा कि उन्हें सड़क पर बैठाकर हनुमान चालीसा पढ़ने के लिए मजबूर किया गया। उन्होंने मुख्यमंत्री और पुलिस प्रशासन का धन्यवाद किया कि उनकी सुरक्षा की गई लेकिन सवाल उठाया कि अगर समय रहते सुरक्षा न मिलती तो बड़ी अनहोनी हो सकती थी।
नगर निगम अदालत ने दी थी ढहाने की अंतिम चेतावनी
गौरतलब है कि संजौली मस्जिद को लेकर पिछले कुछ समय से विवाद चला आ रहा है। नगर निगम शिमला के आयुक्त भूपिंदर अत्री की अदालत ने 3 मई 2025 को मस्जिद के पूरे निर्माण को अवैध करार देते हुए इसे ध्वस्त करने का आदेश जारी किया था। इससे पहले 5 अक्टूबर 2024 को अदालत ने मस्जिद की ऊपरी तीन मंजिलें गिराने को कहा था। मस्जिद कमेटी को दो महीने का समय मिला था लेकिन समय पर निर्माण नहीं हटाया गया। बाद में दो बार और मोहलत मांगी गई परंतु अब भी एक मंजिल और पिलर अधूरे हैं। दरअसल मस्जिद का निर्माण रिहायशी इलाके के बीच है जिससे प्रशासन के लिए ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया आसान नहीं रही। सुरक्षा, यातायात और कानून-व्यवस्था की दृष्टि से प्रशासन अतिरिक्त सतर्कता बरत रहा है।
11 सितंबर को भी खूब हुआ था हंगामा
संजौली मस्जिद विवाद अगस्त 2024 में उस वक्त सुर्खियों में आया, जब शहर के मल्याणा क्षेत्र में दो समुदायों के बीच झड़प हो गई थी। इसमें एक व्यक्ति घायल हुआ था। इसके बाद 1 सितंबर को मस्जिद के बाहर तनाव की स्थिति उत्पन्न हुई। 11 सितंबर को हिंदू संगठनों ने मस्जिद के अवैध निर्माण के खिलाफ प्रदर्शन किया जो हिंसक हो गया और पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। कई प्रदर्शनकारी और पुलिसकर्मी घायल हुए थे।
रिपोर्ट- यूके शर्मा
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